MP में देश का पहला चाइल्ड बजट … बच्चों के लिए 58 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे; कहां और कैसे, जानिए सबकुछ

मध्यप्रदेश देश में पहला चाइल्ड बजट पेश करने वाला राज्य बन गया है। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने 2022-23 का बजट पेश करते हुए कहा – बच्चों के शैक्षणिक, सामाजिक, भावनात्मक और शारीरिक विकास पर ध्यान देना जरूरी है। इसलिए पहली बार चाइल्ड बजट लाया जा रहा है। इसके जरिए बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण जैसी व्यवस्थाएं सुनिश्चित हो सकेंगी। अभी तक 17 विभागों में बच्चों के लिए चल रही योजनाओं को चिह्नित किया गया है। इनमें चलने वाली योजनाओं को पहली बार एक साथ लिया गया है। सरकार ने बजट में इसके लिए 57 हजार 800 रुपए का प्रावधान किया है।

दो कैटेगरी में रखा गया

  • पहली कैटेगरी: चिन्हित विभागों के अंतर्गत ऐसी योजनाएं, जहां लगभग शत-प्रतिशत प्रावधान बच्चों से संबंधित हैं।
  • दूसरी कैटेगरी: ऐसी योजनाएं, जिनमें कम से कम 30% प्रावधान बच्चों से संबंधित है।

इस तरह समझें चाइल्ड बजट
यूनिसेफ की गाइडलाइन के अनुसार 18 साल से कम उम्र को चाइल्ड माना गया है। चाइल्ड बजट को महिला एवं बाल विकास के अंतर्गत ही रखा गया है। बजट में कहा गया है कि प्रदेश में जो भी योजनाएं 0 से लेकर 18 से कम उम्र के बच्चों के लिए चल रही हैं, अब उनका अलग से बजट होगा। जैसे पार्क, आंगनबाड़ी, स्कूल, एजुकेशन और खेलकूद पर होने वाला खर्च इसमें शामिल होगा। इससे सरकार यह पता लगाने का प्रयास करेगी कि सरकार बच्चों पर कितना खर्च कर रही है और उसका रिजल्ट क्या है। अभी यह 17 अलग-अलग विभागों में बंटा हुआ था।

इन विभागों में बच्चों के लिए योजनाएं
खेल एवं युवक कल्याण विभाग, श्रम विभाग, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार विभाग, नगरीय विकास एवं आवास विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, विधि एवं विधायी कार्य विभाग, जनजातीय कार्य विभाग, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, संस्कृति, पर्यटन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, महिला एवं बाल विकास, पिछड़ा वर्ग एवं अल्प संख्यक कल्याण, अनुसूचित जाति कल्याण, ग्रामीण विकास व घूमन्तू और अर्द्धघूमन्तू जनजाति विभागों में बच्चों के लिए योजनाएं हैं।

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