ऐसे PM की जयंती, जिन्होंने न्यूक्लियर टेस्ट से दुनिया में जमाई भारत की धाक; कवि और पत्रकार भी रहे
देश के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्रियों में से एक, जो केवल राजनेता ही नहीं बल्कि पत्रकार और कवि भी थे, उनकी आज जयंती है। हम बात कर रहे हैं अटल बिहारी वाजपेयी की, जिनका जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में हुआ था।
अटल जी तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे। पहली बार 1996 में वह 13 दिन के लिए PM बने। दूसरी बार वह 1998 में PM बने और 13 महीने तक पद पर रहे। 13 अक्टूबर 1999 को उन्होंने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और कार्यकाल पूरा करने वाले देश के पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री बने।
अटल जी जब दूसरी बार प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने न्यूक्लियर टेस्ट करके दुनिया में भारत की धाक जमा दी। अभी उन्हें प्रधानमंत्री बने महज 3 महीने हुए थे कि 11 मई 1998 को दुनिया को खबर मिली कि भारत ने न्यूक्लियर टेस्ट किया है। सबसे तेजतर्रार मानी जाने वाली अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA तक को इसकी भनक नहीं लग पाई थी। 13 मई को एक बार फिर भारत ने सफल न्यूक्लियर टेस्ट किया। इसी के साथ भारत दुनिया के परमाणु शक्ति संपन्न देशों की लिस्ट में शामिल हो गया।
अटल बिहारी वाजपेयी एक स्कूल टीचर के बेटे थे। अपने पिता के साथ उन्होंने LLB की पढ़ाई की। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत पत्रकारिता से की। उन्हें कविताएं लिखने का भी शौक था। पढ़ाई के दौरान ही अटल RSS से जुड़ गए और वहीं से राजनीति की तरफ मुड़ गए। अटल जी को शानदार वक्ता माना जाता था और न केवल आम जनता, बल्कि उनके भाषणों को सुनने के लिए विरोधी भी उनकी सभाओं में जाते थे।
अटल जी ने जब पहली बार चुनाव लड़ा तो हार गए। दूसरी बार वह तीन जगह से चुनाव लड़े और उनमें से एक जगह पर जीत हासिल की। 80 के दशक में उनकी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के केवल दो सांसद थे, जिनमें से एक वो खुद थे। 1996 में पहली बार PM बनने पर सदन में बहुमत न साबित कर पाने की वजह से उनकी सरकार 13 दिनों में ही गिर गई, लेकिन पहले 1998 और फिर 1999 में उन्होंने कई दलों के समर्थन से बनी NDA सरकार का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया।
दुनिया उनकी भाषण शैली की कायल थी; लेकिन वही अटल जी जब स्कूल के समारोह में पहली बार अपना भाषण देने के लिए खड़े हुए तो आधे भाषण के बाद उन्होंने बोलना बंद कर दिया था, क्योंकि वो अपना भाषण भूल गए थे।
अटल जी के कार्यकाल में कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए, जिनका फायदा देश को आज भी मिल रहा है। उनकी सरकार के फैसले की वजह से कभी 17 रुपए प्रति मिनट कॉलिंग वाले मोबाइल से फ्री कॉलिंग तक का दौर आना संभव हो पाया। उनकी सरकार ने टेलीकॉम फर्म्स के लिए फिक्स्ड लाइसेंस फीस को खत्म कर दिया और उसकी जगह रेवेन्यू शेयरिंग की व्यवस्था शुरू की।
अटल सरकार में ही 15 सितंबर 2000 को भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) का गठन किया। इसके अलावा टेलीकॉम सेक्टर में होने वाले विवादों को सुलझाने के लिए 29 मई 2000 को टेलीकॉम डिस्प्यूट सेटलमेंट अपीलेट ट्रिब्यूनल (TDSAT) का भी गठन किया। देश के चारों महानगरों को जोड़ने के लिए उन्होंने स्वर्णिम चतुर्भुज योजना शुरू की।
अटल जी को 1992 में पद्म विभूषण और 2015 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। अटली जी का 93 साल की उम्र में 16 अगस्त 2018 को निधन हुआ था।
भारत और दुनिया में 25 दिसंबर की महत्वपूर्ण घटनाएं :
2015: एक्ट्रेस साधना का निधन हुआ। साधना ने मेरे महबूब, हम दोनों, वो कौन थी, राजकुमार, वक्त, मेरा साया, एक फूल-दो माली जैसी फिल्मों में काम किया था।
2012: दक्षिणी कजाखस्तान के शिमकेंट में एएन-72 प्लेन क्रैश हो गया। प्लेन में सवार 27 लोगों की मौत हुई।
1994: पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह का निधन हुआ।
1991: राष्ट्रपति मिखाइल एस. गोर्बाचेव ने इस्तीफा दिया। इसके साथ ही सोवियत संघ का विभाजन एवं उसका अस्तित्व समाप्त हो गया। अगले दिन, यानी 26 दिसंबर को रूस अस्तित्व में आया।
1977: हॉलीवुड के मशहूर कॉमेडियन चार्ली चैपलिन का निधन।
1959: केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले का जन्म हुआ। आठवले महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष हैं।
1926: मशहूर हिन्दी साहित्यकार धर्मवीर भारती का प्रयागराज में जन्म हुआ। गुनाहों का देवता और सूरज का सातवां घोड़ा उनकी सबसे चर्चित रचनाएं थीं।
1876: पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना का जन्म हुआ।
1861: महान स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ, शिक्षाविद और बड़े समाज सुधारक मदनमोहन मालवीय का जन्म हुआ। 2014 में उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया।