अपने ही बीजेपी के दावों की बैंड बजा रहे ….

महिला नेता सुरक्षित नहीं, तीसरी पीढ़ी को टिकट, मंत्री के भाई को EWS से नौकरी…. 

फर्क साफ है…

भाजपा ने इस हेडिंग से अखबारों को फुल पेज एड दिए। मन नहीं भरा तो बड़े-बड़े पोस्टर छपवाकर शहर पटवा दिए। इसमें दो फोटो होती थी- एक में लड़की को छेड़ते मनचले, दूसरे में हंसती-मुस्कराती लड़की। एक में बिना नौकरी का हताश लड़का। दूसरे में शर्ट-पैंट जमाकर ऑफिस जाता लड़का।

लेकिन इन दावों का पोल अपने ही खोल दे रहे हैं। ताजा मामला यूपी की मंत्री स्वाति सिंह का है। वैसे, ये पहली बार नहीं है। आइए आपको बारी-बारी से भाजपा के वायदे और उनकी हकीकत से रुबरू कराते हैं…

भाजपा का दावा 1: महिला सुरक्षा में अव्वल यूपी
अमित शाह 30 नवंबर को लखनऊ आए थे। भाषण में बोले, “योगीराज में यूपी इतना सुरक्षित हो गया कि 16 साल की बच्ची गहने लादकर रात 12 बजे भी स्कूटी से सड़कों पर चल सकती है।” अब हकीकत देखिए…

हकीकत: महिलाओं से अपराध में अकेले यूपी पूरे देश के बराबर
महिला आयोग ने ये आंकड़ा जारी किया है। कहते हैं कि 2020 में देशभर में महिलाओं से अपराध की 31 हजार शिकायतें मिलीं। इसमें 15 हजार से अधिक सिर्फ यूपी से जुड़ी थीं। बाकी के 16 हजार में देश के बाकी राज्य हैं। अब कुछ घटनाएं पढ़िये…

मंत्री भी सुरक्षित नहीं: यूपी सरकार की बाल विकास मंत्री स्वाति सिंह का एक ऑडियो वायरल हो रहा है। इसमें वह अपने पति दयाशंकर सिंह पर बदसलूकी और मारपीट की बात कह रही हैं।

फोटो में बाईं ओर दयाशंकर हैं, दाहिनी ओर स्वाति सिंह।

न रेप रुका, न इलाज मिलाः हाथरस में दलित लड़की के साथ गैंगरेप किया गया। उचित इलाज नहीं मिलने से उसकी मौत हो गई। लड़की के परिजनों को लाश सौंपने के बजाय पुलिस के बड़े अफसरों ने आधी रात को ही शव का अंतिम संस्कार कर दिया। ताकि पोल न खुले।

बीजेपी प्रत्याशी के साथ जा रही महिला से ही बदसलूकीः 8 जुलाई 2021 को लखीमपुर में ब्लॉक प्रमुख प्रत्याशी के साथ जा रही महिला के साथ भारी सुरक्षा के बीच ब्लॉक के गेट पर ही भाजपा कार्यकर्ताओं ने बदसलूकी कर दी और साड़ी तक फाड़ दी।

बीजेपी का दावा 2ः नहीं चलेगा परिवारवाद
30 दिसंबर 2021, सीएम योगी ने महाराजगंज में कहा, “2014 से पहले की सरकारों ने अपने स्वार्थ और परिवारवाद की राजनीति के चक्कर में प्रदेश को लूट, खसोट, भ्रष्टाचार और अराजकता का अड्डा बना दिया था। बीजेपी परिवारवाद वाली पार्टी नहीं है।”

वाराणसी में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने कहा, “देश की सभी पार्टियां परिवादवाद से ग्रसित हैं और भाजपा एक परिवार की तरह है, यहां कार्यकर्ता ही अध्यक्ष बनता है।”

हकीकत: तीन-तीन पीढ़ियों से परिवार का हर शख्स बीजेपी का नेता
यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह 2014 में एटा से सांसद बने। पत्नी ने भी चुनाव लड़ा लेकिन हार गई, बेटे संदीप सिंह राजनीति में आए और अतरौली से विधायक बन गए। परिवारवाद की मुखर विरोधी भाजपा सरकार ने उन्हें प्रदेश का शिक्षा राज्यमंत्री बना दिया। अब कुछ और नजीर देखिए…

