सिंधिया को गद्दार बताने वाले बयान पर रार …. भतीजे ने लिखा- लक्ष्मण सिंह ने सबसे पहले अपने बड़े भाई से गद्दारी की; हितेंद्र सिंह ने बताया शकुनी

गुना। दिग्विजय सिंह और लक्ष्मण सिंह द्वारा सिंधिया के दौरे के बाद दिए गए गद्दार वाले बयान पर आरोप-प्रत्यारोप लगातार जारी हैं। उनके भाई लक्ष्मण सिंह ने कहा कि सिंधिया के कार्यक्रम में जो जनता आयी वह दो-दो सौ रुपये लेकर बुलाई गई थी। उनके बयान के बाद उनके भतीजे और सिंधिया के करीबी रुद्रदेव सिंह ने एक ट्वीट कर कहा कि सबसे पहली गद्दारी तो लक्ष्मण सिंह ने की थी। वहीं सिंधिया के सामने BJP की सदस्यता लेने वाले दिग्गी के करीबी हीरेन्द्र सिंह के भाई ने उन्हें उनका इतिहास याद दिलाया।

बता दें कि दो दिन पहले लक्ष्मण सिंह ने कहा था कि जो BJP में जा रहे हैं, वह कोई नेता नहीं हैं। कुछ ऐसे लोग गए हैं पार्टी के लिए और हमारर क्लियर मुसीबत बन चुके थे। उनके जाने से कोई फर्क नहीं पड़ना। जब किले में अंग्रेज सेंधमारी नहीं कर पाए, तो कोई नहीं कर पायेगा। जान वो(सिंधिया) चुनाव हारे थे गुना से, तब उनकी रैलियों में भी भीड़ आती थी, लेकिन एक लाख से ज्यादा वोटों से हार गए थे। दो-दो सौ रूपयर में लोग चले आते हैं।

भतीजे का पलटवार

लक्ष्मण सिंह के बयान जे बाद उनके भतीजे और मधुसूदनगढ़ राजपरिवार के सदस्य रुद्रदेव सिंह ने उनपर निशाना साधा। ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा कि- “अगर पार्टी बदलना गद्दारी है तो गद्दारों की फेहरिस्त में माननीय चांचौड़ा विधायक लक्ष्मण सिंह जी का नाम सबसे पहले था और रहेगा। उन्होंने सबसे पहले आने बड़े भाई से गद्दारी कर भाजपा जॉइन की थी। लक्ष्मण सिंह जी की जितनी तारीफ़ की जाए उतनी कम है। मुझे नहीं लगता है गुना में या चाचौंड़ा क्षेत्र में उनको कोई भी गंभीरता से लेता होगा। वह हमेशा कहते हैं कि युवाओं को राजनीति में आगे आना चाहिए लेकिन फिर वही युवाओं को दरकिनार करते हैं और दलालों को साथ लेकर चलते हैं।”

रुद्रदेव सिंह और लक्ष्मण सिंह। फाइल फोटो।
रुद्रदेव सिंह और लक्ष्मण सिंह। फाइल फोटो।

हितेंद्र सिंह ने बताया शकुनी

पिछले दिनों BJP की सदस्यता लेने वाले हीरेन्द्र सिंह के भाई ने ने भी उनके बयान पर अपनी बात रखते हुए उन्हें इतिहास याद दिलाया है। उन्होंने लक्ष्मण सिंह की तुलना शकुनी से की है। उन्होंने लिखा- “शकुनी हस्तिनापुर को मिटाने के लिए गांधार से आया था, इसी तरह लक्ष्मण सिंह बीजेपी में जा कर दोबारा कांग्रेस में आए। परिवार पर दवाब बनाया अपने गैर राजनीतिक लडके को नगरपालिका का अध्यक्ष बनवाया। ये वही लक्ष्मण सिंह है जिन्होंने अपने भाई को धोखा दे कर 10 साल कांग्रेस का राघौगढ़ में पुरजोर विरोध किया। 2009 में दादाभाई के खिलाफ कई रैलियां की लेकिन हरा नहीं पाए।”

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