यूक्रेन युद्ध ने टेक दिग्गजों की शक्ति परीक्षण …. रूस के खिलाफ एकजुट हुईं गूगल, मेटा, एपल जैसी कई टेक कंपनियां; छवि सुधारने का बेहतर मौका
रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुई जंग में दिग्गज टेक कंपनियां भी कूद चुकी हैं। एक तरफ जहां टेक कंपनियां रूस और रूसी मीडिया पर तरह-तरह की पाबंदियां लगा रही हैं। तो दूसरी तरफ रूस भी लगातार टेक कंपनियों पर हमला कर रहा है। गूगल, मेटा, ट्विटर, टेलीग्राम समेत कई कंपनियों ने रूस को निशाने पर लिया है। वहीं, जंग को लेकर सभी टेक कंपनियां यूक्रेन के सपोर्ट में आई हैं।
यूक्रेन के नेताओं ने एपल, मेटा और गूगल से रूस में अपनी सर्विसेज को बंद करने का अनुरोध किया। जिसके बाद गूगल और मेटा ने रूसी राज्य द्वारा संचालित मीडिया को अपने प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन बेचने से रोक दिया। अल्फाबेट के CEO सुदंर पिचाई ने यूरोपीय संघ के आला अधिकारियों के साथ रूस पर काउंटर को लेकर भी बात की।
गलत सूचनाएं फैलाने पर चैनल बैन
रूस और यूक्रेन में बड़े स्तर पर इस्तेमाल किए जाने वाले मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम ने युद्ध से संबंधित गलत सूचना के कारण बड़े पैमाने पर चैनलों को बंद करने की धमकी दी है। ट्विटर ने भी कहा है कि वह रूसी राज्य-संबद्ध मीडिया आउटलेट्स के लिंक वाले सभी पोस्टों को लेबल करेगा। मेटा ने कहा कि यह युद्ध के प्रचार को रोकने के लिए यूरोपीय संघ उनके कुछ आउटलेट्स तक पहुंच को बैन करेगा।
टेक कंपनियों के पास छवि सुधारने का मौका
रूस-यूक्रेन के बीच शुरू हुआ युद्ध फेसबुक, गूगल, ट्विटर जैसी कई कंपनियों के लिए अपनी छवि को बेहतर बनाने के लिए अच्छा मौका भी है। खासकर जिन कंपनियों की पिछले कुछ सालों में छवि खराब हुई है। उनके पास ये दिखाने का मौका है कि वे अपनी टेक्नोलॉजी का इस मुश्किल वक्त में कैसे बेहतर इस्तेमाल कर सकते हैं, जैसा 2011 में अरब स्प्रिंग के दौरान सोशल मीडिया ने कार्यकर्ताओं को जोड़ा और लोकतंत्र के लिए उत्साहित किया।
कंपनियों के सामने साथ चलने की चुनौती
टेक कंपनियों के सामने एक मुश्किल चुनौती ये भी है कि उनका एक गलत कदम महंगा साबित हो सकता है। कई कंपनियों के अंदर के अधिकारी इस बात का फैसला कर रहे हैं कि आगे क्या करना है। यदि गूगल, मेटा, ट्विटर और दूसरी टेक कंपनियों में से कुछ कदम उठाते हैं और कुछ नहीं, तब उन पर आधे-अधूरे दिखने का आरोप लगाया जा सकता है। लॉस एंजिल्स में बर्गग्रेन इंस्टीट्यूट की येल ईसेनस्टैट ने कहा कि सभी कंपनियां दुनिया के कम्युनिकेशंस पर अपना एकाधिकार चाहती हैं।
गूगल मैप्स में लाइव लोकेशन को ब्लॉक किया
गूगल ने यूक्रेन में कुछ गूगल मैप्स टूल्स को अस्थायी रूप से डिसेबल कर दिया है। इन टूल्स के जरिए लाइव ट्रैफिक की स्थिति और विभिन्न स्थानों पर कितनी भीड़ हो सकती है, ये जानने में मदद मिलती थी। अल्फाबेट इंक की कंपनी गूगल ने इस बारे में जानकारी दी है। इससे पहले गूगल रूस के सरकारी मीडिया इंस्टीट्यूशन को अपने प्लेटफॉर्म पर कमाई करने से रोक चुका है। यूक्रेन के शहरों पर गिर रहीं मिसाइलों, सड़कों पर दौड़ते टैंकों और भीषण गोलाबारी के चपेट में आने की वजह से सैकड़ों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।