Gwalior … नगर निगम की लापरवाही …. कार्रवाई में ढील से शहर में बढ़कर 240 हुए हाेर्डिंग इनमें 128 अवैध, निगम को राजस्व का नुकसान
शहर में अवैध होर्डिंग की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। नगर निगम के अफसर इन होर्डिंग न हटा पा रहे हैं और न ही जुर्माना वसूल रहे हैं। हाल में किए गए सर्वे में शहर में 240 होर्डिंग निगम सीमा में मिले। इनमें से 112 के लिए निगम में नवीनीकरण के लिए आवेदन दिया गया है। शेष 128 होर्डिंग अवैध हैं, जाे शहर की विभिन्न इमारतों पर लटके हुए हैं। निगम की होर्डिंग शाखा ने लंबे समय से अवैध होर्डिंग हटाने की कार्रवाई नहीं की है।
इस कारण निगम को आर्थिक नुकसान हो रहा है। शहर की बड़ी इमारतों पर लटके अवैध होर्डिंग से हादसे की आशंका बनी हुई है। स्ट्रीट लाइट के खंभों पर भी अवैध तरीके से कियोस्क लगाकर निगम को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। निगमायुक्त किशोर कन्याल ने कहा, अवैध होर्डिंग टारगेट पर हैं। निगम की विज्ञापन शाखा से जल्दी कार्रवाई कराएंगे।
ननि से स्वीकृति नहीं मिली फिर भी लगा रहे विज्ञापन
नगर निगम के सर्वे में 140 अवैध की श्रेणी में इसलिए हैं क्योंकि इन होर्डिंग के मालिकों ने नवीनीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन नहीं दिया है। जिन 112 होर्डिंग के लिए आवेदन किया गया है, उन्हें स्वीकृति नहीं मिली है। इसके बाद भी विज्ञापन लगाए जा रहे हैं। निगम के जानकारों का कहना है कि जब तक स्वीकृति नहीं मिल जाती, तब तक यह भी अवैध होर्डिंग की श्रेणी में ही रहेंगे।
26 महीने पहले पार्षदों की कमेटी ने की थी जांच
नगर निगम परिषद की बैठक में अवैध होर्डिंग की जांच के लिए पार्षदों की समिति गठित की थी। उस वक्त कमेटी ने शहर में जाकर अवैध होर्डिंग पकड़े थे। 19 नवंबर 2019 को तत्कालीन सभापति राकेश माहौर ने होर्डिंग शाखा का पूरा स्टाफ बदलने को कहा था। अभी तक पूरा स्टाफ नहीं बदला जा सका है।
मिलीभगत से लग रहे हाेर्डिंग
नगरीय सीमा में अवैध होर्डिंग का कारोबार निगम के ही कुछ लोगों की मिली भगत से किया जा रहा है। पिछले दिनों आयुक्त किशोर कन्याल के निर्देश पर होर्डिंग का सर्वे कराया गया है। हर महीने की आखिरी तारीख को क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर कर संग्राहकों को होर्डिंग की जानकारी देना है। अभी तक जानकारी के मुताबिक 240 होर्डिंग लगे मिले हैं।
सिर्फ एक की बैंक गारंटी जब्त
निगम ने 19 जनवरी को इंदौर की फर्म शौर्यादित्य एडवरटाइजर पर एक्शन लिया है। इसमें निगम ने कंपनी का अनुबंध निरस्त तत्काल कर दिया था। अब जाकर कंपनी की 10 लाख की बैंक गारंटी जब्त की गई है। देखा जाए तो अभी तक निगम ने सिर्फ एक ही कंपनी को निशाना बनाया है। शेष अभी-भी अवैध तरीके से होर्डिंग लगाकर निगम को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
जानिए…जांच कमेटी को कहां-कहां मिली थी खामियां
- मोती तबेला: समिति के सदस्यों का कहना था कि यहां 600 वर्ग फीट की परमिशन है, लेकिन होर्डिंग 1700 वर्ग फीट में लगा हुआ था।
- पड़ाव पुल: पुराने आरटीओ आफिस की तरह एक निजी मकान (जिसमें पहले तुड़ाई हुई थी) पर होर्डिंग लगाने की परमिशन दी गई है। यहां जमीन में यूनिक पोल लगाकर दोनों तरफ होर्डिंग लगा दिए।
- गोले का मंदिर चौराहा: यहां टंडन कोठी, गोले का मंदिर स्टेशन, जेबी मंघाराम फैक्ट्री के पास, श्रीराम हलवाई की छत पर आदि जगह पर अवैध होर्डिंग लगे मिले थे।
- धर्मवीर पेट्रोल पंप: यहां पूजा इंटरप्राइजेज के ऊपर एक होर्डिंग की परमिशन है। इसके ऊपर ही दूसरा लगा दिया गया था। यहीं नजदीक में रामलला मंदिर की छत पर भी अवैध होर्डिंग लगा हुआ मिला था।
- थाटीपुर: यहां सामुदायिक शौचालय बना है। इसके ऊपर होर्डिंग लगना था। आपसी मिलीभगत के चलते सरकारी जमीन पर यूनिक पोल लगाकर होर्डिंग लगा मिला था।