UP Assembly Election 2022: कोरांव विधानसभा सीट पर भाजपा का कब्जा, जानिए इससे जुड़ी हर अपडेट
2017 में कोरांव सीट पर बीजेपी का खाता खुला. बीजेपी के राजमणि कोल ने कांग्रेस के रामकृपाल को हराया
कोरांव विधानसभा सीट (Koraon Assembly Seat) एक आदिवासी बहुल इलाका है. यहां का मुख्य व्यवसाय कृषि है और यहां के लोग धान, गेहूं की खेती करते हैं. वहीं क्षेत्र में कोल जाति के मतदाताओं की संख्या ज्यादा होने के कारण यहां कोल प्रत्याशी के जीतने की संभावना भी ज्यादा होती है. 2017 के चुनाव में कोल समाज के ही प्रत्याशी की जीत हुई थी. कभी इस पूरे इलाके पर वामपंथियों की पकड़ मानी जाती थी लेकिन अब सीट (Koraon Assembly Seat) में भाजपा ने सेंध लगा दी है.
राजनीतिक समीकरण
2012 में पहली बार इस विधानसभा सीट (Koraon Assembly Seat) पर मतदान हुआ. आदिवासी बहुल इलाका होने के कारण बहुजन समाज पार्टी ने राजबली जैसल को अपना प्रत्याशी बनाया. वहीं भारतीय जनता पार्टी ने तुलसीदास को अपना प्रत्याशी घोषित किया. इस चुनाव में बसपा प्रत्याशी राजबली जैसल की जीत हुई. उन्हें 44755 मत मिले, जबकि दूसरे नंबर पर सीपीएम के रामकृपाल को 36982 मत मिले. बीजेपी के तुलसीदास तीसरे स्थान पर रहे. वहीं इस सीट (Koraon Assembly Seat) पर सपा चौथे स्थान पर रही.
2017 विधानसभा चुनाव में इस सीट (Koraon Assembly Seat) पर बीजेपी का खाता खुला. बीजेपी के उम्मीदवार राजमणि कोल को 100427 मत मिले. वहीं कांग्रेस पार्टी के रामकृपाल दूसरे नंबर पर रहे, उन्हें 46731 मत मिले. भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी राजमणि ने 53696 मतों के अंतर से यह सीट जीत ली. 2012 के विधायक रहे बसपा के राजबली जैसल को इस चुनाव में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ. जबकि चौथे नंबर निर्दल प्रत्याशी धर्मराज थे. बसपा प्रत्याशी को छोड़कर बाकी सभी प्रत्याशियों की इस चुनाव में जमानत भी जप्त हो गई.
2022 के विधानसभा चुनाव में यह सीट (Koraon Assembly Seat) महत्वपूर्ण है क्योंकि एक तरफ भारतीय जनता पार्टी अपनी इस सीट पर दोबारा कब्जा करने की तैयारी में है. वहीं दूसरे दल कोल मतदाताओं को अपने पक्ष में करने में जुटे हुए हैं.
जातीय समीकरण
प्रयागराज जनपद की कोरांव विधानसभा सीट (Koraon Assembly Seat) में कुल मतदाताओं की संख्या 3.30 लाख के करीब है. वहीं यह क्षेत्र आदिवासी बहुल क्षेत्र है, जिसमें कुल मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है. वहीं 60 हजार पिछड़ी जाति के मतदाता भी हैं. जिसके कारण इस चीज पर आदिवासी समाज में अच्छी पकड़ रखने वाले दिल की ही जीत होती है.
कुल मतदाता – 305000
पुरुष मतदाता – 189998
महिला मतदाता – 159250