ग्वालियर में हर पेट्रोल पंप पर खुलने थे प्रदूषण जांच केंद्र, छह पर ही संचालित
शहर सहित जिले में 180 पेट्रोल पंप हैं, लेकिन सिर्फ छह पेट्रोल पंप पर ही प्रदूषण जांच केंद्र संचालित हैं।
ग्वालियर । शहर में वाहनों के प्रदूषण की जांच आसानी से हो सके, उसको लेकर हर पेट्रोल पंप पर पीयूसी (प्रदूषण जांच केंद्र) अनिवार्य किया गया है, लेकिन इसमें पेट्रोल पंप संचालकों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई है। शहर सहित जिले में 180 पेट्रोल पंप हैं, लेकिन सिर्फ छह पेट्रोल पंप पर ही प्रदूषण जांच केंद्र संचालित हैं। पर्याप्त संख्या में प्रदूषण जांच केंद्र नहीं होने से लोग प्रदूषण की जांच में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। जिससे शहर प्रदूषित शहरों में भी शामिल है। इस स्थिति को देखते हुए संभागायुक्त ने भी वाहनों में पीयूसी देखने के बाद ही डीजल व पेट्रोल भरने के निर्देश दिए हैं, लेकिन इस नियम का भी पालन नहीं हो रहा है। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय ने शहर में प्रदूषण जांच केंद्र संचालित करने के लिए 36 लाइसेंस जारी किए थे। जब विभाग ने इनकी जांच की तो नौ केंद्र मानकों पर खरे नहीं उतरे। इसके बाद इन नौ केंद्रों के लाइसेंस निरस्त कर दिए। अब शहर में 27 प्रदूषण जांच केंद्र संचालित हैं। इनकी संख्या में बढ़ोतरी हो सके, उसको लेकर परिवहन आयुक्त ने आदेश जारी किए थे कि हर पेट्रोल पंप इन केंद्रों को संचालित कराया जाए। आरटीओ सहित खाद्य विभाग को इसके निर्देश दिए थे। आरटीओ को निर्देशित किया कि जो भी आवेदन आए, उन्हें तत्काल निराकृत कर लाइसेंस जारी किए जाएं। यह आदेश पिछले साल जारी किया गया था। इस आदेश के बाद शहर में प्रदूषण जांच केंद्रों की संख्या नहीं बढ़ सकी है, जबकि शहर में 10 लाख से अधिक वाहन हैं, जिन्हें हर छह महीने में प्रदूषण की जांच करानी है। वाहनों पर कार्रवाई नहीं होने से चालक भी इसमें दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं
हर छह महीने में जांच कराना अनिवार्य
-नई गाड़ी खरीदने के एक साल तक प्रदूषण का सर्टिफिकेट नहीं लेना पड़ता है। उसके बाद हर छह महीने में गाड़ी के प्रदूषण की जांच करानी होती है। शहरवासियों को प्रदेश से बाहर जाने पर इसकी जरूरत पड़ती है। दिल्ली की ओर बिना प्रदूषण सर्टिफिकेट के जाने पर जुर्माना भी भरना पड़ता है।
प्रदेश में 487 केंद्रों की हो चुकी है जांच
-परिवहन विभाग में पूरे प्रदेश में 487 केंद्र संचालित हैं। इन केंद्रों की परिवहन विभाग ने जांच की थी, जिसमें 61 केंद्रों पर अनियमितता मिली, जिसके चलते इनके लाइसेंस निरस्त व निलंबित किए गए हैं। इन केंद्रों पर मशीनें अमानक मिली थीं।
– प्रदेश स्तर की बात की जाए तो 87 केंद्र नए खुले हैं। जबकि वाहनों की संख्या के हिसाब से काफी कम हैं।
वर्जन
पेंट्रोल पंप संचालकों को प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए आदेश जारी हो चुके हैं, लेकिन संचालकों की ओर से आवेदन नहीं आए हैं। इस कारण इनकी संख्या नहीं बढ़ी है। अभी शहर में 27 केंद्र संचालित हैं।
एसपीएस चौहान, आरटीओ ग्वालियर