अयोध्या तार-तार हुए रिश्ते, छह साल की बच्ची से गैंगरेप मामले में ताऊ और साथी गिरफ्तार
एसपी ग्रामीण अतुल सोनकर के नेतृत्व में पतरंगा थाना प्रभारी विवेक सिंह और एसओजी की टीम जांच में जुटी थी. जांच के आधार पर टीम ने गांव के ही रहने वाले सुरेंद्र रावत और उसके साथी बबलू को गिरफ्तार कर सख्ती से पूछताछ की तो दोनों ने अपने गुनाह कबूल किया.
उत्तर प्रदेश के अयोध्या छह साल की बच्ची के साथ हुए गैंगरेप के मामले में ताऊ और सके साथी को गिरफ्तार किया गया है. रेप के बाद आरोपियों ने बच्ची की लाश को तालाब में बोरी में डालकर फेंक दिया था. पुलिस ने इस मामले में खुलासा करते हुए दोनों को गिरफ्तार किया है. पुलिस का कहना है दोनों ने छह साल की बच्ची को किडनैप किया था और उसके बाद दोनों ने मिलकर बच्ची के साथ गैंगरेप किया. इसके बाद उसकी हत्या कर दी.
पुलिस का कहना है कि ताऊ ने अपने दोस्त के साथ बच्ची को किडनैप किया और उसके बाद दोनों ने गैंगरेप किया. उसके बाद पकड़े जाने के डर से दोनों ने उसकी हत्या कर दी. दोनों आरोपियों ने शव को बोरी में डालकर पहले गन्ने के खेत में छिपा दिया था और कुछ दिन बाद बोरी को तालाब में फेंक दिया. जबकि 30 नवंबर को बच्ची की हत्या का मामला तब सामने आया जब शव तालाब उतरते हुए देखा गया.
22 नवंबर को गायब हुई थी बच्ची
वहीं जिले के एसएसपी शैलेश पांडेय ने घटना के रहस्य का पर्दाफाश करते हुए कहा कि 22 नवंबर को बच्ची लापता हो गई थी और इसकी जानकारी पुलिस को दी गई. रिश्तेदारों की सूचना पर पतरंगा पुलिस ने किडनैप का मामला दर्ज कर बच्ची की तलाश कर रही थी. इसी बीच 30 नवंबर को तालाब के अंदर बोरी में बच्ची का शव मिला और शव की शिनाख्त के बाद पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी की गई. एसपी ग्रामीण अतुल सोनकर के नेतृत्व में पतरंगा थाना प्रभारी विवेक सिंह और एसओजी की टीम जांच में जुटी थी.
जांच के आधार पर टीम ने गांव के ही रहने वाले सुरेंद्र रावत और उसके साथी बबलू को गिरफ्तार किया और सख्ती से पूछताछ की तो दोनों ने अपने गुनाह कबूल किया. दोनों बताया कि उन्होंने किडनैप के बाद बच्ची के साथ रेप किया और उसके बाद उसकी हत्या कर दी. दोनों ने कुछ दिनों तक शव को बोरी में रखकर गन्ने के खेत में झाड़ियों के बीच छिपाकर रखा था और बाद में शव को बोरी में भरकर तालाब में फेंक दिया.
दस दिन की पूरी की जाएगी जांच
बच्ची के साथ गैंगरेप और उसके बाद हत्या के मामले में एसएसपी ने आरोपियों को कठोर सजा देने के लिए दस दिन में जांच पूरी करने का निर्देश दिया. ताकि जल्द से जल्द चार्जशीट दाखिल की जा सके और दोषियों को सजा मिल सके.