चुनावों को लेकर दो धड़ों में बंटे डेरा प्रेमी … प्रेमियों का एक गुट पंजाब चुनावों में चला रहा नोटा मुहिम; राजनीतिक विंग बोली शरारती तत्व
पंजाब विधानसभा चुनावों में राजनीतिक दलों की नजर अब डेरा प्रेमियों के वोट बैंक पर है। उम्रकैद की सजा काट रहा डेरा प्रमुख राम रहीम को 21 दिन की फरलो मिली हुई है। परंतु अबकी बार वोट को लेकर डेरा प्रेमी दो धड़े में बंट गए है। डेरे के एक धड़े ने राजनेताओं और राजनीतिक विंग के अरमानों पर पानी फेरते हुए नोटा की मुहिम को तेज कर दिया है। डेरा अनुयायियों के फेथ वर्सज वरडिक्ट पेज पर जुड़े प्रेमी इस मुहिम को बढ़ा रहे हैं। पंजाब विधानसभा चुनावों में डेरा अनुयायी नोटा के समर्थन में है। डेरा अनुयायियों का यह धड़ा 25 अगस्त 2017 को जेल जाने के बाद असिस्तव में आई और डेरा प्रबंधकों की नीतियों का खुलासा डेरा प्रेमियों के बीच कर रहा है। वहीं डेरा के राजनीतिक विंग के इंचार्ज राम सिंह का कहना है कि डेरे या राजनीतिक विंग की ओर से ऐसा कोई संदेश नहीं जारी किया। जो भी ये मुहिम चला रहे हैं वे शरारती किस्म के लोग है। डेरा प्रेमी नोटा नहीं वोट डालेंगे। जिस ओर भी जाएंगे, उसे जिताएंगे।
पंजाब में पार्टियों से नाराज है इस धड़े के अनुयायी
नोटा दबाने के पक्ष में प्रचार करने वाले डेरा प्रेमी पंजाब में सभी पार्टियों के विरोधी है। डॉ. मोहित का कहना है कि पंजाब में सभी पार्टी की सरकारों ने डेरा अनुयायियों की सुध नहीं ली। इसलिए वे इस बार नोटा की मुहिम का प्रचार कर रहे हैं। उनका कहना है कि डेरा प्रमुख ने कभी भी राजनीति दल का समर्थन नहीं किया। पंचकूला में चली गोलियों को प्रेमी अभी भूले नहीं है।
पश्चिम यूपी और पंजाब में भुनाया जाएगा पेरोल को
अनुयायियों के इस पेज को चला रहे डॉ मोहित ने लाइव होकर कहा कि मुजफरनगर में डेरा प्रेमियों ने राजनीतिक विंग के निर्देश पर वोट डालने से इंकार कर दिया। राजनीतिक विंग की हां में हां नहीं मिलाई। नोटा को वोट डालने पर सहमति दी। 12 फरवरी को डेरा प्रमुख के ऑन लाइन प्रचार करने की अफवाह है। उन्हें नाम चर्चा घर से बाहर जाने की अनुमति भी नहीं है। पंजाब की डेरा अनुयायी बहन वीरपाल कौर ने फेसबुक पर अपना संदेश देते हुए बताया कि यूथ वीरांगना की अध्यक्ष प्रेमियों से कह रही है जस्सी के प्रचार में आए।
21 दिन की मिली फरलो
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख 25 अगस्त 2017 को साधवी यौन शोषण मामले में 20 साल की सजा हुई थी।इसके बाद पत्रकार छत्रपति हत्याकांड और रणजीत हत्याकांड में भी सजा काट रहे हैं। तब से लेकर अब तक डेरा प्रमुख जेल में ही बंद है। हालांकि इस बीच उन्हें एक बार अपनी बीमार मां से एक दिन मिलने के लिए पेरोल मिली। जबकि उसने पहले तीन बार पेरोल के लिए आवेदन किया था, परंतु सिरसा प्रशासन ने आवेदन रद्द कर दिया था। अबकी बार पांच राज्यों के चुनाव से पहले डेरा प्रमुख को 21 दिन की फरलो मिली।
इन जिलों की सीटों पर प्रभाव
मालवा में आने वाले फिरोजपुर, मोगा, फाजिलका, अबोहर, फरीदकोट, मुक्तसर साहिब बठिंडा, पटियाला, लुधियाना, मानसा, संगरूर, बरनाला, मलेरकोटला, फतेहगढ़ साहिब जिले आते हैं। मालवा बेल्ट में 69 विधानसभा क्षेत्र ऐसे है, जहां डेरा का प्रभाव माना जाता था। समय के साथ डेरे ने हर राज्य में अपनी 45 सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया।
सोशल मीडिया पर एक्टिव है यह धड़ा
डेरा सच्चा सौदा सिरसा के अनुयायी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव है। फेथ वर्सज वरडिक्ट के 22 हजार फालोअर फेसबुक पर, यूटयूब पर 25 हजार है। चुनाव को लेकर ये नोटा की मुहिम चला रहा है।