मैं टैक्स देती हूं, बजट से मेरी उम्मीदें … महिलाओं को आयकर में फिर मिले छूट, 5.5 लाख तक इनकम हो टैक्स फ्री, ऐसी 6 आस

जयपुर में रहने वाली सॉफ्टवेयर इंजीनियर कल्पना की इस साल कोरोना में नौकरी जाते-जाते बची। उसकी सैलरी नहीं बढ़ी, लेकिन महंगाई बढ़ी। उसे कोरोना हुआ था तो इलाज पर भी काफी पैसे खर्च हुए। कल्पना की सालाना आय 5.50 लाख रुपए है। कल्पना चाहती हैं कि उससे इनकम टैक्स न लिया जाए और कोरोना के इलाज में लगे पैसों पर भी राहत मिले। 1 फरवरी, 2022 को निर्मला सीतारमण जब बजट पेश कर रही होंगी तो कल्पना जैसी कई महिलाएं उन्हें उम्मीद से देख रही होंगी।

तो आइए हम आपको बताते हैं कि इस बार महिलाओं को इनकम टैक्स में कौन सी चार बड़ी और दो छोटी राहत मिल सकती हैं…

1. महिलाओं को इनकम टैक्स पर विशेष छूट फिर से मिले

इस समय महिलाओं को इनकम टैक्स में अलग से कोई छूट नहीं दी जाती है। साल 2012 से पहले महिलाओं को इस मामले में पुरुषों से ज्यादा छूट मिलती थी। लेकिन 2012-13 में वित्त मंत्री रहे प्रणब मुखर्जी ने महिलाओं और पुरुषों के बीच छूट का अंतर खत्म कर दिया था। उससे पहले, पुरुषों की 1.60 लाख तक की सालाना आय टैक्स फ्री थी और महिलाओं की 1.90 लाख रुपए की सालाना आय। यानी 10 साल पहले, महिलाओं को आयकर में 30 हजार रुपए की एक्स्ट्रा छूट मिलती थी। इस बार, सरकार इनकम टैक्स के मामले में महिलाओं को दो छोटी-छोटी राहत दे सकती है। आइए, इनके बारे में भी जान लेते हैं।

बोलचाल की भाषा में समझें तो अभी पुरुष हो या महिला, 5 लाख रुपए तक की इनकम, टैक्स के दायरे से बाहर हो जाती है। पहली राहत होगी कि महिलाओं के लिए इसे बढ़ाकर 5.50 लाख रुपए किया जाए यानी महिलाओं को कम से कम 50 हजार रुपए की एक्स्ट्रा छूट मिले। दूसरी राहत स्टैंडर्ड डिडक्शन की हो सकती है। अभी सबको इसमें 50 हजार रुपए की छूट मिलती है। इसे महिलाओं के लिए 25 हजार रुपए बढ़ाकर 75 हजार तक किया जा सकता है।

एक नजर इस टैक्स टेबल पर भी डालते हुए चलिए, इससे आपको एक मिनट में ही पूरा टैक्स सिस्टम समझ आ जाएगा…

87A नाम का दरवाजा, जो आपके 12,500 रुपए बचाता है

ऊपर की टेबल में दिए गए सिस्टम के अलावा एक तरीका है जिससे ज्यादातर लोग अपना टैक्स बचा लेते हैं। आपने ऊपर की टेबल में देखा होगा कि अभी 2.5 लाख रुपए तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं लगता। अगर आपकी आय 2.5 लाख रुपए से 5 लाख रुपए के बीच है तो 5% टैक्स लगता है। इसे ऐसे समझिए कि भोपाल में जॉब कर रही रीता की सालाना आय 5 लाख रुपए थी। ऊपर की टेबल के हिसाब से उनके, 5 लाख-2.5 लाख= 2.5 लाख पर 5% यानी 2.50 लाख x 5/100= 12,500 रुपए टैक्स के कटने चाहिए थे। लेकिन इनकम टैक्स की धारा 87A नाम के दरवाजे से रीता अपनी 5 लाख रुपए की पूरी इनकम को टैक्स फ्री कर लेती थीं। इसलिए, आपने लोगों को कहते सुना होगा कि 5 लाख तक की इनकम पर टैक्स नहीं लगता। लेकिन पिक्चर अभी बाकी है। रीता की सैलरी बढ़ी और अब वह 7.50 लाख रुपए कमाती हैं। 87A के दरवाजे के बाद ऐसे रास्ता आता है कि रीता वापस वहीं पहुंच गईं, जहां से वह चली थीं। कैसे? आइए, इसे भी आसान भाषा में समझ लेते हैं।

