दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति से मचा हड़कंप, अधिकांश 5-स्टार होटल्स ने रेटिंग घटाने की जताई इच्छा
शराब को परोसने के लिए 24X7 लाइसेंस को इसमें शामिल कर दिया गया है और जबरन कम्पोजिट शुल्क थोपा गया है, इसके लिए स्थान/क्षेत्र या 24X7 शराब सेवा की मांग और लाइसेंस यूनिट की पसंद का ध्यान ही नहीं रखा गया है।
- दिल्ली की नई आबकारी नीति में कम्पोजिट फीस स्ट्रक्चर का हो रहा है विरोध।
- 5-स्टार होटल को एल-16 लाइसेंस के लिए देना होगा 1 करोड़ रुपये का शुल्क
- 3 व 4-स्टार होटल के लिए यह शुल्क 15 लाख रुपये प्रति फूड एंड बेवरेज आउटलेट्स है
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति का होटल एंड रेस्टॉरेंट एसोसिएशन ऑफ नॉर्दन इंडिया ने विरोध किया है। होटल एंड रेस्टॉरेंट एसोसिएशन ऑफ नॉर्दन इंडिया ने नई आबकारी नीति में पेश की गई कम्पोजिट फीस स्ट्रक्चर का विरोध करते हुए कहा है कि प्रति वर्ष 1 करोड़ रुपये की कम्पोजिट फीस के कारण राजधानी के अधिकांश 5-स्टार होटल्स ने डीक्लासीफाई या अपने रेटिंग बदलकर 4-स्टार करने की इच्छा जताई है।
कम्पोजिट फीस स्ट्रक्चर का विरोध करते हुए थपलियाल ने कहा कि इससे राजधानी में 5-स्टार होटलों की संख्या में गिरावट आएगी, क्योंकि अधिकांश होटल्स ने प्रति वर्ष 1 करोड़ रुपये की कम्पोजिट फीस के चलते अपने आप को डीक्लासीफाई या रेटिंग को बदलने की इच्छा जाहिर की है।
उन्होंने कहा कि शराब को परोसने के लिए 24X7 लाइसेंस को इसमें शामिल कर दिया गया है और जबरन कम्पोजिट शुल्क थोपा गया है, इसके लिए स्थान/क्षेत्र या 24X7 शराब सेवा की मांग और लाइसेंस यूनिट की पसंद का ध्यान ही नहीं रखा गया है।
उन्होंने अफसोस जताया कि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को कई आवेदन देने और नीति की समीक्षा के लिए दिल्ली आबकारी विभाग के अधिकारियों के साथ हितधारकों एवं प्रतिनिधिमंडल की कई बैठकों का आयोजन करने के बाद भी कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
होटल एंड रेस्टॉरेंट एसोसिएशन ऑफ नॉर्दन इंडिया ने यह भी कहा कि नई नीति के तहत उपभोक्ता यदि अपने कार्यक्रम में शराब को परोसना चाहता है तो उसे अतिरिक्त 50,000 रुपये का भुगतान कर अस्थायी लाइसेंस लेना होगा और निर्धारित विक्रेता से शराब खरीदनी होगी। थपलियाल ने कहा कि इस नई नीति से शादी-विवाह के कार्यक्रम दिल्ली से शिफ्ट होकर यूपी और हरियाणा में चले जाएंगे।