खबर:भानु प्रताप ने दोस्त के साथ मिलकर 5 हजार रुपए में ई कॉमर्स वेबसाइट तैयार की, अब 3 करोड़ है टर्नओवर

पिछले कुछ सालों में ई कॉमर्स प्लेटफॉर्म की डिमांड बढ़ी है। बड़ी कंपनियों के साथ ही छोटे स्टार्टअप भी ई कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिये अच्छी कमाई कर रहे हैं। UP के अमेठी के रहने वाले भानु प्रताप सिंह ने अपने दोस्त के साथ मिलकर एक ऐसे ही ई कॉमर्स प्लेटफॉर्म की शुरुआत की है। जहां एक ही प्लेटफॉर्म पर 200 से ज्यादा ई कॉमर्स साइट से मार्केटिंग की जा सकती है। अपने इस स्टार्टअप के जरिये दो साल के भीतर उन्होंने 3 करोड़ रुपए का बिजनेस किया है।

25 साल के भानु प्रताप ने ‌BCom की पढ़ाई की है, जबकि प्रयागराज के रहने वाले 27 साल के हर्षित सिंह ने IIM से MBA किया है।

शुरुआत से ही खुद का कुछ करना चाहता था

भास्कर से बात करते हुए भानु बताते हैं, ‘मैं शुरुआत से ही खुद का कुछ करना चाहता था। इसीलिए पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी के लिए कहीं अप्लाई नहीं किया। इसको लेकर फैमिली का भी भरपूर सपोर्ट था, लेकिन यह तय नहीं कर पा रहा था कि क्या करना है। ग्रेजुएशन करने के बाद मैं प्रयागराज आ गया। कुछ महीने ऑनलाइन टेक्नोलॉजी के बारे में स्टडी की। अलग-अलग सॉफ्टवेयर और ऐप्स के बारे में जानकारी जुटाई।’

25 साल के भानु प्रताप ने बीकॉम की पढ़ाई की है। उन्हें शुरुआत से ही खुद का कुछ करना था, इसलिए नौकरी नहीं की।
25 साल के भानु प्रताप ने बीकॉम की पढ़ाई की है। उन्हें शुरुआत से ही खुद का कुछ करना था, इसलिए नौकरी नहीं की।

भानु कहते हैं कि बड़े शहरों में स्टूडेंट्स को रूम के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। खुद मुझे भी दिक्कत हुई। इसको लेकर मैं एक इंटीग्रेटेड ऐप बनाना चाहता था, जहां ऑनर और कस्टमर दोनों अपनी जरूरतें पूरी कर सकें, लेकिन बजट की कमी की वजह से नहीं कर पाया। इसके बाद उन्होंने ऑनलाइन ग्रॉसरी स्टोर ओपन करने को लेकर भी प्लान किया, लेकिन यहां भी उनका काम नहीं बना।

5 हजार रुपए की लागत से शुरू किया काम

भानु बताते हैं कि कई आइडिया को लेकर मंथन के बाद 2019 में मैंने अपने स्टार्टअप की शुरुआत की। हमारा मॉडल था एक ऐसा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बनाना जहां ढेर सारे ई कॉमर्स नेटवर्क उपलब्ध हों। ताकि कस्टमर कोई भी प्रोडक्ट खरीदने से पहले यह कम्पेयर कर सके कि कहां कौन सा प्रोडक्ट सस्ता मिल रहा है, किस साइट पर क्या कुछ ऑफर है।

इसको लेकर भानु प्रताप ने cashcry.com नाम से खुद की वेबसाइट तैयार की। इसमें करीब 5 हजार रुपए उनका खर्च हुआ। फिर सोशल मीडिया पर प्रमोट करना शुरू किया। प्रयागराज में कई मॉल और दुकानों के सामने जाकर पोस्टर बांटना शुरू किया। लोगों से बात करनी शुरू की और अपने प्लेटफॉर्म के बारे में बताना शुरू किया। इससे कई कस्टमर्स उनके साथ जुड़े।

काम रफ्तार पकड़ता उससे पहले ही कोविड आ गया

भानु को उनके स्टार्टअप और आइडिया को लेकर कई अवॉर्ड मिले हैं। इससे उन्हें अपने काम को जमाने में काफी सपोर्ट मिला।
भानु को उनके स्टार्टअप और आइडिया को लेकर कई अवॉर्ड मिले हैं। इससे उन्हें अपने काम को जमाने में काफी सपोर्ट मिला।

भानु बताते हैं कि 2019 के मई-जून में हमने काम की शुरुआत की थी। करीब 6 महीने हमें कंपनी रजिस्ट्रेशन और बैंक अकाउंट की प्रोसेस में लग गए। इस दौरान कई छोटे-बड़े ई कॉमर्स प्लेटफॉर्म भी हमसे जुड़े। हालांकि 2020 हमारे लिए सही नहीं रहा। काम रफ्तार पकड़ता उससे पहले कोविड आ गया। हमारी मूवमेंट बंद हो गई। चारों तरफ निगेटिविटी थी, कोई इन्वेस्टमेंट के लिए भी तैयार नहीं था।

