बड़ा सवाल- अनकंट्रोल्ड ब्लास्ट से गिरा पहाड़ ? ….. केंद्र का DGMS करेगा भिवानी हादसे की जांच; डाडम में माइनिंग का ठेका गोवर्धन माइंस के पास
हरियाणा के भिवानी में अरावली की पहाड़ियों में खनन के दौरान पहाड़ दरकने की जांच केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के तहत आने वाला डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ माइन सेफ्टी (DGMS) करेगा। ये हादसा तोशाम एरिया में शनिवार सुबह हुआ। अरावली पहाड़ियों का हरियाणा और राजस्थान वाला इलाका DGMS के नॉर्दर्न जोन के तहत आता है जिसका मुख्यालय गाजियाबाद में है।
हरियाणा के माइनिंग एंड जियोलाजी डिपार्टमेंट ने डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ माइन सेफ्टी (DGMS) को हादसे की जानकारी दे दी है। अब गाजियाबाद से आने वाली विशेष टीम यहां जांच करके पता लगाएगी कि यह पहाड़ अपने आप खिसका या फिर खनन के दौरान अन कंट्रोल्ड ब्लास्ट किया गया जिसकी वजह से पत्थर गिरे। भिवानी जिले के माइनिंग अफसर भूपेंद्र सिंह के अनुसार, खनन के दौरान पत्थर तोड़ने के लिए कंट्रोल्ड ब्लास्ट किए जाते हैं।

गोवर्धन माइंस के पास 10 साल का ठेका
भिवानी जिले के डाडम एरिया में अरावली की पहाड़ियों में खनन का टेंडर मैसर्स गोवर्धन माइंस एंड मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के पास है। कंपनी ने साल 2018 में यह टेंडर 10 साल के लिए लिया।
भिवानी के माइनिंग अफसर भूपेंद्र सिंह ने बताया कि प्रदूषण की वजह से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेश पर 2 महीने से सारी माइनिंग और क्रशर बंद थे। शुक्रवार-31 दिसंबर- को ही NGT ने क्रशर चलाने की इजाजत दी जिसके बाद डाडम इलाके में दोबारा खनन शुरू किया गया।
बारिश में जगह छोड़ देते हैं पहाड़
भूपेंद्र सिंह के अनुसार, शुरुआती तौर पर ऐसा लग रहा है कि यह हादसा पहाड़ दरकने से ही हुआ है। हालांकि हादसे की वजह स्पष्ट नहीं है क्योंकि बरसात की वजह से पहाड़ जगह छोड़ देते हैं। पिछले दिनों ही इस इलाके में बारिश हुई। ऐसे हालात में थोड़ा वाइब्रेशन होने पर भी पहाड़ हिलने लगता है।

गाजियाबाद मुख्यालय में सूचना दी
भिवानी के माइनिंग अफसर भूपेंद्र सिंह के अनुसार, पत्थरों को कंट्रोल्ड ब्लास्ट से ही तोड़ा जाता है। यह इलाका DGMS के नॉर्दर्न जोन में आता है जिसका मुख्यालय गाजियाबाद में है। माइनिंग विभाग और खनन करने वाले ठेकेदार ने DGMS के गाजियाबाद मुख्यालय में सूचना दे दी है। अब वहां की टीम आकर इसकी जांच करेगी।
मंत्री बोले- लापरवाही मिली तो कार्रवाई करेंगे
हरियाणा के खनन मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि इस समय सरकार की प्राथमिकता पत्थरों के नीचे दबे लोगों को निकालने की है। राहत कार्य पूरा होने के बाद इस बात की जांच की जाएगी कि हादसा पहाड़ दरकने का कारण हुआ या ब्लास्ट की वजह से? अगर किसी की लापरवाही सामने आई तो सख्त कार्रवाई होगी।
