UP Assembly Elections 2022: लालगंज विधानसभा पर बसपा का कब्जा, जानिए इस सीट से जुड़ी हर अपडेट

2017 में लालगंज सीट पर बसपा के आजाद अली मर्दन ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने भाजपा के दरोगा प्रसाद को शिकस्त दी थी.

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 भाजपा सहित सभी दलों के लिए बेहद अहम माना जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में अपनी पकड़ कमजोर नहीं होने देना चाहती. देश के सबसे बड़े प्रदेश में भाजपा सत्ता में बने रहने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंकने की तैयारी में है. वहीं 2012 में सत्ता से बेदखल हुई समाजवादी पार्टी दोबारा काबिज होने को बेताब है. बसपा अपने मूल वोट बैंक के साथ समीकरण को समझ रही है. कांग्रेस अपनी पुरानी जड़ों को फिर मजबूत करने के लिए प्रियंका गांधी लगातार उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं.

विधानसभा चुनाव में सभी दल पूर्वांचल की सीटों पर ज्यादा से ज्यादा जीत दर्ज करने के लिए जिताऊ उम्मीदवार पर दांव लगाने की तैयारी में हैं. बात करते हैं आजमगढ़ जिले की लालगंज विधानसभा (Lalganj Assembly Seat) की. यहां 2017 की मोदी लहर में भी बहुजन समाज पार्टी ने जीत दर्ज करके भाजपा को शिकस्त दी थी. लालगंज विधानसभा (Lalganj Assembly Seat) के जानकारों की मानें तो पिछड़े और ओबीसी सहित अन्यजाति के मतदाता निर्णायक हैं. इस सीट पर 2012 में सपा जीती नहीं तो यह सीट 1991 से बसपा के पास है.

कब कौन रहा विधायक

लालगंज विधानसभा (Lalganj Assembly Seat) से 1977 में दत्त ईश्वर दत्त यादव ने जीत दर्ज की. 1985 विधानसभा चुनाव में जेएनपी से श्री प्रकाश विधायक चुने गए. 1989 के विधानसभा चुनाव में श्री प्रकाश जनता दल से जीतकर विधानसभा पहुंचे. 1991 के विधानसभा चुनाव में सुखदेव राजभर विधानसभा तक पहुंचने में सफल रहे. 1993 में फिर सुखदेव राजभर ने बसपा से जीत दर्ज की. 1996 में नरेंद्र बसपा से जीतकर विधानसभा पहुंचे. 2002 सुखदेव राजभर बसपा से जीते.

2007 में फिर सुखदेव राजभर ने जीत दर्ज की. 2012 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के बेचई ने चुनाव जीता. 2017 के विधानसभा में बसपा के आजाद अली मर्दन ने 72715 वोट पाकर जीत दर्ज की. उन्होंने 70488 वोट पाए भाजपा के दरोगा प्रसाद सरोज को शिकस्त दी.

जातीय समीकरण

2012 विधानसभा चुनाव के अनुसार जातीय आंकड़े को देखें तो यह दलित और यादव बिरादरी और मुस्लिम राजपूत बराबर हैं. यादव बिरादरी 40 हजार, मुस्लिम 35 हजार, राजपूत 35 हजार, दलित 40 हजार, भूमिहार 15 हजार, ब्राह्मण 10 हजार, राजभर 38 हजार, चौहान 12 हजार, निषाद आठ हजार, पासवान 20 हजार, सोलकर 15 हजार, 5000 मौर्य, 5000 बढ़ाई, 5000 जबकि अन्य मतदाता 32315.

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