17 दिन में बाबा के दरबार पहुंचे 8 लाख शिवभक्त …..

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर खुलने के बाद रिकॉर्ड इजाफा, पहले हर महीने 2-3 लाख टूरिस्ट आते थे…..

श्री काशी विश्वनाथ धाम के इनॉगरेशन के बाद वाराणसी में टूरिस्टों का रिकॉर्ड टूट गया है। काशी में हर महीने औसतन 2 से 3 लाख लोग आते थे। लेकिन कॉरिडोर के लोकार्पण के बाद सिर्फ दिसंबर में 8 लाख से ज्यादा टूरिस्ट और श्रद्धालुओं ने काशी का रुख किया है।

धाम को आम लोगों के लिए खुलने से देशभर से श्रद्धालुओं को लगातार आने का सिलसिला जारी है। इसके चलते यूपी के अलावा पं. बंगाल, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र के अलावा साउथ इंडिया से आने वाली ट्रेनों में एक हफ्ते की सीटें फुल हैं। कई ट्रेनों में तो एक महीने से ज्यादा की वेटिंग मिल रही हैं।

काशी की दिव्यता और भव्यता को देखने पहुंचे लोग

13 दिसंबर को PM नरेंद्र मोदी ने श्री काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण किया था। इसके बाद इसके भव्य स्वरूप को देखने के लिए टूरिस्टों का आना लगातार जारी है।
13 दिसंबर को PM नरेंद्र मोदी ने श्री काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण किया था। इसके बाद इसके भव्य स्वरूप को देखने के लिए टूरिस्टों का आना लगातार जारी है।

13 दिसंबर को PM नरेंद्र मोदी ने श्री काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण किया था। इसके बाद इसके भव्य स्वरूप को देखने के लिए टूरिस्टों का आना लगातार जारी है। बेहतरीन डिजाइन और आकर्षण स्थापत्य ने यहां की टूरिज्म इंडस्ट्री में जान फूंक दी है।

2021 की जुलाई तक वाराणसी आने वाले सैलानियों की संख्या 2.05 लाख थी। इसके बाद सावन महीने से टूरिज्म को धीरे-धीरे रफ्तार मिलने लगी। फिर काशी विश्वनाथ धाम के खुलने के बाद इसमें जबरदस्त इजाफा देखने को मिला।

इनका भी बढ़ा पर्यटन
धार्मिक, आध्यात्मिक के साथ फारेस्ट और कलाकारी से जुड़े पर्यटन को गति मिली है। काशी ही नहीं, बल्कि पड़ोस के मिर्जापुर, चंदौली, भदोही और सोनभद्र जैसे जिलों का टूरिज्म फल-फूल रहा है। इससे कोविड काल में हर तरह का नुकसान उठा रहे लोगों के रोजगार-व्यापार का संकट कम हुआ है।

फ्लाइट पर भी लोड

काशी ही नहीं, बल्कि पड़ोस के मिर्जापुर, चंदौली, भदोही और सोनभद्र जैसे जिलों का टूरिज्म फल-फूल रहा है।
काशी ही नहीं, बल्कि पड़ोस के मिर्जापुर, चंदौली, भदोही और सोनभद्र जैसे जिलों का टूरिज्म फल-फूल रहा है।

ट्रेनों में टिकट नहीं मिलने से काशी विश्वनाथ धाम आने के लिए कुछ लोग फ्लाइट का विकल्प लॉक कर रहे हैं। हालांकि कुछ शहरों से यहां की डायरेक्ट फ्लाइट न होने से इनको ज्यादा किराया देना पड़ रहा है। इंफाल में रहने वाले इंजीनियर राजेश गंगवार बताते हैं कि 13 दिसंबर से पहले फेयर 7800 रुपए था। 30 और 31 दिसंबर की डेट में 12 से 15 हजार की रेंज में बता रहा था। तत्काल में बुक करने पर 20 हजार रुपए तक किराया जा रहा है। उनका कहना है कि अब मकर संक्राति पर बाबा धाम में माथा टेकने की कोशिश रहेगी।

काशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण के बाद ट्रेनों पर लोड बढ़ा कैंट स्टेशन डायरेक्टर आनंद मोहन का कहना है कि काशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण के बाद ट्रेनों पर लोड बढ़ा है। देश के कोने-कोने से आने-जाने वाली ट्रेनों में काफी वेटिंग देखी जा रही है। भारतीय पर्यटन के लिहाज से दिसंबर और जनवरी में ट्रेनों की बुकिंग फुल होती है।

सावन माह के बाद मिली रफ्तार
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी कीर्तिमान श्रीवास्तव ने बताया कि सावन से वाराणसी में पर्यटन को रफ्तार मिलनी शुरू हुई, जो धीरे-धीरे बढ़ती रही। काशी विश्वनाथ धाम के शुभारंभ के बाद से पर्यटन जगत में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला। नए साल पर काशी आने वाले सैलानी और शिव भक्तों की संख्या और बढ़ेगी।

इस तरह बढ़े पर्यटक

महीना टूरिस्ट
अगस्त 2,94,777
सितंबर 2,41,646
अक्टूबर 3,19,919
नवंबर 3,25,000
दिसंबर 8,00,000

इन ट्रेनों में सीट मिलना मुश्किल

  • महाराष्ट्र से फेस्टिवल स्पेशल (05017), एलटीटीए-पटना स्पेशल (02167), एलटीटी-जयनगर एक्सप्रेस (02167)
  • गुजरात से बेगमपुरा एक्सप्रेस (12238), लखनऊ राजधानी एक्सप्रेस (14204)
  • दिल्ली से दरभंगा राजधानी स्पेशल (02506), नई दिल्ली- बनारस स्पेशल (02824), हमसफर स्पेशल (03299)
  • कोच्चि से ईआरएस-पटना एक्सप्रेस (16359), महाकाल एक्सप्रेस (20414), इंदौर-पटना सुपरफास्ट (09321)
  • चेन्नई से हमसफर फेस्टिवल स्पेशल (03254), गंगा-कावेरी एक्सप्रेस (02669)
  • मध्यप्रदेश से एलजेएन गरीब रथ (12203), राजधानी (22453), नर्मदा एक्सप्रेस (18233)
  • राजस्थान से मरुधर एक्सप्रेस (1904), कोटा फेस्टिवल सुपरफास्ट (02495), गरीब नवाज (18632)

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