संबंधों के लिए प्यार जरूरी नहीं:एक चौथाई महिलाओं की सोच अलग, 75 फीसदी के लिए पहले इमोशन है फिर संबंध

  • डेटिंस ऐप ‘क्वैक क्वैक’ पर महिला यूजर 10 प्रोफाइल्स देखने के बाद केवल एक में ही रुचि दिखाती हैं।

डेटिंग साइट क्वैक क्वैक की ओर से कराए गए एक सर्वेक्षण में पाया गया कि करीब 27% महिलाएं शारीरिक नजदीकियां बढ़ाने के लिए रिश्ते में प्यार होने को प्राथमिकता नहीं देती। दिसंबर 2021 में आई इस रिपोर्ट में बड़े और छोटे शहरों की 2 हजार महिलाएं शामिल रही। इस सर्वे में भाग लेने वाली महिलाओं की उम्र 26 से 45 साल थी।

नए जमाने की सौ में से 73 महिलाओं को अभी भी शादी के बाद के प्यार पर भरोसा है।
नए जमाने की सौ में से 73 महिलाओं को अभी भी शादी के बाद के प्यार पर भरोसा है।

क्या चलता है इन महिलाओं के दिमाग में
इस सर्वेक्षण के दौरान महिलाओं से एक प्रश्न पूछा गया, ‘आपके लिए क्या ज्यादा जरूरी है शारीरिक नजदीकियां या भावनात्मक लगाव।’ हालांकि इसके रिजल्ट पर गौर करे, तो भारतीय महिलाओं के लिए शारीरिक नजदीकियों के लिए प्यार का होना बेहद जरूरी है। यह भी जरूर है कि बहुत महिलाओं ने बिना किसी लागलपेट के खुल्लमखुल्ला स्वीकारा कि किसी शख्स के बेहद करीब आने या संबंध बनाने के लिए उससे प्यार होना जरूरी नहीं होता।

इस ऐप पर ही महिलाएं और पुरुष रोज करीब 25 हजार फोटोज अपलोड करते हैं।
इस ऐप पर ही महिलाएं और पुरुष रोज करीब 25 हजार फोटोज अपलोड करते हैं।

क्यों बदली-बदली हैं नए जमाने की महिलाएं
आज कई डेटिंग ऐप्स टिंडर, ओके क्यूपिड, ट्रूली मैडली, हर, द लीग, क्वैक क्वैक, ग्लीडन युवा महिलाओं की जिंदगी का जरूरी हिस्सा बन चुके हैं। लॉकडाउन के दिनों इन साइट्स की तरफ युवाओं का रुझान बढ़ा। इसमें पुरुष और महिलाएं दोनों शामिल हैं।

इंटीमेसी को लेकर भारतीय महिलाओं में आई बेबाकी पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में न्यूरोलॉजी विभाग की प्रोफेसर मंजरी त्रिपाठी कहती हैं कि प्यार पर इंटीमेसी को प्राथमिकता देने की कई वजहें हो सकती है जैसे लड़कियाें का आर्थिक रूप से मजबूत होना, एजुकेशन के मामले में बहुत आगे निकल जाना और टेक्नीकली स्मार्ट होना। युवा महिलाओं की यह सभी क्वालिटीज उनकी सोच को आजादी देती हैं।

एक अनुमान के अनुसार इस ऐप पर हर दिन 1. 70 करोड़ चैट किए जाते हैं।
एक अनुमान के अनुसार इस ऐप पर हर दिन 1. 70 करोड़ चैट किए जाते हैं।

डेटिंग ऐप्स में प्यार की तालश
गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किए जाने वाले दो डेटिंग ऐप्स ने हाल ही में एक करोड़ डाउलोड्स का आंकड़ा पार किया है। इसमें से क्वैक क्वैक भी एक है। एक दिन में 12 हजार से अधिक लोगों ने इस ऐप को डाउनलोड किया। यह भी पाया गया कि इस ऐप पर हर दिन करीब 25 हजार फोटो अपलोड किए जाते हैं। इससे समझा जा सकता है कि भारत में डेटिंग ऐप का भविष्य किस तरह से आगे बढ़ रहा है।

टेक्नीकली स्मार्ट होने के कारण भी डेटिंग ऐप्स की तरफ झुकाव बढ़ा है।
टेक्नीकली स्मार्ट होने के कारण भी डेटिंग ऐप्स की तरफ झुकाव बढ़ा है।