पति सांसद-पत्नी विधायक, अब दोनों बेटे के लिए टिकट की होड़ः केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर लखनऊ की मोहनलाल सीट से सांसद हैं। पत्नी जय देवी मलीहाबाद से विधायक हैं। कौशल किशोर अपने बेटे विकास किशोर को मलीहाबाद और दूसरे बेटे प्रभात किशोर को सीतापुर की सिधौली सीट से टिकट के लिए रात-दिन एक किए हैं।

बाप रक्षा मंत्री और बेटा यूपी बीजेपी का महासचिवः राजनाथ सिंह लखनऊ से सांसद हैं। उनके बड़े बेटे पंकज सिंह नोएडा से विधायक हैं। इस बार फिर से टिकट के दावेदार हैं। छोटे बेटे नीरज सिंह भी लखनऊ कैंट से टिकट के लिए लगे पड़े हैं।

मेरे बेटे को टिकट दो, मैं सांसदी छोड़ती हूंः रीता बहुगुणा जोशी प्रयागराज की सांसद हैं। पहले लखनऊ कैंट की विधायक थीं। अब चाहती हैं कि बेटे मयंक जोशी की राजनीति चमके। लेकिन लगता है पार्टी इस मूड में नहीं है। एक बार वह धमकी दे रही थीं, ‘अगर पार्टी ने नियम बनाया है कि एक परिवार से एक ही व्यक्ति को टिकट दिया जाएगा तो मैं अपने बेटे के लिए सांसद पद छोड़ने को तैयार हूं’। लेकिन अभी दाल गली नहीं।

यूपी सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही अपने बेटे सुब्रत शाही, सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा अपने बेटे गौरव, मंत्री जय प्रकाश निषाद अपने बेटे के टिकट के लिए लगे हुए हैं। इसी तरह सांसद सत्यदेव पचौरी, सांसद रवींद्र कुशवाहा भी अपने परिवार के लोगों को राजनीति में लाने के लिए बेचैन हैं।

भाजपा का दावा 3 – साढ़े चार लाख लोगों को दी सरकारी नौकरी
योगी सरकार के चार साल पूरा होने पर सीएम योगी ने कहा, “चार साल में साढ़े चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई।”

सरकार के साढ़े चार साल पूरा होने पर भाजपा ने अखबारों एवं जगह-जगह पर पोस्टर लगाते हुए बताया कि- साढ़े चार साल में 6.65 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई।

हकीकत: आंकड़े मांगने पर सरकार के ही जन सूचना आयोग ने हाथ खड़े किए

हमारे पास आंकड़े नहींः AAP नेता वंशराज दुबे ने पिछले दिनों प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने बताया कि आरटीआई के तहत जब नौकरियों के बारे में जन सूचना आयोग से पूछा गया तो आयोग ने कहा, “विभागवार जानकारी उपलब्ध नहीं है।” फिर प्रियंका गांधी ने हमला बोल दिया। तब बीजेपी तिलमिलाई। जाकर ट्विटर पर आंकड़े देने लगी। कहा कि सरकार ने 5 साल में 4.13 लाख नौकरियों दे दी है।

मंत्री के भाई को EWS कोटे से नौकरीः बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के एक भाई हैं, अरुण द्विवेदी। इन्हें इकोनॉमिक वीकर सेक्शन यानी EWS कोटे से सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर बना दिया। मतलब समझ रहे हैं। बेसिक शिक्षा मंत्री के भाई के भाई खुद को गरीब समझते हैं इसलिए आरक्षण लेकर प्रोफेसर बन गए। लेकिन अभी चौंकिए मत। एक बात और है। अरुण द्विवेदी की पत्नी डॉ. विदुषी दीक्षित मोतिहारी के एमएस कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं।

बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी और उनके भाई अरुण द्विवेदी
बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी और उनके भाई अरुण द्विवेदी

सरकार ने तो अरुण द्विवेदी के लिए सब कर दिया था। बाद में मीडिया वाले चिल्लाने लगे। तब अरुण ने माना कि गलती हो गई। बाद में इस्तीफा दे दिए।

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