सबसे ज्यादा UP की 13 हस्तियों को पद्म पुरस्कार … कल्याण सिंह, राधेश्याम खेमका को पद्म विभूषण, 9 हस्तियां पद्म श्री से सम्मानित; देखें लिस्ट

केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर मंगलवार को पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया। इस बार चार हस्तियों को पद्म विभूषण सम्मान दिया गया है। इनमें 3 लोग ऐसे हैं, जिन्हे मरणोपरांत यह सम्मान दिया जाएगा। पद्म विभूषण पाने वालों में CDS जनरल बिपिन रावत, भाजपा नेता कल्याण सिंह, गीता प्रेस गोरखपुर के अध्यक्ष रहे राधेश्याम खेमका (तीनों को मरणोपरांत) और शास्त्रीय गायिका प्रभा अत्रे का नाम शामिल है।

इस बार सबसे ज्यादा यूपी की 13 हस्तियों को पद्म पुरस्कार मिला है। इसके अलावा, महाराष्ट्र की 10, पश्चिम बंगाल की 6, उत्तराखंड की 4, राजस्थान की 5, कर्नाटक की 5, पंजाब की 4, बिहार की 2, गोवा की 2 और हिमाचल प्रदेश की 2 हस्तियों को यह सम्मान दिया गया है।

यूपी में इन्हें मिला सम्मान

पद्म विभूषण

  • कल्याण सिंह (मरणोपरांत), सार्वजनिक मामले उत्तर प्रदेश
  • राधेश्याम खेमका (मरणोपरांत) धार्मिक पत्रिकाओं का संपादन

पद्म भूषण

  • राशिद खान, कला उत्तर प्रदेश
  • वशिष्ठ त्रिपाठी, साहित्य एवं शिक्षा उत्तर प्रदेश

पद्म श्री

  • सुश्री कमलिनी अस्थाना और नलिनी अस्थाना, (जोड़ी) कला उत्तर प्रदेश
  • शिवनाथ मिश्र, कला उत्तर प्रदेश
  • शीश रामन कला उत्तर प्रदेश
  • सेठ पाल सिंह, अन्य – कृषि उत्तर प्रदेश
  • विद्या विंदु सिंह, साहित्य एवं शिक्षा उत्तर प्रदेश
  • शिवानंद, अन्य – योग उत्तर प्रदेश
  • अजीता श्रीवास्तव, कला उत्तर प्रदेश
  • डॉ. कमलाकर त्रिपाठी, चिकित्सा उत्तर प्रदेश
  • अजय कुमार सोनकर, साइंस और इंजीनियरिंग उत्तर प्रदेश

लोक कल्याण में कल्याण सिंह को पुरस्कार
पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को लोक कल्याण के क्षेत्र में पद्म विभूषण दिया गया है। भाजपा के संस्थापक सदस्यों में से एक कल्याण सिंह का पार्टी के साथ ही भारतीय राजनीति में कद काफी बड़ा था। अयोध्या में विवादित ढांचा के विध्वंस के समय यूपी के मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह भाजपा के कद्दावर नेताओं में से एक थे।

भाजपा के संस्थापक सदस्यों में से एक कल्याण सिंह का पार्टी के साथ ही भारतीय राजनीति में कद काफी बड़ा था।
भाजपा के संस्थापक सदस्यों में से एक कल्याण सिंह का पार्टी के साथ ही भारतीय राजनीति में कद काफी बड़ा था।

राम मंदिर आंदोलन के नायकों में से एक कल्याण सिंह का जन्म छह जनवरी, 1932 को अलीगढ़ में हुआ था। उन्होंने दो बार यूपी का मुख्यमंत्री पद संभाला। अतरौली विधानसभा से जीतने के साथ ही वह बुलंदशहर तथा एटा से लोकसभा सदस्य भी रहे। वह राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल रहे। उनका निधन 21 अगस्त, 2021 को हुआ था।

राधेश्याम खेमका ने गीता प्रेस में धार्मिक पत्रिकाओं का संपादन किया

40 सालों तक गीताप्रेस में कल्याकण समेत अनेक धार्मिक पत्रिकाओं का संपादन किया।
40 सालों तक गीताप्रेस में कल्याकण समेत अनेक धार्मिक पत्रिकाओं का संपादन किया।

राधेश्याम खेमका ने 40 सालों तक गीताप्रेस में कल्याकण समेत अनेक धार्मिक पत्रिकाओं का संपादन किया। वह वाराणसी की प्रसिद्ध संस्थाओं मारवाड़ी सेवा संघ, मुमुक्षु भवन, श्रीराम लक्ष्मी मारवाड़ी अस्पताल, बिड़ला अस्प ताल, काशी गोशाला ट्रस्ट से भी जुड़े रहे। 2 अप्रैल 2021 को उनका निधन हो गया था।

इसके अलावा इन हस्तियों को मिला पुरस्कार

प्रदेश से पद्म पुरस्कार पाने वाले

पद्म भूषण-

राशिद खान- कला के क्षेत्र में पुरस्कार प्रदान किया गया है। 53 साल के राशिद खान यूपी के बदायूं जिले के रहने वाले हैं। रामपुर सहसवान घराना से ताल्लुक रखने वाले राशिद खान सांस्कृतिक संगीत के गायक हैं।