क्वैक क्वैक के सीईओ रवि मित्तल के मुताबिक अब ऑनलाइन डेटिंग ऐप्स का नया रूप देखने को मिल रहा है। लड़के-लड़कियां नए दोस्त बनाने और बोरियत को दूर करने के लिए भी ऐसे प्लेटफॉर्म्स का सहारा ले रहे हैं। यह जरूर है कि जो सिंगल हैं और जिनके हाथों में स्मार्टफोन हैं, वे सही मैच तलाशने की खातिर डेटिंग ऐप पर आ रहे हैं।
यही नहीं अपनी शादी में बसी बोरियत से भागने के लिए भी लोग इसका सहारा ले रहे हैं।

प्यार की तलाश में युवा ऐप पर करीब 900 प्रोफाइल्स हर मिनट में खंगाल रहे हैं।
प्यार की तलाश में युवा ऐप पर करीब 900 प्रोफाइल्स हर मिनट में खंगाल रहे हैं।

शादी की संस्था पर भरोसा टूटा
साइकेट्रिस्ट डॉ. मंजरी त्रिपाठी यह भी स्वीकारती हैं कि कई घरों में लड़कियां यह देखती हैं कि उसकी मां के साथ पिता और परिवार के दूसरे सदस्य किस तरह बदसलूकी से पेश आते रहे हैं। मां के हिस्से में लड़कियों ने प्यार से ज्यादा तकलीफें देखी हैं। इस तरह के मामलों में लड़कियों का शादी पर से भरोसा उठ जाता है।
​​​​​शारीरक जरूरतों को पूरा करने के लिए वह शादी के बंधन में बंधने को जरूरी नहीं मानती। ऐसे युवा कमिटमेंट से जी चुराते हैं।

लॉकडाउन के बाद केवल ओके क्यूपिड के सब्सक्रिप्शन में 70% बढ़त देखी गई।
लॉकडाउन के बाद केवल ओके क्यूपिड के सब्सक्रिप्शन में 70% बढ़त देखी गई।

ऐप से रोमांस का नया शगल
इंडियन जर्नल ऑफ हेल्थ, सेक्सुअलिटी और कल्चर में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, लॉकडाउन के बाद से डेटिंग का स्टाइल ही बदल गया है। विदेशों की तरह भारत में भी ऑनलाइन डेटिंग में तेजी आई। मार्च 2020 में हुए लॉकडाउन के पहले सप्ताह में भारत में ही केवल ‘ओके क्यूपिड’ के सब्सक्रिप्शन में 70 % की वृद्धि देखी गई थी। इन्हीं दिनों ‘क्वैक क्वैक’ के डेली यूजर्स की संख्या में 80% की बढ़त दिखी।

इस तरह से देखा जा सकता है कि डेटिंग ऐप्स युवाओं के लिए प्यार बांटने के नए प्लेटफॉर्म के रूप में उभरे। जहां तक लड़कियों की बात है, तो क्वैक क्वैक के अनुसार एक महिला यूजर 10 प्रोफाइल्स देखने के बाद केवल एक में ही रुचि दिखाती हैं। यह बताता है कि अपनी पसंद और प्यार के मामले में भी गर्ल्स बहुत सेलेक्टिव हो गई हैं।

सर्वे बताता है कि 26 से 45 साल की महिलाओं में ज्यादातर को शादी पर यकीन है।
सर्वे बताता है कि 26 से 45 साल की महिलाओं में ज्यादातर को शादी पर यकीन है।

फिर भी शादी पर भरोसा कायम
चाहे रिश्तों का नया ट्रेंड युवाओं का शौक बन रहा है लेकन सर्वे यह भी बताता है कि 73% महिलाएं आज भी शादी की संस्था पर यकीन रखती हैं। इससे साबित होता है कि भरोसे की बुनियाद पर बनी यह सबसे लंबी पार्टनरशिप पर आज भी महिलाओं का भरोसा कायम है।

साइकेट्रिस्ट डॉ. त्रिपाठी इस बात पर जोर देती हैं कि इस जमाने में भी हिंदुस्तानी महिलाएं अपनी शादीशुदा जिंदगी के साथ दिल और मन से जुड़ी रहती हैं। अगर 26 से 45 साल की लड़कियों का अभी भी इस संस्था पर भरोसा है, तो इसका मतलब यही है कि हम सही रास्ते पर हैं, जो भी भटकाव आ रहा है उसकी वजह व्यक्ति की परिस्थितयां और मन की कमजोरियां हो सकती है।

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