एक्शन में योगी सरकार,अयोध्या के गोसाईगंज से BJP विधायक खब्बू तिवारी की विधानसभा सदस्यता रद्द, पढ़ें-पूरा मामला

कोर्ट ने बीजेपी विधायक खब्बू तिवारी (BJP MLA Khabbu Tiwari) समेत सभी को फर्जी मार्कशीट मामले में दोषी पाया था. जिसके बाद सभी को 5-5 साल की सजा सुनाई गई थी.

यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) से पहले योगी सरकार काफी सख्त नजर आ रही है. सरकार ने अयोध्या की गोसाईगंज सीट से बीजेपी विधायक इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी है. खब्बू तिवारी फर्जी मार्कशीट केस में दोषी पाए गए हैं. इसीलिए आज विधानसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता रद्द करने को लेकर अधिसूचना जारी की है. फर्जी मार्कशीट (Fake Marksheet Case) ममाले में 18 अक्टूबर को विधायक खब्बू तिवारी को MP-MLA कोर्ट ने पांच साल की सजा सुनाई थी. यह साबित हो गया है कि बीजेपी विधायक ने 29 साल पहले साकेतयूनिवर्सिटी में आंसर शीट और बैंक पेपर में डॉक्युमेंट्स के साथ हेराफेरी की थी.

बीजेपी विधायक खब्बू तिवारी (BJP MLA Khabbu Tiwari) के साथ ही सपा नेता फूलचंद यादव और चाणक्य परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष कृपा निधान तिवारी कोभी कोर्ट ने दोषी माना है. सभी को कोर्ट ने 5-5 साल की सजा सुनाई थी. साथ ही सभी पर 13-13 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था. कोर्ट के सजा का ऐलान करते ही खब्बू तिवारी की विधानसभा की सदस्यता (Assembly Membership) पर खतरा मंडराने लगा था. अब बीजेपी विधायक की विधानसभा सदस्यता को रद्द कर दिया गया है.

खब्बू तिवारी की विधानसभा सदस्यता रद्द

बता दें कि कानून के मुताबिक अगर किसी विधायक को दो साल से ज्यादा की सजा सुनाई जाती है, तो सजा सुनाने वाली तारीख से ही सदस्यता खत्म किए जाने का प्रावधान है. फर्जी मार्कशीट का मामला साल 1992 का है. साकेत यूनिवर्सिटी के तत्कालीन प्रिंसिपल यदुवंश राम त्रिपाठी ने तीन लोगों पर फर्जी मार्कशीट के आधार पर एडमिशन लेने का केस दर्ज कराया था. फूलचंद यादव पर आरोप था कि 1986 में उसने BSC फर्स्ट ईयर के एग्जाम में फेल होने के बाद भी BSC सेकेंड ईयर में दाखिला लिया था. इसी मामले में 1992 में यूनिवर्सिटी के तत्कालीन प्रिंसिपल ने सभी आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराया था.

फर्जी मार्कशीट केस में दोषी बीजेपी विधायक

कोर्ट ने बीजेपी विधायक खब्बू तिवारी समेत सभी को फर्जी मार्कशीट मामले में दोषी पाया था. जिसके बाद सभी को 5-5 साल की सजा सुनाई गई थी. अब बीजेपी ने सख्त एक्शन लिया है. बीजेपी विधायक की विधानसभा की सदस्यता को रद्द कर दिया गया है. इसके साथ ही उनको 13 हजार रुपये का जुर्माना भी भरना होगा. विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी विधायक की सदस्यता रद्द किया जाना बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है.

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