राशिद खान रामपुर के सहसवान घराना से ताल्लुक रखते हैं।
राशिद खान रामपुर के सहसवान घराना से ताल्लुक रखते हैं।

वशिष्ठ त्रिपाठी- साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में पुरस्कार प्रदान किया गया है। 81 साल के वशिष्ठ त्रिपाठी मूलता वाराणसी के रहने वाले हैं। वशिष्ठ त्रिपाठी ने लॉ की पढ़ाई वाराणसी से की है। न्याय शास्त्र में स्कॉलर हैं।

वाराणसी के रहने वाले वशिष्ठ त्रिपाठी न्याय शास्त्र में स्कॉलर हैं।
वाराणसी के रहने वाले वशिष्ठ त्रिपाठी न्याय शास्त्र में स्कॉलर हैं।

पद्म श्री-

कमलिनी अस्थाना और नलिनी अस्थाना (जोड़ी)- मूलतः आगरा के रहने वाली कामिनी अस्थाना और नलिनी अस्थाना को संयुक्त रूप से पुरस्कार दिया गया है। डांस और क्लासिकल कथक में पुरस्कार प्रदान किया गया है।

आगरा की कामिनी अस्थाना और नलिनी अस्थाना ने डांस और क्लासिकल कथक में नाम बनाया।
आगरा की कामिनी अस्थाना और नलिनी अस्थाना ने डांस और क्लासिकल कथक में नाम बनाया।

शिवनाथ मिश्रा- कला के क्षेत्र में पुरस्कार प्रदान किया गया है मूलत: वाराणसी के रहने वाले 78 वर्षीय शिवनाथ मिश्र सितार वादक हैं। सितार वादन और ठुमरी गायन से बनारस घराने की गायकी को प्रसिद्धि प्रदान की है।

सितार वादन और ठुमरी गायन से बनारस घराने की गायकी को प्रसिद्धि बढ़ाई।
सितार वादन और ठुमरी गायन से बनारस घराने की गायकी को प्रसिद्धि बढ़ाई।

सेठ पाल सिंह- कृषि क्षेत्र में पुरस्कृत किए गए हैं। 55 वर्षीय सेठ पाल सहारनपुर के रहने वाले हैं। शिवपाल के सिंघाड़े की खेती की कई वैराइटी विश्व प्रसिद्ध हुई हैं।

विद्या विंदु सिंह- साहित्य और शिक्षा में पुरस्कृत की गई हैं। लखनऊ की रहने वाली विद्या बिंदु सिंह (76) ने हिंदी में कई लेख लिखे हैं। लोक और बच्चों से जुड़ा हुआ 3000 शब्दों का लेख विश्व प्रसिद्ध हुआ है।

लखनऊ की रहने वाली विद्या बिंदु सिंह (76) ने हिंदी में कई लेख लिखे हैं।
लखनऊ की रहने वाली विद्या बिंदु सिंह (76) ने हिंदी में कई लेख लिखे हैं।

शिवानंद- योग के लिए सम्मानित किए गए हैं। शिवानंद मूलतः बनारस के रहने वाले हैं। शिवानंद ने योग ध्यान और सेवा के जरिए 125 साल की लंबी उम्र प्राप्त की है और वह अभी भी स्वास्थ्य हैं।

योग के लिए सम्मानित किए गए हैं शिवानंद।
योग के लिए सम्मानित किए गए हैं शिवानंद।

अजय कुमार सोनकर- विज्ञान और इंजीनियरिंग क्षेत्र में पुरस्कृत किया गया। प्रयागराज के रहने वाले 54 वर्षीय अजय कुमार सोनकर ने मोती संस्कृति को साइंस के जरिए प्रदर्शित किया है।

विज्ञान और इंजीनियरिंग क्षेत्र में पुरस्कृत किए गए।
विज्ञान और इंजीनियरिंग क्षेत्र में पुरस्कृत किए गए।

अजिता श्रीवास्तव- कला के क्षेत्र में पुरस्कृत किया गया है। मिर्जापुर की रहने वाली 67 वर्षीय अजीता श्रीवास्तव कजरी गायन में प्रसिद्ध हैं। कई राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार पा चुकी हैं।

कजरी गायन में कई राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार मिले हैं।
कजरी गायन में कई राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार मिले हैं।

कमलाकर त्रिपाठी- चिकित्सा क्षेत्र में पुरस्कृत किया गया है। मूलता सिद्धार्थनगर के 70 वर्षीय कमलाकर त्रिपाठी चिकित्सीय सेवा के दौरान हजारों गरीबों का इलाज किया है।

चिकित्सीय सेवा के दौरान हजारों गरीबों का इलाज किया है।
चिकित्सीय सेवा के दौरान हजारों गरीबों का इलाज किया है।

शीश राम- कला के क्षेत्र में पुरस्कार मिला है। मूलतः मेरठ के 72 वर्षीय शीशराम पेंटिंग करते हैं। सेना से रिटायर्ड 1971 का युद्ध लड़ने वाले शीशराम ने विश्व प्रसिद्ध पेंटिंग बनाई है।

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