पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे गुरुवार को आ गए। चार राज्यों में भाजपा अपनी सत्ता बचाने में कामयाब रही। पंजाब में आप की आंधी ने कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर दिया। यहां तक कि मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी दोनों सीटों से चुनाव हार गए।
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चेहरे पर चुनाव लड़ी भाजपा को 255 सीटें मिलीं। उसका गठबंधन 273 सीटें जीतने में सफल रहा। हालांकि, डिप्टी सीएम केशव मौर्य की हार ने रंग में भंग डालने का काम किया। वहीं, उत्तराखंड में भाजपा ने हर चुनाव में सत्ता बदलने का मिथक तोड़ दिया, लेकिन मुख्यमंत्री का चुनाव हारने का सिलसिला जारी रहा। मणिपुर में भाजपा ने पहली बार बहुमत के साथ सत्ता हासिल की तो गोवा में प्रमोद सावंत अपना प्रभुत्व कायम करने में सफल रहे।
उत्तराखंड में हर पांच साल में सत्ता बदलने का मिथक भाजपा ने तोड़ दिया।
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अकाली दल के पूर्व प्रमुख और पांच बार मुख्यमंत्री रहे 94 साल के प्रकाश सिंह बादल भी अपनी परंपरागत सीट लंबी से चुनाव हार गए। पूर्व मुख्यमंत्री और पंजाब लोक कांग्रेस के मुखिया कैप्टन अमरिंदर सिंह पटियाला से, पूर्व उपमुख्यमंत्री और अकाली प्रमुख सुखबीर सिंह बादल जलालाबाद से, पंजाब के निवर्तमान डिप्टी सीएम ओपी सोनी अमृतसर मध्य से और पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू अमृतसर पूर्व से हार गए। पंजाब के इन सभी बड़े चेहरों को आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों ने हराया।
40 सीटों वाले गोवा में भाजपा 20 सीटें जीत गई। यहां बहुमत का आंकड़ा 21 सीटों का है। निर्दलियों की मदद से भाजपा ने एक बार फिर से सत्ता में वापसी की।
60 सीटों वाले मणिपुर में सरकार बनाने के लिए 31 का आंकड़ा चाहिए। भाजपा 32 सीटों के साथ बहुमत के आंकड़े को पार करने में सफल रही।
2012 में भाजपा को महज 15 फीसदी वोट मिले थे। तब सपा ने 29 फीसदी वोट शेयर पाकर सरकार बनाई थी। इस बार सपा को 2012 से अधिक वोट मिला। सपा ने अपने इतिहास का सबसे ज्यादा 32 फीसदी वोट हासिल किया। इसके बाद भी वो सत्ता में नहीं आ सकी। वहीं, भाजपा 41.3 फीसदी वोट के साथ सत्ता में लौटी।
भाजपा देश के 18 राज्यों में अपनी सरकार बरकरार रखने में कामयाब रही। इन राज्यों में देश की करीब 50% फीसदी आबादी रहती है। यानी, देश की करीब आधी आबादी वाले राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं। वहीं, कांग्रेस की सरकार अब पांच राज्यों तक ही सिमटकर रह गई है। इन पांच राज्यों में देश की करीब 22 फीसदी आबादी रहती है।
23 दिन के अंदर प्रधानमंत्री मोदी ने 32 बड़ी रैलियां कीं। इसके जरिए 203 विधानसभा सीटों को कवर किया। इनमें से 128 सीटें भाजपा जीतने में सफल रही। पिछली बार इनमें से 143 सीटें भाजपा के कब्जे में थीं।
बेहतर कानून व्यवस्था, महिलाओं का समर्थन और मुफ्त राशन योजना योगी की सत्ता में वापसी के सबसे बड़े कारण रहे। योगी की बेदाग छवि और दलित वोटर्स का भाजपा को समर्थन मिलना भी जीत की बड़ी वजह रही।