वित्तमंत्री जी क्या ये सिर्फ भाषण था … पुरानी घोषणाएं अधूरी, खेल और संस्कृति मंत्रालय का बजट कम किया; 1.75 लाख करोड़ का विनिवेश टारगेट भी अधूरा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2022 को बजट पेश करेंगी। नई घोषणाओं का ऐलान होगा। पिछले साल और उससे पहले भी वित्त मंत्री ने आम आदमी के जीवन को सरल बनाने और इकोनॉमी को बूस्ट करने के लिए कई घोषणाएं की थीं। इनमें हेल्थ, एजुकेशन से लेकर बिजनेस के लिए बड़े ऐलान किए गए थे, लेकिन बीते सालों की बहुत सारी घोषणाएं अब तक पूरी नहीं हुई हैं। कई सेक्टर्स का बजट एलोकेशन भी कम कर दिया गया।
यहां हम ऐसे ही सेक्टर और बड़ी घोषणाओं के बारे में बता रहे हैं…
मेडल जीत के श्रेय की होड़, पर बजट में कटौती
ओलिंपिक ईयर में खेलों में मेडल जीतने का श्रेय लेने की होड़ मची रही, लेकिन सरकार ने खेल बजट कम कर दिया। साल 2020 में सरकार ने 2827 करोड़ रुपए का खेल बजट घोषित किया था। बाद में कोरोना महामारी के कारण टोक्यो ओलंपिक और घरेलू टूर्नामेंट टल गए और सरकार ने बजट घटाकर 1878 करोड़ कर दिया। इसके बाद साल 2021 में 2596 करोड़ रुपए का खेल बजट घोषित किया गया, जो बीते साल के मूल बजट की तुलना में करीब 230 करोड़ रुपए कम था।
हेल्थ रिसर्च पर जोर, लेकिन बजट घटाया
प्रधानमंत्री मोदी हमेशा स्वास्थ्य से जुड़ी रिसर्च पर जोर देते रहे हैं, लेकिन पिछले बजट में हेल्थकेयर रिसर्च के खर्च को लगभग आधा कर दिया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021 के लिए डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ रिसर्च को 2663 करोड़ रुपए आवंटित किए। यह वित्त वर्ष 2020-21 के रिवाइज एस्टिमेट 4062 करोड़ से 34.4% कम है। दुनिया की बड़ी इकोनॉमी की तुलना में भारत अपने GDP का बहुत कम खर्च हेल्थकेयर सेक्टर में करता है। भारत में अभी GDP का 1.6% खर्च होता है।
एजेंडे में संस्कृति, लेकिन बजट घटाया
सरकार के एजेंडे में संस्कृति की खास जगह होने के बावजूद संस्कृति मंत्रालय का ही बजट घटा दिया। इससे ऐतिहासिक बिल्डिंग्स के रखरखाव का काम अटक गया। आम बजट 2021 में संस्कृति मंत्रालय (MoC) के लिए 2688 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे, जो पिछले साल की तुलना में 461 करोड़ कम थे। संसद की एक समिति ने भी बीते साल कहा था कि संस्कृति मंत्रालय के बजटीय प्रावधान में भारी कटौती से देश की सांस्कृतिक विरासत पर प्रभाव पड़ा है।
पोषण से जुड़ी योजनाओं का बजट कम किया
भारत की आबादी में करीब आधी महिलाएं हैं। वह देश के GDP, यानी सकल घरेलू उत्पाद में 18% का योगदान देती हैं। ऐसे में उनके सामने आने वाली चुनौतियों के समाधान के लिए काफी कुछ किया जाना है, लेकिन आम बजट 2021 में महिलाओं और बच्चों के अहम सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम के लिए आवंटन घटा दिया गया। पोषण योजना के बजट आवंटन में 27% की भारी कटौती करते हुए इसे 3700 करोड़ से घटाकर 2700 करोड़ कर दिया गया। पोषण अभियान के ठीक से इम्प्लीमेंट नहीं होने के बावजूद पोषण 2.0 अभियान की घोषणा की गई।
पूरा नहीं हुआ विनिवेश का टारगेट
निर्मला सीतारमण ने साल 2022 तक BPCL (भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड), एयर इंडिया, IDBI, SCI (शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया), CCI (कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया), BEML, पवन हंस और नीलांचल इस्पात निगम के निजीकरण की बात कही थी। इसके अलावा भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) को शेयर बाजार में उतारे जाने की घोषणा की थी। विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ रुपए जुटाने का टारेगट रखा गया था, लेकिन ये टारगेट अब तक पूरा नहीं हो पाया है।