ग्वालियर में खतरनाक होता डेंगू, 2200 के पार हुआ…

  • अंचल के अन्य शहरों में भी हालत खराब हो रहे हैं
24 घंटे में 76 डेंगू पॉजिटिव केस, ग्वालियर में 60 बच्चों समेत 71 नए मरीज मिले, भिंड, मुरैना, शिवपुरी से भी आ रहे पॉजिटिव मरीज.…..

ग्वालियर में मंगलवार को डेंगू का एक भी पॉजिटिव केस नहीं मिला था,लेकिन बुधवार रात को आई रिपोर्ट में 76 डेंगू के केस मिले हैं। इनमें से 71 ग्वालियर के मरीज हैं। हैरत की बात यह है कि 71 में से 60 मरीजों की उम्र 18 साल से कम है। बुधवार रात तक ग्वालियर में डेंगू के कुल मरीजों की संख्या 2224 हो गई है। ग्वालियर-चंबल अंचल में डेंगू अब खतरनाक होता जा रहा है। यह जिला प्रशासन, स्वास्थ्य और नगर निगम के अफसरों के लिए नई मुसीबत बन गया है। बीते 24 घंटे में जिले में हुई 76 मरीज को डेंगू होने की पुष्टि हुई है। इनमें से 71 ग्वालियर और शेष 5 मरीज पड़ोसी शहरों से हैं मुरैना, भिंड, शिवपुरी, दतिया और श्योपुर से हैं।

इस तरह के हालात भी है एक बेड पर दो से तीन बच्चे भर्ती करने पड़ रहे थे
इस तरह के हालात भी है एक बेड पर दो से तीन बच्चे भर्ती करने पड़ रहे थे

अस्पताल में नहीं मिल रहे बेड, हालत खराब
– जिस तेजी से शहर में डेंगू के केस मिल रहे हैं, उससे शहर के अस्पतालों विशेषकर जयारोग्य अस्पताल में बेड नहीं मिले रहे हैं। मरीजों को जमीन पर बच्चों को एक-एक बेड पर दो से तीन तक भर्ती करने पड़ रहे हैैं। हालातों को देखते हुए जयारोग्य चिकित्सालय (JAH) और जिला अस्पताल में डेंगू के मरीजों के लिए बेड बढ़ाए गए हैं, लेकिन उससे भी हालात पर काबू नहीं पाया जा सका है और बेड बढाने की तैयार की जा रही है।
जिन इलाकों में कोविड का था प्रकोप, वहीं डेंगू भी पन रहा
– जिन इलाकों में दूसरी लहर में कोविड के केस ज्यादा मिले थे उन्हीं इलाकों जैसे मुरार, गोले का मंदिर, महाराजपुरा, दीनदयाल नगर, सिद्धेश्वर नगर, सिटी सेंटर, पटेल नगर, गोविंदपुरी, ग्वालियर क्षेत्र, गांधीनगर, बिरला नगर, न्यू रेलवे कालोनी, बहोड़ापुर, विनय नगर, आनंद नगर, उरवाई गेट। लश्कर क्षेत्र, सिकंदर कंपू, आम खो, गोल पहाड़िया, वीरपुर, नाका चंद्रवदनी, ढोली बुआ का पुल पर डेंगू के मरीज भी ज्यादा मिले हैं।
जेएएच अधीक्षक को डेंगू वार्ड में नहीं मिली मच्छरदानी
जयारोग्य चिकित्सालय अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरकेएस धाकड़ ने एक दिन पहले डेंगू वार्ड का औचक निरीक्षण किया। यहां उन्हें मरीजों के बेड पर मच्छरदानी नहीं मिलीं। शासन के आदेश हैं कि डेंगू के मरीज को मच्छरदानी में रखें। मरीजों के बेड पर मच्छरदानी न होने पर अधीक्षक ने नाराजगी जाहिर की और अस्पताल प्रबंधक व उप प्रबंधक से कहा कि अभी मच्छरदानी मंगवाकर लगवाओ, मैं एक घंटे बाद फिर देखने आऊंगा। इसके बाद डेंगू वार्ड में मच्छरदानी लगवा दी गईं। डेंगू वार्ड के बाहर जमा हो रहे पानी को भी नगर निगम की टीम बुलवाकर साफ कराया गया।
कीटनाशक और फोगिंग के बाद भी नहीं हो रहा काबू
– कोरोना की तीसरी लहर से निपटने का दावा कर रहे अधिकारी डेंगू को गंभीरता से लेने के बाद भी काबू नहीं कर पा रहे हैं। यही कारण है कि कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है और फोगिंग भी की जा रही है, लेकिन हालात काबू में आते नजर नहीं आ रहे हैं। डॉक्टरों का ऐसा मानना था कि सर्दी का मौसम आते ही खुद डेंगू कम हो जाएगा, लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ है। डेंगू के लगातार मरीज मिल रहे हैं।

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