अब यूपीए नहीं रहा:ममता दीदी ने शरद पवार से मिलने के बाद की घोषणा- यूपीए अब कहीं नहीं, राहुल को लेकर भी दोटूक
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और TMC प्रमुख ममता बनर्जी ने कांग्रेस और उसके युवराज राहुल गांधी पर बुधवार को दो टूक अंदाज में तंज कसा और उसके अस्तित्व पर ही सवाल खड़े कर दिए। ममता ने NCP चीफ शरद पवार से मिलने के बाद कांग्रेस नेतृत्व वाले UPA को लेकर कहा कि अब यूपीए कोई गठबंधन नहीं है। यह खत्म हो चुका है। इससे पहले TMC प्रमुख ने राहुल गांधी पर सिविल सोसाइटी के सदस्यों से मुलाकात के दौरान निशाना साधा। उन्होंने राहुल का नाम लिए बिना कहा कि अगर कोई कुछ करता नहीं है, विदेश में रहता है तो कैसे चलेगा। इसीलिए हमें कई दूसरे राज्यों में जाना पड़ा है।
शरद पवार और ममता के बीच सिल्वर ओक अपार्टमेन्ट में तकरीबन एक घंटे तक बातचीत हुई। इस मुलाकात के बाद एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल का पुराना नाता रहा है। पवार ने कहा, कल चीफ मिनिस्टर ममता बनर्जी की आदित्य ठाकरे और संजय राउत से मुलाकात हुई और आज यह एक पॉलिटिकल डिस्कशन के लिए यहां आई हैं। उन्होंने बंगाल में हुई जीत को लेकर अपने एक्सपीरियंस को हमसे शेयर किया है।
पवार ने कांग्रेस को भी विपक्ष के इस नए मोर्चे में शामिल करने को लेकर कहा कि जो भी भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ हैं, वह हमारे साथ खड़े होकर भाजपा का मुकाबला कर सकते हैं। 2024 में नेतृत्व कौन करेगा, यह बाद का मुद्दा है। पहले सबको एक मंच पर आने की जरूरत है।
इसी दौरान ममता बनर्जी ने कहा कि हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि हॉस्पिटल में एडमिट उद्धव ठाकरे जल्दी फिट होकर हमारे सामने आए। उन्होंने आगे कहा कि हम भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एक स्ट्रॉन्ग अल्टरनेटिव फोर्स बनाने जा रहे हैं। शरद पवार एक सीनियर लीडर हैं और मैं उनके साथ एक पॉलिटिकल डिस्कशन करने के लिए यहां आई हूं। हम नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक सक्षम विपक्ष तैयार कर रहे हैं।
इससे पहले ममता ने मुंबई के वाईबी चव्हाण हॉल में सिविल सोसाइटी के लोगों से मुलाकात की। यहां उन्होंने कहा, अगर सभी रीजनल पार्टीज एक साथ आ जाएं तो भारतीय जनता पार्टी को आसानी से हराया जा सकता है। उन्होंने कहा, मैंने बहुत बार कांग्रेस को कहा कि एक एक्सपर्ट टीम बनाओ, जो हमें गाइड करे, लेकिन कांग्रेस सुनती ही नहीं है।
ममता से जब यह पूछा गया कि क्या वे केंद्र सरकार के विरुद्ध विपक्ष का चेहरा बनेंगी, तो उन्होंने कहा कि वे एक छोटी वर्कर हैं और वर्कर ही बनी रहना चाहती हैं। हालांकि वे यह भी बोलीं कि जो खुद पर भरोसा रखते हैं, वही सब कुछ कर पाते हैं।
अगले साल 5 राज्यों में चुनाव से पहले मुलाकात के सियासी मायने
ममता की कांग्रेस से बढ़ती दूरी और तीसरे मोर्चे की आहट के बीच पवार के साथ उनकी मुलाकत के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। ये मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब अगले साल 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। मंगलवार को ममता आदित्य ठाकरे और संजय राऊत से भी मिली थीं। इस मुलाकात के बाद आदित्य ठाकरे ने पत्रकारों से कहा था कि हम उनका मुंबई में स्वागत करते हैं। हम इस दोस्ती को आगे बढ़ाना चाहते हैं।
बीमार उद्धव से नहीं मिल पाई थीं ममता
ममता मंगलवार को सिद्धिविनायक मंदिर में दर्शन करने भी गई थीं। वे हॉस्पिटल में एडमिट CM उद्धव ठाकरे से भी मुलाकात करने वाली थीं, लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हो सकी। शिवसेना ने बयान में कहा कि तबीयत खराब होने की वजह से ममता की मुलाकात राज्य के सीएम और शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से नहीं हो सकेगी। मुंबई आने से पहले ममता दिल्ली में थीं। उस दौरान कांग्रेस नेता कीर्ति आजाद, हरियाणा के पूर्व कांग्रेस प्रमुख अशोक तंवर, जेडीयू के पूर्व राज्यसभा सांसद पवन वर्मा ने TMC का दामन थामा था।
लगातार बड़े नेता TMC में शामिल हो रहे
TMC में दूसरी पार्टियों से आने वालों का सिलसिला जारी है। इसका सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को हो रहा है। असम और मेघालय में कांग्रेस के कई नेताओं ने TMC का दामन थामा है। ममता के कुछ समय पहले दिल्ली आने पर सोनिया गांधी से उनकी मुलाकात के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन ये मुलाकात नहीं हुई। इसके बाद से ही राजनीतिक हलकों में दोनों के बीच दूरी को लेकर तरह-तरह की बातें सामने आई हैं। दोनों के बीच बढ़ती दूरी संसद शीतकालीन सत्र के दौरान भी साफ तौर पर दिखाई दे रही है।