कानपुर मेट्रो की चुनावी चाल ….. विधानसभा चुनाव से पहले सरकार मेट्रो के बहाने पेश करना चाहती है विकास का मॉडल
कानपुर मेट्रो शुरुआत से ही राजनीति के केंद्र में आ गई थी। अक्टूबर-2016 में अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल में मेट्रो का शिलान्यास किया था। इसके बाद 15 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी औपचारिक शिलान्यास किया था। इसके बाद से ही कानपुर मेट्रो के बड़े आयोजनों पर सपा और भाजपा आमने-सामने आ जाती हैं। वहीं चुनाव से पहले यूपी सरकार कानपुर मेट्रो के जरिए विकास का नया मॉडल पेश करना चाहती है।

नवंबर में खूब हुई थी खींचतान
10 नवंबर 2021 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पॉलिटेक्निक डिपो से मेट्रो के ट्रायल रन को हरी झंडी दिखाई थी। इस पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तंज कसा था। वहीं सपाईयों ने कानपुर में जमकर हंगामा किया था। मुख्यमंत्री का कड़ा विरोध भी किया था। वहीं अखिलेश ने ट्विट के जरिए भी कड़ा हमला बोला था।

भगवा रंग में मेट्रो और स्टेशन
यूपी सरकार में भगवा रंग का विशेष महत्व है। इसे अब राजनैतिक तौर पर भी देखा जाता है। मुख्यमंत्री योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट को देखते हुए कानपुर मेट्रो को भगवा रंग दिया गया है। इसके अलावा सभी स्टेशन भी भगवा रंग में रंगे गए हैं। वहीं चुनाव से पहले मेट्रो को शुरू करने के लिए ट्रायल रन की डेट को 2 बार घटाकर 10 नवंबर किया गया।

सिर्फ 9 किमी. से नहीं बनेगी बात
देश में सबसे तेज 24 महीने से भी कम समय में कानपुर मेट्रो के 9 किमी. सेक्शन का निर्माण पूरा किया गया है। चुनाव से पहले सरकार ने पूरे यूपी में इसके प्रचार और प्रसार का भी पूरा एजेंडा तैयार कर लिया है। प्रधानमंत्री के लोकार्पण के साथ ही यूपी में इसका गुणगान किया जाएगा। हालांकि आईआईटी कानपुर से मोतीझील मेट्रो स्टेशन के बीच सफल संचालन पर अभी से सवाल खड़े होने लगे हैं।
लखनऊ मेट्रो नहीं हुई थी सक्सेस
कानपुर मेट्रो की तुलना लोग अभी से लखनऊ मेट्रो से करने लगे हैं। लखनऊ मेट्रो जब अमौसी से चारबाग स्टेशन तक शुरू की गई थी, तब मेट्रो की आय भी कुछ खास नहीं हुई थी। लोग भी सफर करने से बचते थे। कुछ ऐसा ही कानपुर मेट्रो के साथ भी हो सकता है। लोगों का मानना है कि कानपुर मेट्रो रूट पर बस, टेंपो और ऑटो के संचालन को बैन करना पड़ेगा, इसके बाद ही लोग मेट्रो का उपयोग करेंगे।
पहला कॉरीडोर 23.7 किमी लंबा
कानपुर मेट्रो का पहला कॉरिडोर आईआईटी से नौबस्ता तक 23.7 किमी. लंबा है। लेकिन चुनाव से पहले मेट्रो सिर्फ 9 किमी. सेक्शन पर ही शुरू की जा रही है। सेकेंड सेक्शन में चुन्नीगंज से नयागंज तक 4 अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशनों के निर्माण का काम शुरू हो गया है। वहीं कॉरीडोर वन के एलीवेटेड सेक्शन में ट्रांसपोर्ट नगर से नौबस्ता तक के सेक्शन के लिए भी टेंडर किए जा चुके हैं।

14 स्टेशन एलिवेटेड और 8 अंडरग्राउंड स्टेशन
कानपुर में मेट्रो रेल के पहले कारीडोर में अंडरग्राउंड 8 स्टेशनों का निर्माण होना है। जिसमें से 5 स्टेशनों के कंस्ट्रक्शन का काम शुरू भी हो गया है। बृजेंद्र स्वरूप पार्क के रास्ते मोतीझील से आने वाली मेट्रो चुन्नीगंज में अंडरग्राउंड होगी।
इसके बाद नवीन मार्केट, बड़ा चौराहा, फूलबाग और नयागंज तक अंडरग्राउंड रहेगी। इसके आगे सेंट्रल स्टेशन और झकरकटी बस अड्डे पर भी अंडरग्राउंड स्टेशन बनेंगे। इसके बाद टीपी नगर से मेट्रो रेल फिर एलीवेटेड ट्रैक पर दौड़ेगी।
इस प्रकार है कॉरीडोर- 1
कुल लंबाई-23.7 किलोमीटर
एलीवेटेड सेक्शन-15.2 किमी
एलीवेटेड स्टेशन- 14
अंडरग्राउंड सेक्शन- 8.5 किमी
अंडरग्राउंड स्टेशन-8
डिपो- पॉलीटेक्निक और नौबस्ता
साउथ सिटी में कॉरीडोर वन के स्टेशन-
ट्रांसपोर्ट नगर, किदवई नगर, बारादेवी, बसंत विहार, बौद्ध नगर, नौबस्ता मेट्रो स्टेशन
अभी यहां चल रहा काम
-आईआईटी से मोतीझील प्रायरिटी एलीवेटेड सेक्शन
-चुन्नीगंज से नयागंज अंडरग्राउंड सेक्शन