मणिपुर में चुनाव से पहले हिंसा: NPP कैंडिडेट के पिता को मारी गोली, BJP के खिलाफ शिकायत दर्ज, CM ने कहा- मामले की हो रही जांच
मणिपुर के डीजीपी पी डौंगेल ने एक बयान में कहा, ‘अगर उम्मीदवारों और उनके समर्थकों ने चुनाव आयोग के नियमों का पालन किया होता और रात 9 बजे के बाद प्रचार करना बंद कर दिया होता, तो ऐसी घटना से बचा जा सकता था.’
मणिपुर विधान सभा चुनाव (Manipur Assembly Election 2022) से पहले राज्य में आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) और नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने शनिवार को राज्य में हिंसा के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है. पूर्वी इंफाल जिले के अन्द्रो निर्वाचन क्षेत्र (Andro Constituency) में शुक्रवार शाम गंभीर हिंसा हुई, जिसमें कम से कम सात लोग घायल हो गए और लगभग 6 घर और 5 कारें गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गईं.
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (N Biren Singh) ने शनिवार को कहा कि अन्द्रो विधानसभा क्षेत्र में चुनाव से पूर्व हुई इस हिंसा की जांच शुरू कर दी गई है. हालांकि बीजेपी की इस हिंसा नें किसी तरह की कोई संलिप्तता नहीं है. मुख्यमंत्री ने आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्षी उम्मीदवार उनकी सेफ्टी के लिए प्रदान की गई सुरक्षा का दुरुपयोग कर रहे हैं.
सात लोग अस्पताल में भर्ती
मणिपुर के अन्द्रो निर्वाचन क्षेत्र में शुक्रवार रात हुई हिंसा के बाद कम से कम सात लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया. घायलों में एनपीपी प्रत्याशी संजय सिंह (Sanjoy Singh) के पिता एल. श्यामजाई और बीजेपी प्रत्याशी टी श्यामकुमार शामिल हैं. झड़प के दौरान बीजेपी के अन्द्रो मंडल अध्यक्ष प्रभारी मेहौबम बाबू के परिवार के सदस्य भी घायल हो गए. इन सभी को इंफाल के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.
बीजेपी के खिलाफ भी शिकायत दर्ज
एनपीपी (National People’s Party) ने बीजेपी के खिलाफ भी शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें दावा किया गया है कि एनपीपी उम्मीदवार के पिता को निर्वाचन क्षेत्र में उनके घर के बाहर गोली मार दी गई. इस बीच, एनपीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कोनराड संगमा (Conrad Sangma) ने शनिवार को मुख्य चुनाव अधिकारी से मुलाकात की.
10 चुनावी क्षेत्रों से हिंसा की घटना आई सामने
मणिपुर के डीजीपी पी डौंगेल ने इंडिया टुडे को दिए एक बयान में कहा, ‘चुनाव से पहले राजनीतिक दल “हिंसा में लिप्त” हैं. अगर उम्मीदवारों और उनके समर्थकों ने चुनाव आयोग के नियमों का पालन किया होता और रात 9 बजे के बाद प्रचार करना बंद कर दिया होता, तो ऐसी घटना से बचा जा सकता था.’ मणिपुर के संयुक्त मुख्य चुनाव अधिकारी एस दौलत खान ने कहा कि अब तक 10 निर्वाचन क्षेत्रों से हिंसा की घटनाओं की सूचना मिली है और एहतियाती कार्रवाई की जा रही है. चुनाव आयोग (Election Commission) ने राज्य में और ज्यादा सीएपीएफ की तैनाती का भी आह्वान किया है. आने वाले दिनों में 300 कंपनियों के तैनाती होने की उम्मीद है.