जाम से परेशानी …… बाढ़ से जर्जर सिंध पुल का 3 माह बाद भी मेंटेनेंस नहीं, पुराने पुल से निकाला जा रहा ट्रैफिक
- ग्वालियर-झांसी हाईवे के सिंध पुल पर एक तरफ निकाला जा रहा ट्रैफिक, दिनभर लग रहा जाम
- वाहनों की कतार… हाईवे पर रोज ऐसे ही हालात, लेकिन अफसरों को चिंता ही नहीं
सिंध नदी में आई बाढ़ के कारण पुल और सड़कों को बहे 3 महीने से भी ज्यादा का समय बीत गया है, लेकिन अभी तक उनके मेंटेनेंस का कार्य तक शुरू नहीं कराया गया है। ग्वालियर झांसी हाईवे पर एक ही पुल से दोनों तरफ का ट्रैफिक निकाला जा रहा है जिससे दिनभर वाहनों की लाइन लगी रहती है। बुधवार को तो दिन में 1 घंटे तक जाम लगा रहा।
अगस्त माह के शुरुआत में सिंध और पार्वती नदी में आई बाढ़ के कारण कई गांव में तो पानी भर ही गया था। वहीं लिधौरा पुल और बड़गोर पुल बह गए थे। इसके अलावा ग्वालियर-झांसी हाईवे पर नए पुल का एप्रोच भी क्षतिग्रस्त हो गया था लेकिन 3 माह का समय बीतने के बाद भी एक भी पुल का काम शुरू नहीं कराया गया है। इसके अलावा पानी से उखड़ी सड़कों की मरम्मत शुरू नहीं करवाई गई है। जिसका खामियाजा वाहन चालकों को भुगतना पड़ रहा है। सड़क दुरुस्त नहीं होने से वाहन चालकों के साथ दुर्घटनाएं भी हो रही हैं।
वाहनों की लग रही लंबी लाइन
ग्वालियर-झांसी हाईवे पर सिंध नदी पर दो पुल बने हुए हैं। बाढ़ की वजह से नए पुल की दोनों तरफ की एप्रोच रोड क्षतिग्रस्त हो गई थी जिसकी वजह से पुराने पुल से ही दोनों तरफ का ट्रैफिक निकालना शुरू किया गया था जोकि 3 महीने गुजर जाने के बाद अब भी जारी है। हाईवे पर भारी संख्या में वाहनों का आवागमन होने के कारण पुल पर लंबी लाइन लग रही है। ऐसा दिन भर चलता रहता है और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। हालत यह है कि बिना जाम में फंसे कोई भी वाहन यहां से नहीं निकल पाता।
सड़कें भी नहीं सुधारी गईं
सिंध नदी में आई भारी बाढ़ की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कें तो बदहाल हो ही गई हैंं। करेरा रोड, नरवर रोड, ग्वालियर-झांसी हाईवे भी कई जगह क्षतिग्रस्त हो गया। यहां से निकलने वाले वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं नरवर रोड तो क्षतिग्रस्त होने की वजह से पूरी तरह से बंद हो गया था जिससे टेंपरेरी तौर पर शुरू करा दिया गया है।
इधर… नाव से नदी करने की मजबूरी
बाढ़ के कारण लांच-लिधौरा पुल बह गया था। इससे पिछोर क्षेत्र से इंदरगढ़ और दतिया जिले का संपर्क टूट गया। लोगों को 25 किमी से अधिक का फेर लगाकर गोराघाट होकर इंदरगढ़ जाना पड़ रहा है। वहीं बड़गोर पुल के बहने से करीब 12 से ज्यादा गांव का करैरा और भितरवार से संपर्क कटा हुआ है। जिसकी वजह से लोगों को लंबा फेर लगाकर करियावटी होकर जाना पड़ रहा है। लांच पुल के पास लोगों की जान जोखिम में डालकर नाव के सहारे नदी पार कराई जा रही है।
पुल चालू कराने एनएचएआई के अफसरों से बात करेंगे
बाढ़ में बहे पुलों के निर्माण में समय लगेगा लेकिन जो सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, उनकी जल्द ही मरम्मत कराई जाएगी। हाईवे के पुल को चालू कराने के लिए एनएचएआई के अधिकारियों से बात करेंगे ताकि ट्रैफिक निकालने में दिक्कत न हो। प्रदीप कुमार शर्मा, एसडीएम, डबरा