राम मंदिर लहर VS मोदी लहर … 1993 में सुल्तानपुर की पांचों सीट पर BJP का नहीं खुला था खाता, 2017 में जीती 4 सीटें
अयोध्या से सटे सुल्तानपुर का यूपी में अपना अलग ही महत्व है। शहर स्थित सीताकुंड घाट, कादीपुर का बिजेथुआ महावीरन धाम, लंभुआ का धोपाप धाम यहां के वो महत्वपूर्ण पौराणिक स्थल हैं, जिसका जिक्र इतिहास में दर्ज है। जहां विदेशों से लोग आते हैं। बावजूद इस सबके यहां 90 के दशक में राम मंदिर लहर में हुए 3 चुनावों पर 2017 के मोदी लहर में हुआ चुनाव भारी पड़ा था।
अयोध्या से सटा है सुल्तानपुर
90 के दशक में हुए राम मंदिर आंदोलन में बड़ी तादाद में कार सेवक यहां रुके भी थे, लेकिन अगर सियासी बात की जाए तो राम मंदिर लहर से अधिक यहां मोदी लहर का असर देखने को मिला। 2017 में न सिर्फ भाजपा ने यहां 4 सीटें जीतीं, बल्कि प्रत्याशियों का वोट ग्रॉफ भी दो गुना हुआ। 1991 में भाजपा पांचों सीटों पर जीती थी, लेकिन जानकर हैरत होगी कि 1992 में बाबरी विध्वंस के बाद 1993 में हुए चुनाव में बीजेपी यहां पांचों सीटों पर हार गई थी।
दो सीटें सपा तो बसपा के खाते में गई थी। जबकि इसौली सीट पर स्व. इंद्रभद्र सिंह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विजयी हुए थे। हां 1996 के चुनाव में बीजेपी 3 सीट जीतने में कामयाब हुई थी, लेकिन जयसिंहपुर और इसौली में बसपा बाजी मार गई थी।
1993 जब सपा–बसपा ने किया था बीजेपी को क्लीन स्वीप
सुल्तानपुर
- बरकत अली (सपा) 57248
- राम प्यारे शुक्ला (बीजेपी) 43541
चांदा
- सफदर रजा (बसपा) 44920
- अरुण प्रताप सिंह (बीजेपी) 35233
इसौली
- इंद्रभद्र सिंह (निर्दलीय) 39280
- ओमप्रकाश पांडे (बीजेपी) 28056
कादीपुर
- भगेलू राम (बीएसपी) 55743
- रामचंद्र चौधरी (बीजेपी) 45841
जयसिंहपुर
- अब्दुल रईस (सपा) 38494
- अर्जुन सिंह (बीजेपी) 35829
2017 की मोदी लहर में इसौली में नहीं खिला कमल
सुल्तानपुर
- सूर्यभान सिंह (बीजेपी) 86786
- मुजीब अहमद (बीएसपी) 54393
लंभुआ
- देवमणि द्विवेदी (बीजेपी) 78627
- विनोद सिंह (बीएसपी) 65724
सदर
- सीताराम वर्मा (बीजेपी) 68950
- राज प्रसाद (बीएसपी) 50177
कादीपुर
- राजेश गौतम (बीजेपी) 87353
- भगेलू राम (बीएसपी) 60749
इसौली
- अबरार अहमद (सपा) 51583
- ओमप्रकाश पांडे (बीजेपी) 47374