क्या शराब पीना आपका बुनियादी अधिकार है! शराब पीने से रोकना Right To Privacy का हनन !

सबसे पहले जानते हैं कि
शराब प्रतिबंध का क्या मतलब होता है?

दुनिया के कई देशों में अल्कोहल पर पूरी तरह पाबंदी है. यानी न सिर्फ शराब पीना और बेचना बल्कि इन देशों में शराब के Production, स्टोरेज, ट्रांसपोर्ट पर भी प्रतिबंध है. तो इसका मतलब यह है कि जब भी शराबबंदी लागू की जाती है तो शराब बेचने, पीने और बनाने जैसी सभी गतिविधियों पर एक साथ रोक लग जाती है. और यही भारत के कुछ राज्यों में भी लागू है. जिनमें गुजरात भी शामिल है.

गुजरात हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं में क्या मांग रखी गई है?

गुजरात हाई कोर्ट में जो याचिकाएं दाखिल हुई हैं. उनमें गुजरात प्रोहिबिशन एक्ट 1949 को पूरी तरह मनमाना बताया गया है. राज्य में शराब बनाने, बेचने और पीने पर पाबंदी को चुनौती देते हुए दावा किया गया कि यह कानून लोगों को घर में बैठकर शराब पीने के अधिकार से भी वंचित करता है – इसलिए इससे राइट टू प्राइवेसी का उल्लंघन होता है.

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