bhind…. दूध के नाम पर ‘सफेद जहर’ …. एक साल में 32 एफआईआर, फिर भी लगातार बढ़ रहा ‘सफेद जहर’ का कारोबार, नए गांवों में पनपा माफिया
मिलावट से मुक्ति के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग पिछले एक साल में 32 एफआईआर दर्ज करा चुका है। इसके बावजूद जिले में दूध और मावा में मिलावट का कारोबार रुक नहीं रहा है। मिलावट क्या, हकीकत तो यह है कि केमिकल, डिटरजेंट, शैंपू या यूरिया का उपयोग कर पूरी तरह सिंथेटिक दूध व मावा (जिसमें शुद्ध दूध न के बराबर होता है) बनाया जा रहा है। लगातार कार्रवाई में केमिकल सहित दूध व मावा बनाने के सामान से भरे गोदाम मिल रहे हैं।
मानपुरा में मिले मिलावटखोर के विरुद्ध देहात थाना पुलिस ने रविवार देर रात धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है लेकिन ऐसी एफआईआर से भी मिलावटखोरों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। बता दें कि प्रदेश सरकार ने मिलावट से मुक्ति का अभियान 9 नवंबर 2020 से शुरु हुआ था। इस अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग और पुलिस महकमा ताबड़तोड़ दूध डेयरियों और मावा भटि्टयों के साथ खानपान की सामग्री में मिलावट करने वालों पर कार्रवाई भी कर रहा है।
रविवार को भी पुलिस ने देवेंद्र नरवरिया की दूध डेयरी पर कार्रवाई की। देवेंद्र के बेटे उर्वेश ने खुद पुलिस को बताया कि उसने पिछले एक साल से ही सिंथेटिक दूध तैयार करने का कार्य शुरू किया था। पुलिस को उसके यहां से दो टंकियों में 55 लीटर दूध का मिलावटी घोल, दो टंकियों में 5000 लीटर दूध, 100 किलोग्राम क्रीम, कर्नल ऑयल की 19 टीन, रिफाइंड सोयाबीन ऑयल की 9 टीन, 49 किलोग्राम घी, 2.4 किलोग्राम रैंजी और माल्टोज पाउडर की बोरियां मिली थी।
एक साल में 28 प्रकरणों में 24.40 लाख का जुर्माना
बताया जा रहा है कि मिलावट से मुक्ति अभियान के तहत जिले में खाद्य पदार्थों के अब तक कुल 327 सैंपल लिए गए हैं, जिसमें 98 सैंपल हुए हैं। वहीं 60 की रिपोर्ट आने का इंतजार है। इसके अलावा पिछले एक साल 58 प्रकरण न्यायालय में भेजे गए हैं, जिसमें 23 प्रकरणों में 24 लाख 40 हजार रुपए से अधिक का जुर्माना भी हुआ है।
नए गांवों में मिल रहे ‘सफेद जहर’ के कारोबारी
फूड सेफ्टी ऑफिसर रीना बंसल के अनुसार जिले में दूध और मावा में मिलावट का कारोबार सर्वाधिक अकोड़ा, प्रतापपुरा, बलारपुरा, लावन, काथा, नुन्हाड़, जरपुरा, जीसकपुरा आदि गांव में होता है लेकिन इस साल मानपुरा, हसनपुरा, कृपे का पुरा और रौन के कुछ नए गांव भी सामने आए हैं जहां दूध और मावा में मिलावट के मामले सामने आए हैं।
चलित लैब में जांचे 72 सैंपल, 10 फेल
सोमवार को खाद्य एवं सुरक्षा विभाग की टीम ने चलित लेब के जरिए 12 दुकानों से खाद्य पदार्थों के सैंपल लेकर जांचे। कुल 72 सैंपल में 10 सैंपल फेल हुए हैं, जिनके प्रकरण फेल हुए हैं, उनके विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। बताया जा रहा है कि राजू किराना स्टोर की सौंप, चौधरी मिष्ठान भंडार का पेड़ा, चौहान मिष्ठान भंडार का मिल्क केक, बरुआ मिष्ठान भंडार की सोनपपड़ी, बृजवासी प्रोविजन की सोनपपड़ी, राजावत मिष्ठान भंडार का मिल्क केक, जैन मिष्ठान भंडार की मलाई बर्फी, काजल स्वीट्स का मिल्क केक, दीपेश मिष्ठान भंडार का मिल्क केक, उपाध्याय भोजनालय के आटा का सैंपल फेल हुआ है। हालांकि श्री जोधपुर मिष्ठान भंडार और दीप मिष्ठान भंडार के क्रमशः छह और आठ सैंपल पूरे पास हुए हैं। जबकि शेष 10 फर्मों के एक-एक सैंपल फेल हुए हैं।
कुछ नए मिलावट कारोबारी मिल रहे हैं
मिलावट से मुक्ति अभियान के तहत लगातार सैंपलिंग की जा रही है। आज भी चलित लेब के जरिए 12 दुकानों से 72 सैंपल लिए गए थे, जिसमें 10 फेल हुए हैं। पिछले एक साल में कुछ नए मिलावट के कारोबारी मिले हैं। हमें जैसे ही सूचना मिलती है कार्रवाई की जाती है। सख्ती के लिए हमनें अब एफआईआर दर्ज कराना भी शुरु कर दिया है। – रीना बंसल, फूड सेफ्टी ऑफिसर भिंड