EC Review Meeting: चुनाव आयोग से बोले नीति आयोग के सदस्य- ‘चुनाव में बड़ी रैलियां नहीं होनी चाहिए’
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच चुनाव कराने को लेकर चुनाव आयोग (Election Commission) का मंथन जारी है। चुनाव आयोग ने आज नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल और गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में गृह सचिव अजय भल्ला (Home Secretary Ajay Bhalla), स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण (Health Secretary Rajesh Bhushan), नीति आयोग के अधिकारी, AIIMS के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया, कोविड टास्क फोर्स के प्रमुख वीके पॉल शामिल हुए थे।
इस बैठक में चुनावी रैली, जनसभाएँ, राज्यों की तैयारियां, कोरोना के हालात और वैक्सीनेशन को लेकर चर्चा हुई। इस दौरान चुनाव आयोग ने समीक्षा बैठक में चुनावी राज्यों में कानून व्यवस्था की स्थिति, वैक्सीनेशन की आवश्यकता पर जोर दिया। वहीं, नीति आयोग के सदस्य और भारत के कोविड टास्क फोर्स के प्रमुख वीके पॉल ने चुनाव आयोग को बताया है कि देश में मौजूदा कोविड की स्थिति बड़ी रैलियों और रोड शो के लिए संभव नहीं है। उन्होंने बड़ी रैलियां और चुनावी रोड शो पर रोक लगाने की बात कही।
पहले भी हुई थी बैठक
बता दें कि पिछले वर्ष दिसम्बर माह में भी चुनाव आयोग ने केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण (Health Secretary Rajesh Bhushan) के साथ बैठक की थी। चुनावी राज्यों में कोरोना के मामले, वैक्सीनेशन, और आवश्यक सुविधाओं का जायज लिया था। तब केंद्र सरकार के आश्वासन के बाद चुनाव आयोग ने 5 राज्यों के चुनावों को न टालने की बात कही थी। हालांकि, चुनाव आयोग ने बड़ी रैली या जनसभाओं को लेकर दिशानिर्देश दिए थे। इसके साथ ही सरकार ने भी 2 नए वैक्सीन को मंजूरी देते हुए बच्चों के लिए भी वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी।
चुनावी राज्यों का दौरा कर चुनाव आयोग के उच्च अधिकारियों ने जमीनी स्तर पर कोरोना के हालात और राज्यों की तैयारियों का जायजा लिया था। अभी हाल ही में चुनाव आयोग के अधिकारियों ने मणिपुर में भी चुनावों को सम्पन्न कराने के लिए वहां के अधिकारियों के साथ बैठक की थी।
चुनाव आयोग से उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पूछा
वहीं, विधानसभा चुनावों को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के बाद उत्तराखंड हाई कोर्ट ने भी चुनाव करवाए जाने पर सवाल उठाए थे। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा:
क्या चुनावी रैलियां ऑनलाइन नहीं हो सकती?
क्या वर्चुअल वोटिंग का विकल्प मिल सकता है?
इन सवालों के जवाब चुनाव आयोग को 12 जनवरी तक हाई कोर्ट में दाखिल करना है। ये सवाल हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका को लेकर पूछा था।