अभी 5 लाख से 1 रुपए भी ज्यादा हुई सैलरी तो ज्यादा टैक्स

87A के तहत रीता की 5 लाख की सालाना आय पर 1 रुपया भी टैक्स नहीं लगता था। 7.50 लाख की सैलरी होने पर रीता खुश थी कि चलो उसके 5 लाख तो टैक्स फ्री हैं। अब 7.50 लाख -5 लाख = 2.50 लाख रुपए पर ही टैक्स लगेगा। लेकिन 1 तारीख को बैंक का मैसेज आया तो सैलरी उम्मीद से कम थी। वह ऑफिस के अकाउंटेंट दोस्त अनुग्रह के पास गई तो पता चला कि अब वह 87A के दायरे से निकल गई है। रीता वापस ‘2.50 लाख तक टैक्स फ्री सैलरी’ वाले ब्रैकेट में पहुंच गईं। अब उनकी 7.50 लाख-2.5 लाख= 5 लाख की सैलरी पर 5% की दर से, 5 लाख x 5/100= 25 हजार रुपए टैक्स में कट रहे हैं। यानी हर महीने 2 हजार रुपए से ज्यादा। सरकार इस सिस्टम को ही खत्म कर सकती है। जानिए, कैसे…

5 लाख से ज्यादा सैलरी वालों के 12,500 रुपए बचेंगे

बजट में 5 लाख तक की आय को सीधे टैक्स फ्री करने से 87A वाले दरवाजे की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसमें 4 चीजें होंगी-

  1. रीता को 7.5 लाख की सालाना इनकम में से केवल 2.50 लाख पर ही टैक्स देना होगा, जो 12,500 होगा।
  2. अभी उनके 5 लाख पर 25 हजार रुपए टैक्स लगता है, लेकिन तब 12,500 ही लगेंगे और 12,500 रुपए बचेंगे।
  3. अभी 2.50 लाख से ज्यादा इनकम वालों के लिए ITR फाइल करना जरूरी है।
  4. फिर 5 लाख तक सैलरी वालों को ITR फाइल करने से छूट मिल जाएगी।

2- कोरोना के इलाज में हुए खर्च पर मिले एक्स्ट्रा छूट

महिलाओं के लिए दूसरी राहत कोरोना के इलाज में खर्च हुए पैसों से जुड़ी हुई है। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि देश में कोरोना से करीब 5 लाख लोगों की जान गई और करीब 4 करोड़ लोग संक्रमित हुए। अस्पताल पहुंचे लोगों के इलाज में काफी पैसे लगे। इस मामले में अभी दो सीन हैं। एक तो आपको 25 हजार रुपए तक की मेडिक्लेम पॉलिसी के प्रीमियम को टैक्स से छूट मिलती है। दूसरा कोरोना के इलाज पर कोई छूट नहीं है। टैक्स एक्सपर्ट के मुताबिक इस लिमिट को बढ़ाकर 50 हजार तक किया जा सकता है और इसमें कोरोना को भी कवर किया जा सकता है। महिलाओं को इसमें 25 हजार और यानी कुल 75 हजार रुपए की छूट मिल सकती है। यह छूट एक्चुअल बेसिस यानी हॉस्पिटल बिल जमा करने वालों को दी जा सकती है।

3- होम लोन के ब्याज पर 50 हजार की छूट अलग से मिले

35 साल की सपना ने अपने नाम पर गुड़गांव में एक फ्लैट लिया है। इसके लिए उन्होंने बैंक से 40 लाख रुपए का लोन लिया। उनकी 30 हजार रुपए की ईएमआई कटती है। पूरे साल में वह बैंक को 35 हजार x 12= 4.20 लाख रुपए दे देती हैं। इस 4.20 लाख में से बैंक 2.80 लाख उनको दिए लोन का ब्याज काटता है। इस समय 2.8 लाख में से 2 लाख रुपए पर सपना को इनकम टैक्स में छूट मिलती है। महिलाओं के लिए इसे 2.50 लाख रुपए तक करने की उम्मीद है। सीए और टैक्स एक्सपर्ट मान रहे हैं कि सरकार के इस कदम से कोरोना और लॉकडाउन की वजह से सुस्त पड़े रियल मार्केट में भी थोड़ी जान आ सकती है।

4- जीवन बीमा की कैटिगरी अलग हो और इस पर मिले 75 हजार की छूट

अभी इनकम टैक्स में PPF, EPF और होम लोन के मूलधन और जीवन बीमा सब पर धारा 80C के तहत कुल 1.50 लाख रुपए तक की छूट मिलती है। सरकार इस साल, जीवन बीमा को 80C से बाहर निकालकर इसमें जमा होने वाले पैसों पर अलग से छूट दे सकती है। जीवन बीमा को 80C से बाहर रखकर उस पर अलग से 50 हजार रुपए तक की छूट मिल सकती है। इसमें महिलाओं को 25 हजार रुपए की अतिरिक्त यानी कुल 75 हजार रुपए की छूट मिल सकती है।

अब चलिए जाते-जाते टैक्स की कुछ रोचक बातें भी जान लेते हैं…

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