बिजनेस वुमन का टाइम …. फाल्गुनी ने 50 की उम्र में ब्यूटी ब्रांड खड़ा किया तो 24 की दिव्या ने ऐप बनाकर बच्चों की पढ़ाई आसान की

घर को संवारकर रखने वाली महिलाएं जब बिजनेस की बागडोर अपने हाथ में लेती हैं तो फिर उन्हें बुलंदियों तक पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता। देश की कई सक्सेसफुल महिला बिजनेसवुमन की कहानी कहती है। एक समय पर जिन्हें कोई महिला कहकर नौकरी देने तक को राजी नहीं होता था, आज वही महिलाएं बिजनेसवुमन बनकर देश की तमाम महिलाओं के लिए सफल करियर का रास्ता खोल रही हैं।

इस महिला दिवस पर हम आपको बता रहे हैं देश की उन महिला उद्योगपति से जिन्होंने खुद अपने दम पर बिजनेस को नई ऊंचाई दी। अपनी मेहनत से कंपनी को इस मुकाम पर ला खड़ा किया कि वह आज देश की सबसे अमीर बिजनेसवुमन कहलाती हैं। ये महिलाएं देश की हर उस महिला के लिए मिसाल है जो अपने सपने पूरे कर नाम रोशन करना चाहती है।

पढ़िए, बिजनेस वर्ल्ड की सबसे अमीर नई महिलाओं के बारे में…

फाल्गुनी नायर: 48,000 करोड़ नेटवर्थ के साथ देश की अमीर महिला
फैशन एंड ब्यूटी ब्रांड Naykaa की सीईओ फाल्गुनी नायर देश की सबसे अमीर महिलाओं की सूची में शामिल है। उनकी कुल संपत्ति 6.5 बिलियन डॉलर यानी 48,000 करोड़ रुपये है। वैसे नायका कंपनी की स्थापना करने के पीछे भी एक बहुत रोचक कहानी है। जीवन के जिस पड़ाव में लोग रिटायरमेंट की बात कर रहे होते हैं उस उम्र में फाल्गुनी ने एक ऐसी कंपनी खड़ी की जो आज बुलंदियां हासिल कर रही है।
फाल्गुनी ने 2012 में 50 साल की उम्र में ‘नायका’ कंपनी की स्थापना की थी। उससे पहले वह कोटक महिंद्रा इन्वेस्टमेंट बैंक की प्रबंध निदेशक पद पर काम कर रहीं थी। अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर उन्होंने एक ब्यूटी ब्रांड की शुरुआत की। आज देशभर में उनकी कंपनी के 70 स्टोर और 1500 से अधिक ब्रांड हैं।

19 फरवरी 1963 को मुंबई में रहने वाले गुजराती परिवार में फाल्गुनी का जन्म हुआ था। IIT अहमदाबाद से पढ़ाई की। 22 साल की उम्र में शुरू की पहली नौकरी।

एक कंपनी को शेयर मार्केट में उतारने के लिए एक कंपनी की कई पीढ़ियां काम करती रह जाती हैं, लेकिन फाल्गुनी नायर ने खुद के दम पर 10 साल में ब्यूटी कंपनी को इतना बड़ा कर दिया कि आज वह शेयर मार्केट में आने के साथ ही मजबूती से खड़ी है। फाल्गुनी नायका में करीब आधे शेयर्स पर मालिकाना हक रखती हैं। स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग के साथ उनके शेयर्स में आए जबर्दस्त उछाल के बाद उनकी नेटवर्थ 6.5 अरब डॉलर पहुंच गई है।

फाल्गुनी का नाम ब्लूमबर्ग की अरबपतियों की सूची में शामिल है। उनसे पहले इस सूची में भारत की सिर्फ छह महिलाएं ही जगह बनाई पाई हैं। आज फाल्गुनी के नाम की दुनियाभर में गूंज है।

दिव्या गोकुलनाथ: भारत की सबसे कम उम्र की महिला अरबपति

भारत में यंग एनर्जी और यंग एंटरप्रेन्योर की बात की जाए तो ऑनलाइन एजुकेशनल टेक्नोलॉजी कंपनी BYJU’S की निदेशक और को-फाउंडर दिव्या गोकुलनाथ का नाम लिया जाता है। 35 साल की एजुकेटर भारत की सबसे कम उम्र की अरबपति महिला कहलाई जाती हैं। इनकी कुल संपत्ति 22.3 हजार करोड़ रुपये है।

पढ़ाई के लिए दिव्या की जिज्ञासा देखकर पति रविंद्रन ने उन्हें एजुकेटर बनने के लिए प्रेरित किया था। जिसके बाद 2008 में दिव्या ने बतौर टीचर अपना करियर शुरू किया।