वे कहते हैं कि हम दोनों को फैमिली सपोर्ट खूब मिला। तब इन्वेस्टर्स भले नहीं मिले, लेकिन मेंटर्स इंवेस्टमेंट हमें मिली। इसी वजह से हम तब खुद को संभाल सके और हमें पीछे नहीं हटना पड़ा। इसके बाद जब लॉकडाउन हटा और मार्केट खुला तब वापस हम ट्रैक पर लौटे। इस दौरान हमने कई कैश अवार्ड भी जीते। UP सरकार की तरफ से हमें ग्रांट भी मिला। इससे हमें काफी सपोर्ट मिला।

कैसे करते हैं काम? क्या है कमाई का मॉडल

भानु कहते हैं कि अभी ज्यादातर कस्टमर्स ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हैं। ई कॉमर्स प्लेटफॉर्म की भी कमी नहीं है, लेकिन किस प्लेटफॉर्म पर कौन सा प्रोडक्ट सस्ता मिल रहा है, किस प्लेटफॉर्म पर ऑफर चल रहा है और क्या ऑफर चल रहा है, यह पता करना मुश्किल है। साथ ही अलग-अलग काम के लिए अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर जाना पड़ता है। इसमें कस्टमर्स का वक्त भी खर्च होता है और लागत भी ज्यादा आती है।

हर्षित सिंह ने IIM से MBA की पढ़ाई की है। वे एक MNC में जॉब करते हैं और साथ में भानु की मदद भी करते हैं।
हर्षित सिंह ने IIM से MBA की पढ़ाई की है। वे एक MNC में जॉब करते हैं और साथ में भानु की मदद भी करते हैं।

इसको लेकर हमने एक इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म क्रिएट किया। इस पर शॉपिंग, ट्रैवलिंग और स्टे से जुड़े अलग-अलग ई कॉमर्स कंपनियों की लिस्टिंग की। उनकी प्राइस और ऑफर को भी लिस्ट किया, ताकि कस्टमर एक ही प्लेटफॉर्म पर ढेर सारी सर्विसेज की तुलना कर सके और फिर किफायती प्रोडक्ट खरीद सके।

फिलहाल फ्लिपकार्ट, मिंत्रा सहित करीब 200 प्लेटफॉर्म हमारे साथ जुड़े हैं। आगे और कंपनियों से हम टाइअप कर रहे हैं। कमाई के मॉडल को लेकर भानु कहते हैं कि हम थर्ड पार्टी हैं। मान लीजिए आप हमारे ऐप के जरिये फ्लिपकार्ट से शॉपिंग करते हैं, तो हमें फ्लिपकार्ट की तरफ से कुछ हिस्सा मिलता है।

कस्टमर्स को सिर्फ रिवार्ड नहीं कैशबैक भी चाहिए

भानु कहते हैं कि ज्यादातर ई कॉमर्स प्लेटफॉर्म कस्टमर्स को कूपन और रिवार्ड देते हैं, लेकिन डायरेक्ट कैशबैक बहुत कम ही कंपनियां कस्टमर्स को देती हैं। हमारा मकसद है कि हर खरीद पर कस्टमर्स को सीधे कुछ न कुछ कैशबैक मिलना चाहिए। इसलिए हम हर खरीद पर कैशबैक देते हैं। अब तक हम लोग एक लाख रुपए से ज्यादा कैशबैक के ऊपर खर्च कर चुके हैं। आगे इस पर हम और भी मजबूती से फोकस कर रहे हैं।

भानु और हर्षित मिलकर फिलहाल ऑनलाइन मार्केटिंग पर फोकस कर रहे हैं, लेकिन जल्द ही वे ऑफलाइन मार्केटिंग पर भी फोकस करेंगे। अभी उनकी टीम में 8 लोग हैं और अब तक 10 हजार से ज्यादा कस्टमर्स को वे सर्विस प्रोवाइड कर चुके हैं।

भानु के स्टार्टअप को इसी साल यूपी सरकार की तरफ से ग्रांट मिला है।
भानु के स्टार्टअप को इसी साल यूपी सरकार की तरफ से ग्रांट मिला है।

अगर इस तरह के स्टार्टअप में आपकी दिलचस्पी है, तो यह स्टोरी आपके काम की है

इंदौर के रहने वाले रोहित वर्मा ने दो साल पहले हाइपर लोकल मार्केटिंग की शुरुआत की। वे अपने मोबाइल ऐप के जरिए देश के 41 शहरों में छोटे-बड़े बिजनेस की मदद कर रहे हैं। उनके ऐप की मदद से कोई भी एक क्लिक पर इन जगहों पर अपनी पसंद की दुकानें ढूंढ सकता है। उसकी पूरी डिटेल्स ऐप पर मिल जाएगी। होटल, मेडिकल, डॉक्टर, पार्क, सैलून सहित 50 से ज्यादा कैटेगरी के बिजनेस उनके साथ जुड़े हैं।

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