gwalior…. पंचायत चुनाव 2022…:आखिर दिन कलेक्ट्रेट में लगी भीड़, बस देरी से आने पर आदिवासी मिसुरादास नहीं भर पाया नामांकन

  • 6 जनवरी को पहले चरण के चुनाव के लिए 20 दिसंबर था नामांकन का आखिरी दिन

त्रि स्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण के लिए नामांकन के लिए सोमवार को आखिरी दिन था। सोमवार दोपहर 3 बजे तक ही नामांकन जमा किए गए। भीड़ ज्यादा होने पर 3.05 बजे तक टोकन बांट दिए गए और बाद में उनके नामाकंन फार्म जमा किए। पर घाटीगांव के केट निवासी मिसुरादास आदिवासी के जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ने के सपने को बस की लेटलतीफी ने चकनाचूर कर दिया। वह दो बस बदलकर कलेक्ट्रेट तो पहुंचे, लेकिन 10 मिनट देरी होने पर वह नामांकन नहीं भर सके।

इसके बाद वह उप जिला निर्वाचन अधिकारी क सामने गिड़गिड़ाए भी, लेकिन उनकी एक न सुनी गई। दोपहर तक 79 आवेदन आ चुके थे। शाम तक जांच जारी थी। उप जिला निर्वाचन अधिकारी विनोद भार्गव ने बताया कि जमा हुए नामांकन फार्मों की जांच मंगलवार 21 दिसंबर को सुबह 10.30 बजे से शुरू होगी। 23 दिसंबर को बाद स्थिति साफ हो पाएगी कि किस सीट पर कितने प्रत्याशी हैं और उनके चुनाव चिन्ह क्या हैं।

मिसुरादास अपने हाथ में आवेदन की पर्ची दिखाता हुआ, लेकिन वह नामांकन नहीं भर सका
मिसुरादास अपने हाथ में आवेदन की पर्ची दिखाता हुआ, लेकिन वह नामांकन नहीं भर सका

पहले चरण का चुनाव 6 जनवरी को
– प्रथम चरण में 6 जनवरी को होने वाले पंचायत चुनाव में इस बार चार प्रकार के 4,648 पदों को शामिल किया गया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इनमें से 1056 पद ओबीसी के हटा दिए गए हैं। इनके लिए नामांकन दूसरे या तीसरे चरण में जमा हो सकते हैं। सोमवार को पंचायत चुनाव के पहले चरण में होने वाले चुनाव के लिए नामांकन भरने का आखिरी दिन था। इ सलिए सुबह से शाम तक जिले में बनाए गए सभी 40 सेंटर पर काफी भीड़ रही है। सभी जगह 3 बजे से नामांकन लिए गए है। 3 बजे तक जो भी कलेक्ट्रेट तक पहुंच गया उसे एक टोकन दिया गया। इसके अलावा उसके बाद आने वालों को वापस कर दिया गया।
सर्वाधिक निर्विरोध चुने जाएंगे पंच
– पंच के कुल 4 हजार 281 पद हैं। ओबीसी के 964 पदों पर अभी नामांकन स्वीकार नहीं हो रहे हैं। पंच के सिर्फ 3 हजार 317 पदों पर नामांकन सोमवार तक स्वीकार किए गए हैं। एक दिन पहले तक उक्त पदोंं पर सिर्फ 107 नामांकन जमा हुए हैं। इससे साफ है कि अंतिम दिन सर्वाधिक भीड़ इसी पद पर नामांकन के लिए रही। साथ ही पंच पद पर सबसे ज्यादा निर्विरोध जीत भी होती है। पिछले चुनाव रिकॉर्ड के आधार पर अफसर यह मान रहे हैं कि 70 फीसदी से ज्यादा पंच निर्विरोध चुने जाएंगे।

मिसुरादास का टूट गया सपना
घाटीगांव के केट गांव निवासी आदिवासी परिवार के सदस्य मिसुरादास आदिवासी जिला पंचायत सदस्य के लिए अपना भाग्य अजमाना चाहते थे। दोपहर 3 बजे तक की नामांकन पत्र भरे जाना था। वह 16 दिसंबर को फार्म ले गए थे और उसे भरने में कुछ समय लग गया। सारे दस्तावेज पूरे करने के बाद वह दोपहर में घाटीगांव से शहर कलेक्ट्रेट के लिए निकले। करीब 45 किलोमीटर के सफर में उनको दो वाहन बदलना पड़े। पहले किसी सवारी वाहन से पनिहार तक आए फिर बस से ग्वालियर आए। पर बस बदले और लेटलतीफी के चलते वह 3.10 बजे कलेक्ट्रेट पहुंचे। फार्म 3 बजे तक भरा जाना था। उप जिला निर्वाचन अधिकारी विनोद भार्गव ने 3.05 बजे तक जितने भी लोग बाहर खड़े थे सभी को टोकन बंटवा दिए। इसके बाद उन्होंने नामांकन प्रक्रिया को लॉक कर दिया। सिर्फ 5 मिनट की देरी से पहुंचा मिसुरादास ठगा सा रह गया। जबकि भितरवार के वार्ड क्रमांक 12 से जिला पंचायत सदस्य से अनुराधा शर्मा ने अपना नामांकन दाखिल किया है।
नाम वापसी 23 को
– 20 दिसंबर को नामांकन का आखिरी दिन था। अब 21 दिसंबर को सारे फार्मों की जांच होगी। इस दौरान आयोग द्वारा तय कुछ नामांकन कम होने पर उन्हें जमा कराया जा सकता है। 23 दिसंबर को दोपहर 3 बजे तक नाम वापस लेने की छूट रहेगी। इसी दिन चुनाव चिह्न का आवंटन कर दिया जाएगा।

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