गणित की शिक्षिका रहीं दिव्या ने साल 2011 में अपने पति बायजू रविंद्रन के साथ कंपनी की नींव रखी थी और आज यह एजुकेशन सेक्टर में डिजिटल क्रांति ला रही है।

क्या आपको पता है कि अरबों की कंपनी शुरू करने वाली दिव्या एक समय विदेश जाने की तैयारी कर रहीं थी। बेंगलुरु में जन्मी दिव्या ने बायोटेक्नोलॉजी में बीटेक किया है। इसके बाद वह विदेश में पढ़ाई करने के मकसद से जीआरई ग्रेजुएट रिकॉर्ड एग्जामिनेशन की तैयारी कर रही थी। इसका ट्यूशन लेने के लिए वह बायजू रविंद्रन के पास गई। जहां गणित के सवाल हल करते करते दोनों एक दूसरे को अपना दिल दे बैठे और शादी कर ली।

दिव्या को अमेरिका के कई शीर्ष विश्वविद्यालयों में उन्हें दाखिला मिल गया था, लेकिन दिव्या ने विदेश जाने का आइडिया ड्रॉप कर दिया, क्योंकि उन्हें बच्चों को पढ़ाना ज्यादा अच्छा लगने लगा था। इसके बाद से दिव्या ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

दिव्या ‘बायजू’ का पूरा कंटेंट मॉनीटर करती हैं। यह सुनिश्चित करती हैं कि हर बच्चे को आसान भाषा में पढ़ाई समझ आ सके। अपने काम को पूरा दिल लगाकर खुशी से करती हैं। यही वजह है कि आज वह अपनी कंपनी को इस मुकाम पर लाकर खड़ा कर पाई हैं। देश में बच्चा – बच्चा उनकी कंपनी का नाम जानता है।

रोशनी नाडर मल्होत्रा ​: फोर्ब्स की 100 ताकतवर महिलाओं की सूची में
देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी HCL technologies की चेयरपर्सन रोशनी नाडर मल्होत्रा देश की चौथी सबसे अमीर महिला उद्योगपति हैं। रोशनी ने साल 2009 में अपने पिता और देश के सबसे अमीर उद्योगपतियों की लिस्ट में टॉप पर रहने वाले शिव नाडर की कंपनी जॉइन की थी। आज वह 54,850 करोड़ रुपये की संपत्ति की मालकिन हैं। इतना ही नहीं वह भारत की पहली ऐसी महिला है जो किसी आईटी कंपनी का नेतृत्व कर रही हैं।

रोशनी नाडर का नाम फोर्ब्स द्वारा जारी दुनिया की 100 सबसे ताकतवर महिलाओं की सूची में साल 2017 से 2019 तक शामिल किया गया है। 2019 में वे इस सूची में 54वें नंबर पर थीं। और तो और साल 2019 में वह देश की सबसे अमीर महिला रहीं।

मगर क्या आप यह जानते हैं कि पिता का बिजनेस संभालने से पहले रोशनी एक पत्रकार थी। उन्होंने एचसीएल जॉइन करने से पहले सीएनएन अमेरिका और स्काई न्यूज यूके में बतौर न्यूज प्रोड्यूसर काम किया था। रोशनी ने रेडियो, टेलीविजन और फिल्म मीडियम में भी काम किया है।

रोशनी नाडर मल्होत्रा ने 2010 में एचसीएल हेल्थकेयर में वाइस चेयरमैन शिखर मल्होत्रा से शादी की थी। रोशनी और शिखर के दो बेटे हैं – अरमान और जहान।

28 साल की उम्र में एचसीएल की सीईओ बनी रोशनी को हमेशा से बिजनेस में दिलचस्पी नहीं रही थी। साल 2012 में एक इंटरव्यू के दौरान रोशनी ने कहा था कि मैं इस बिजनेस में नहीं आना चाहती थी, बल्कि मीडिया में करियर बनाना चाहती थी, उसमें उन्होंने काफी समय काम भी किया।

रोशनी अमेरिका से बिजनेस के गुर सीखकर भारत लौटी थीं। उनके पास कैलॉग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से एमबीए की डिग्री है। पहले रोशनी नाडर का टेक्नोलॉजी बिजनेस में इंटरेस्ट नहीं था। मगर, जब उन्होंने कंपनी का काम संभाला तो उन्हें उनकी काबिलियत के आधार पर बड़ी जिम्मेदारियां दी गई। जिसके बाद से वह बिजनेस को लगातार आगे बढ़ा रही हैं। रोशनी ने शास्त्रीय संगीत की शिक्षा भी ली है और वाइल्डलाइफ में काफी दिलचस्पी रखती हैं।

