लड़कियों के लिए दर्दनाक हो सकता है हनीमून सिस्टाइटिस, एक्सपर्ट से जानें इससे बचने के 8 तरीके
दुनियाभर की 50 से 60 प्रतिशत महिलाएं अपने जीवन में कभी न कभी यूटीआई संक्रमित होती हैं। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन के मुताबिक पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन होने की संभावना 30 गुना अधिक होती है।
ये परेशानी युवा महिलाओं में ज्यादा देखी जाती है। इंटरकोर्स के दौरान होने वाली इस दिक्कत को हनीमून सिस्टाइटिस कहा जाता है। ऐसा क्यों होता है और आप खुद को किस तरह इससे बचा सकती हैं, बता रही हैं कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी हॉस्पिटल की कन्सल्टेंट गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. नेहा अभिजीत पवार।
यूटीआई क्या है?
यूरिनरी ट्रैक्ट शरीर का रास्ता है, जहां से यूरिन पास होता है। इसमें होने वाले बैक्टीरियल इन्फेक्शन को यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (यूटीआई) कहते है। इसकी वजह से यूरेथ्रा, ब्लैडर, यूरेटर, किडनी और यूरिनरी सिस्टम प्रभावित हो सकता है। इस इन्फेक्शन में यूरिन के दौरान जलन, बार-बार टॉयलेट जाने की जरूरत, पेट या कमर के निचले हिस्से में दर्द, बदबूदार यूरिन और तेज बुखार जैसे लक्ष्ण देखे जाते हैं।
महिलाओं में क्यों ज्यादा होती है यूटीआई की समस्या ?
महिलाओं में उरेथ्रा पुरुषों के मुकाबले छोटा होता है। वेजाइना और अनस की दूरी, उरेथ्रा से बेहद कम होती है। ऐसे में नेचर्स कॉल या सेक्स के दौरान ये संभावना बनी रहती है कि हाइजीन में थोड़ी सी भी लापरवाही की वजह से यूरिनरी ट्रैक्ट में बैक्टीरिया प्रवेश कर जाए, जिसकी वजह से महिलाएं यूटीआई से संक्रमित हो सकती हैं। डॉ. पवार के मुताबिक महिलाओं में यूटीआई की दिक्कत इन वजहों से हो सकती है-
- इंटरकोर्स के दौरान मेल पार्टनर के स्पर्म्स के यूरिनरी ट्रैक्ट में जाने से ये इन्फेक्शन हो जाता है
- एनस या वेजाइना के बैक्टीरिया भी हो सकते हैं इस इन्फेक्शन की वजह।
- इंटरकोर्स के समय लगी अंदरूनी चोट की वजह से महिलाओं में यूटीआई संक्रमण हो सकता है।
- बर्थ कंट्रोल के लिए डायफ्राम या स्पर्मीसाइड के इस्तेमाल से यूटीआई की समस्या हो सकती है।
- जो महिलाएं डायबिटीज से जूझ रही हैं, उन्हें भी ये परेशानी हो सकती है।
- लो इम्यूनिटी में भी इस संक्रमण के होने की संभावना बनी रहती है।
- पानी कम पीना भी इसकी एक वजह होती है।
- प्रेग्नेंसी में यूरिन सेंसेशन बढ़ती है, जो इसका एक कारण हो सकता है।
- टेम्पोंस और सैनिटरी पैड को लंबे समय तक न बदलने की वजह से भी यूटीआई होता है।
- मेनोपॉज के बाद हार्मोनल बदलाव भी इसकी वजह हो सकती है। (दरअसल इस स्टेज के बाद पेल्विक फ्लोर कमजोर हो जाता है।)
यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन से ऐसे बचें
- जब भी वॉशरूम जाने की जरूरत महसूस हो, बिना यूरिन होल्ड किए जाएं।
- इंटरकोर्स के बाद यूरिन पास करने के बाद ही बेड पर जाएं।
- इंटरकोर्स के बाद अपने इंटिमेट पार्ट को गुनगुने पानी से साफ करें।
- कोई कंडोम, लुब्रिकेंट या कंट्रासेप्टिव से एलर्जी हो रही हो, तो उसका इस्तेमाल न करें।
- इंटरकोर्स के बाद टिश्यू से अपने प्राइवेट पार्ट को साफ करने के दौरान इसे आगे से पीछे की तरह ले जाएं।
- पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करने से पहले टिश्यू या स्प्रे का इस्तेमाल करें।
- प्रेग्नेंसी में रेगुलर यूरिन टेस्ट कराएं।
- 6-8 ग्लास पानी हर दिन पिएं।