UP Assembly Elections 2022: दीदारगंज विधानसभा पर बसपा का कब्जा, भाजपा पर मतदाताओं ने नहीं जताया भरोसा
2017 में दरियागंज सीट पर बसपा का कब्जा रहा. बसपा के राजभर ने समाजवादी पार्टी के आदिल शेख को हराया.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. राजनीतिक दल जहां जीत हार की गुणा-गणित में जुटे हैं. वहीं स्थानीय नेता भी अपनी गोटियां सजाने में लगे हैं. उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले की 10 विधानसभा सीटों में से एक सीट दीदारगंज विधानसभा सीट (Didarganj Assembly Seat) है. जहां सपा-बसपा आमने-सामने रहती है. इस सीट पर भाजपा को सबसे कम मौका मिला है. 90 के दशक में यहां कांग्रेस के विधायक सदन पहुंचते रहे हैं. इस सीट (Didarganj Assembly Seat) पर पिछड़ी जातियों का वोट बैंक निर्णायक होता है. जानते हैं दीदारगंज में जीत-हार का समीकरण क्या रहा है.
सपा और बसपा रही आमने-सामने
दीदारगंज विधानसभा (Didarganj Assembly Seat) चुनाव में सपा-बसपा की लड़ाई अरसे से देखने को मिलती रही है. 2012 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर समाजवादी पार्टी के आदिल शकील में 64361 वोट पाकर जीत दर्ज की थी. वहीं बसपा के सुखदेव राजभर 62134 वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहे. 2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट (Didarganj Assembly Seat) पर बहुजन समाज पार्टी का कब्जा रहा और राजभर को 62125 वोट मिले, जबकि समाजवादी पार्टी के आदिल शेख 58480 वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहे. भाजपा के श्याम सुन्दर चौहान चौथे स्थान पर रहे.
आज भी विकास का इंतज़ार
दीदारगंज विधानसभा (Didarganj Assembly Seat) से कई चेहरे मंत्री बने लेकिन विकास की रफ़्तार आज तक गति नहीं पा सकी है. 1991 में पति राज सोनकर ने भाजपा की सीट जीतकर विधायक बने और मंत्री भी रहे लेकिन जनता की उम्मीदों पर पानी फिर गया. बता दें की 1991 के बाद अब तक भाजपा ने यहां जीत का मुंह नहीं देखा है. बसपा की हीरा लाल गौतम यहां से विधायक बने और मंत्री बने लेकिन समस्याएं जस की तस बनी रही. इस विधानसभा सीट पर 3 लाख 88 हजार मतदाता हैं. जिनमें से 2 लाख छह हजार पुरुष मतदाता हैं. वहीं एक लाख 82 हजार महिला मतदाता हैं. इस विधानसभा में पिछड़ी विरादरी का वोट निर्णायक माना जाता है.