किरण मजूमदार शॉ: गैराज में 10 हजार की लागत से खड़ी की कंपनी
एक मिडिल क्लास परिवार से होने के बाद भी सपने पूरे हो सकते हैं इसका जीता जागता उदाहरण अगर कोई है तो वह है किरण मजूमदार शॉ। ऑस्ट्रेलिया से माल्टिंग और ब्रूइंग का कोर्स कर भारत लौटी इस महिला ने उस समय भारत में स्टार्टअप खोला था, जिस समय लोग इसका मतलब भी नहीं समझते थे। Biocon Limited and Biocon Biologics Limited की फाउंडर किरण मजूमदार शॉ के काम को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें साल 1989 में पद्मश्री और साल 2005 में पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया। आज 27,572 करोड़ रुपये की संपत्ति की मालकिन हैं।

फोर्ब्स ने दुनिया की 100 सबसे ताकतवर महिलाओं की सूची में किरण को कई बार शामिल किया है। और हो भी क्यों न किरण ने अपने कंपनी को शुरू करने के लिए कई तरह के संघर्ष का सामना किया वह सही मायने में कई महिलाओं के लिए एक मिसाल हैं।

बिजनेस के साथ ही विज्ञान के लिए अवॉर्ड। साल 2014 में किरण मजूमदार शॉ को रसायन विज्ञान की प्रगति में उत्कृष्ट योगदान के लिए ओथम गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया।

बेंगलुरु में पैदा हुई किरण ने बैंगलोर विश्वविद्यालय से जूलॉजी में ग्रेजुएशन की पढ़ाई की। इसके बाद वह ऑस्ट्रेलिया में मास्टर्स डिग्री करने गईं। यहां उन्होंने अलग-अलग तरह के अल्कोहल को सही तरीके से मिलाने की कला सिखी। जब भारत आई तो उन्हें लड़की का हवाला देकर लोग नौकरी नहीं देते थे। बिजनेस शुरू करने के लिए लोन नहीं मिलता था। तब किरण ने घर के गैराज में 10 हजार रुपये की लागत से देश की इतनी बड़ी बायोटेक कंपनी बायोकॉन की स्थापना की। उनकी इस सफलता ने देश की कई महिलाओं के लिए भी उम्मीदों के दरवाजे खोले।

सावित्री जिंदल: बिजनेसवुमन के साथ नेता भी हैं देश की सबसे अमीर महिला
71 वर्ष की सावित्री जिंदल देश की सबसे अमीर महिलाओं की सूची में सबसे पहले स्थान पर हैं। सावित्री देश की दिग्गज स्टील कंपनी जिंदल ग्रुप की चेयरपर्सन है। धनलक्ष्मी के नाम से जाने जानी वाली सावित्री इस समय 1,40,802 करोड़ रुपये की संपत्ति की मालकिन हैं।

असम में पैदा हुई सावित्री बेहद ही साधारण हैं और डिप्लोमा होल्डर हैं, उन्होंने कभी कॉलेज की शक्ल नहीं देखी। घर को संभालने वाली सावित्री ने सबसे पहले बिजनेस की कमान तब अपने हाथ में ली जब उनके पति व जिंदल ग्रुप के फाउंडर ओमप्रकाश जिंदल की वर्ष 2005 में हेलिकॉप्टर क्रैश में मौत हो गई। इससे पहले वह बिजनेस के बारे में कुछ भी नहीं जानती थी।

सावित्री के बिजनेस संभालने के बाद से कंपनी ने तीन गुना बढ़ोतरी की है। 2020 में जिंदल ग्रुप की कुल संपत्ति 6.6 अरब डॉलर थी जोकि 2021 में बढ़कर 18 अरब डॉलर तक पहुंच गई। सावित्री का नाम फोर्ब्स की सबसे अमीर महिलाओं की सूची में आता है। साल 2021 की फोर्ब्स लिस्ट में वह भारत की 7वीं सबसे अमीर शख्सियत रहीं और दुनिया भर के अमीरों की बात करें तो इनका 234वां स्थान है। जिंदल समूह की कमाई का सबसे बड़ा सोर्स स्टील है।

अग्रोहा के महाराडज अग्रेसेन मेडिकल कॉलेज की अध्यक्ष सावित्री जिंदल आजतक कभी कॉलेज नहीं गई। उनके चारों बेटे चार बिजनेस की कमान संभालते हैं।

नेता और समाजसेविका बनकर की लोगों की मदद, सादगी बनी इनकी पहचान
बिजनेसवुमन होने के साथ-साथ ही सावित्री राजनीति में भी किस्मत आजमा चुकी हैं। पति के बाद सावित्री ने हरियाणा की हिसार सीट से 2005 और 2009 में कांग्रेस विधायक बनकर लोगों के बीच अपनी पहचान बनाई। सादी साड़ी और सिर पर पल्लू लेने वाली सावित्री बेहद ही साधारण तरीके से रहना पसंद करती हैं और समाजसेविका भी हैं।

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