अस्पताल में ड्रोन से सर्वे …. 100 बिस्तराें की नई मेटरनिटी चाइल्ड विंग के लिए जिला अस्पताल में ड्रोन कैमरे से सर्वे

जिला अस्पताल परिसर में नवीन 100 बिस्तराें की मेटरनिटी चाइल्ड विंग बनेगी। रविवार को अस्पताल परिसर में इस नए विंग को बनाने के लिए ड्रोन कैमरा से सर्वे हुआ है, जिसके वीडियऔर फोटोग्राफ भोपाल भेजे जाएंगे। जहां स्थान तय होने के बाद नई विंग का निर्माण शुरू होगा। वहीं जिला अस्पताल में कोविड के मरीजों के लिए आरक्षित किए गए पलंगों की संख्या भी घटा दी गई, जिससे अन्य मरीजों को सुविधा होगी।

300 बिस्तराें के भिंड जिला अस्पताल के लिए 100 बिस्तराें की नवीन मेटरनिटी चाइल्ड विंग स्वीकृत हो गई है। करीब पांच महीने पहले भोपाल से लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की टीम ने नई विंग बनाने के लिए जमीन चिह्नित करने आई थी। तब टीम को अस्पताल परिसर में सीएमएचओ दफ्तर की ओर लाउंड्री के सामने वाली जमीन भी पसंद आई थी।

वहीं सोमवार को भोपाल में एक बैठक है, जिसमें भिंड में प्रस्तावित नई मेटरनिटी चाइल्ड विंग की जगह फायनल होना है। इसके लिए रविवार को जिला अस्पताल परिसर का ड्रोन कैमरा से सर्वे हुआ, जिसमें देखा गया कि अस्पताल परिसर में लाउंड्री के सामने वाले स्थान के अलावा ओर कहां नई विंग बनाई जा सकती है।

80 बेड की मेटरनिटी चाइल्ड विंग

भिंड जिला अस्पताल में प्रति वर्ष आठ से नौ हजार प्रसूताएं प्रसव के लिए आती हैं। जबकि जिला अस्पताल की मेटरनिटी एंड चाइल्ड विंग में 80 पलंग की क्षमता है। वहीं जुलाई, अगस्त, सितंबर के महीने में मरीजों की संख्या बढ़ने पर कई बार प्रसूताओं को पलंग तक नहीं मिल पाते हैं। ऐसे में अस्पताल परिसर में 100 पलंग की नई मेटरनिटी चाइल्ड विंग तैयार होने के बाद मरीजों को राहत मिलेगी। वहीं पलंग की संख्या बढ़ने पर जिला अस्पताल में डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ भी बढ़ेगा। साथ ही जिला अस्पताल की पलंग 300 से बढ़कर 400 हो जाएगी।

तीन से चार मंजिला बनेगी इमारत

जिला अस्पताल परिसर में प्रस्तावित नई मेटरनिटी चाइल्ड विंग तीन से चार मंजिला बनाई जाएगी। अभी ट्रामा सेंटर और पुरानी मेटरनिटी विंग को छोड़ दिया जाए तो पूरा अस्पताल भवन सिंगल स्टोरी है। सिविल सर्जन डॉ. गोयल के अनुसार नई विंग में मेटरनिटी चाइल्ड वार्ड के साथ लैब आदि की सभी सुविधाएं एक ही भवन में रहेंगी। वहीं इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ अनिल गोयल का कहना है कि जिला अस्पताल में 100 बेड की नई मेटरनिटी चाइल्ड विंग के लिए कल भोपाल में बैठक है, जिसके लिए आज ड्रोन कैमरा से अस्पताल परिसर का सर्वे कराया गया है।

तीसरी लहर में नहीं पड़ी बेड की जरूरत, इसलिए सिर्फ 15 पलंग आरक्षित

कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए जिला अस्पताल में 220 पलंग मरीजों के लिए आरक्षित किए गए थे। इनमें से 171 पलंग ऑक्सीजन सपोर्ट के थे। जबकि 45 पलंग आईसीयू और चार एचडीयू के अलग थे। लेकिन तीसरी लहर में भले ही कोरोना संक्रमण के मरीज तेजी से सामने आए, किंतु उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की नौबत नहीं आई।

वहीं भिंड में कोरोना संक्रमण भी सबसे पहले खत्म हुआ। हालांकि दो दिन पहले भिंड में कोरोना के दो मरीज ओर मिले हैं, जिनका घर पर ही उपचार चल रहा है। लेकिन प्रदेश में कोरोना मरीजों की घटती संख्या को देखते हुए मध्यप्रदेश हेल्थ डायरेक्टर्स ने सभी सीएमएचओ और सिविल सर्जन को कोविड के लिए रिजर्व किए गए पलंगों की संख्या घटाने के आदेश दिए थे, जिस पर जिला अस्पताल में कोविड मरीजों के लिए अब सिर्फ 15 पलंग रिजर्व रखे गए हैं। जबकि शेष पलंगों पर अन्य मरीजों का उपचार चल रहा है।

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