800 करोड़ का नहीं दे पाए हिसाब अजय चौधरी …. शैल कंपनियों से 500 करोड़ आए; 10 बोगस कंपनियों के 50 डायरेक्टर, कर्मी सिर्फ 20
नोएडा में सपा के नजदीकी रियल एस्टेट कारोबारी अजय चौधरी के घर इनकम टैक्स (IT) की रेड अभी जारी है। IT टीम ने यहां बड़ी गड़बड़ी पकड़ी है। अजय की 800 करोड़ की अन अकाउंटेड मनी मिली है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ब्लैक मनी को वाइट करने के लिए अजय ने 10 बोगस कंपनियां बनाई। इन बोगस कंपिनयों में सिंगापुर से करीब 300 करोड़ इन्वेस्ट किए गए। इसमें 125 करोड़ की पुष्टि हो चुकी है।
एक-एक कंपनी के नाम से 20-20 प्लॉट लिए गए। प्लॉट की मिनिमम कीमत 60 लाख और अधिकतम 1.50 करोड़ है। हैरत की बात है कि एक कंपनी के डायरेक्टर तो 5 हैं, लेकिन एंप्लॉय सिर्फ 2 हैं। एंप्लॉय का काम सिर्फ ब्लैक की पर्ची का कलेक्शन करना था। सिंगापुर की जिस कंपनी से निवेश किए गया है, वो भी इनकम टैक्स के राडार पर है। संभावना है कि कंपनी के डायरेक्टर भारत के ही हैं। संभावना यह है कि यह कंपनी भी बोगस हो सकती है। इसकी जांच की जा रही है।
![आयकर विभाग की टीम ने मंगलवार सुबह 7:30 बजे नोएडा, गाजियाबाद व दिल्ली में चौधरी और रुद्रा बिल्डर के 24 ठिकानों पर छापा मारा था।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/01/07/new-project-8_1641557260.jpg)
लाइजनर ने ब्लैक मनी को वाइट किया
जानकारी मिली है कि 2017 में एक लाइजनर पकड़ा गया था। जो 10 कंपनियां के जरिए ब्लैक मनी को वाइट करता था। उसी कंपनी में अजय ने भी 500 करोड़ ब्लैक मनी को वाइट करवाए, इसकी पुष्टि हो चुकी है। मामले में कंपनी के खास व्यक्ति के बयान दर्ज किए हैं। 100 करोड़ बेनामी संपत्ति प्लॉट के रूप में मिली है।
IT टीम खंगाल रही डिटेल
उधर, अजय चौधरी अब भी सामने नहीं आया है। उससे पूछताछ नहीं हो सकी है। वह रियल स्टेट कारोबारी है। 24 कंपनियों में सीधी और जॉइंट वेंचर के रूप में डायरेक्टर है। इनकम टैक्स को जो 10 कंपनियां मिली हैं, उन कंपनियों के नाम पर लोन लिया गया। कितना लोन लिया गया और उस पैसों को कहा इन्वेस्ट किया गया, इसकी डिटेल निकाली जा रही है।
![मामले में कंपनी के खास व्यक्ति के बयान दर्ज किए हैं। 100 करोड़ बेनामी संपत्ति प्लॉट के रूप में मिली है।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/01/07/new-project-10_1641557269.jpg)
ऐसे खड़ा किया ब्लैक मनी का साम्राज्य
सर्च में सामने आया कि अजय चौधरी ने अपने एक प्रोजेक्ट से ही 100 करोड़ रुपए सालाना कमाए। दरअसल, अजय प्रत्येक फ्लैट पर 45 से 48 लाख रुपए कैश लेता था। यानी यह सारा पैसा ब्लैक होता था। उसके प्रत्येक प्रोजेक्ट में 10-10 टावर हैं। मान लिया जाए तो एक फ्लोर पर चार फ्लैट। ऐसे में एक फ्लोर से ही करीब 1.80 करोड़ रुपए की ब्लैक कमाई। इसको खपाने के लिए बोगस कंपनियां बनाई गई।
दुर्गा बिल्डर के मिले ट्रांजैक्शन, 35 करोड़ किए वाइट
अजय चौधरी के साथ दुर्गा बिल्डर खुराना के यहा चल रही सर्च पूरी हो चुकी है। उसके यहां भी 35 करोड़ रुपए अनएकाउंटेड मिले। जिसे बोगस कंपनियों के जरिए वाइट किया गया।
![19 पर सर्च पूरी हो चुकी है और 5 ठिकानों पर अब भी सर्च जारी है।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/01/07/new-project-9_1641557277.jpg)
19 ठिकानों पर सर्च पूरी, 5 पर जारी
अजय चौधरी की कंपनियों का करीब 5 हजार करोड़ का टर्नओवर बताया जाता है। टिप मिलने पर आयकर विभाग की टीम ने मंगलवार सुबह 7:30 बजे नोएडा, गाजियाबाद व दिल्ली में चौधरी और रुद्रा बिल्डर के 24 ठिकानों पर छापा मारा था। इसमें से 19 पर सर्च पूरी हो चुकी है और 5 ठिकानों पर अब भी सर्च जारी है। संभावना है कि देर रात तक सभी ठिकानों पर सर्च कंप्लीट हो जाएगी।