दुकानों पर विज्ञापन बोर्ड, पहले सर्वे फिर वसूली
नगर निगम नियुक्त करने जा रहा ठेकेदार एजेंसी, बिगड़ी आर्थिक स्थिति सुधारने की कवायद …
इंदौर. नगर निगम ने अब शहर की दुकानों पर लगे विज्ञापन बोर्ड का सर्वे करने के साथ शुल्क वसूली करने की प्लानिंग की है। इसके तहत सर्वे और वसूली करने को लेकर ठेकेदार एजेंसी ढूंढने का काम निगम ने शुरू कर दिया है। बिगड़ी आर्थिक स्थिति सुधारने को लेकर यह काम ठेके पर कराया जा रहा है। अभी दुकानों पर लगे विज्ञापन बोर्ड का पूरा पैसा निगम को नहीं मिल पा रहा है।

दुकानों पर विज्ञापन बोर्ड, पहले सर्वे फिर वसूली
दुकानों के बोर्ड पर अन्य किसी कंपनी के प्रोडक्ट का प्रचार-प्रसार करने के लिए निगम मार्केट विभाग में रजिस्ट्रेशन कराने के साथ अनुमति लेना जरूरी है। कई दुकानदार ऐसा नहीं करते और अपनी दुकान के नाम के साथ अन्य कंपनी के प्रोडेक्ट का लोगो लगवाकर नाम लिखवा लेते हैं। विज्ञापन शुल्क न देकर बड़ी-बड़ी कंपनियों के इलेक्ट्रिक, खाद्य पदार्थ, सर्फ-साबुन सहित अन्य प्रोडक्ट का प्रचार-प्रसार करने वाले दुकानदारों के खिलाफ निगम मार्केट विभाग कार्रवाई करता है। मप्र आउटडोर विज्ञापन मीडिया नियम-2017 के तहत यह कार्रवाई की जाती है। बावजूद इसके निगम खजाने में ज्यादा पैसा नहीं आता, इसलिए अब दुकानों पर लगे विज्ञापन बोर्ड का सर्वे करने सहित शुल्क वसूली करने को लेकर निगम ठेकेदार एजेंसी नियुक्त करने जा रहा है। इसके लिए टेंडर जारी कर दिए ह
टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद जिस किसी एजेंसी को सर्वे और शुल्क वसूली का ठेका मिलेगा, वह निगम को पुराना बकाया पैसा भी रिकवर करके देगी। निगम कर्मचारी यह काम नहीं कर पाए, इसलिए ठेका दिया जा रहा है। इससे निगम की आमदनी भी बढ़ जाएगी और बिगड़ी आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी। गौरतलब है कि यूनिपोल, बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन, सडक़ के बीच डिवाइडर और जेंट्री गेट पर लगने वाले विज्ञापन का शुल्क निगम ही वसूल करेगा। कारण इन्हें निगम द्वारा खुद किराए पर देना है।
3 फीट ऊंचे विज्ञापन बोर्ड का लगेगा शुल्क
मार्केट विभाग के अफसरों का कहना है कि शहर में 3 फीट ऊंचे और दुकान की चौड़ाई के हिसाब से विज्ञापन बोर्ड का शुल्क लगेगा। बोर्ड पर दुकान सहित अन्य किसी कंपनी के प्रोडक्ट का प्रचार-प्रसार करने पर यह शुल्क देना होगा। न देने वाले दुकानदार के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होगी।
मार्केट विभाग के अफसरों का कहना है कि शहर में 3 फीट ऊंचे और दुकान की चौड़ाई के हिसाब से विज्ञापन बोर्ड का शुल्क लगेगा। बोर्ड पर दुकान सहित अन्य किसी कंपनी के प्रोडक्ट का प्रचार-प्रसार करने पर यह शुल्क देना होगा। न देने वाले दुकानदार के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होगी।
प्रतिशत के हिसाब से होगा भुगतान
विज्ञापन बोर्ड का सर्वे कराने की वजह शहर की दुकानों को चिह्नित कराना है, क्योंकि निगम रिकॉर्ड में ऐसी कई दुकानें छूटी हुईं हैं, जिनके बोर्ड 3 फीट से ऊंचे हैं। साथ ही निगम शुल्क वसूल नहीं कर पा रहा। दुकानों का रिकॉर्ड भी तैयार हो जाएगा। अफसरों के अनुसार यह काम करने वाली ठेकेदार एजेंसी को विज्ञापन बोर्ड शुल्क वसूलने पर प्रतिशत के हिसाब से भुगतान होगा। जो कम प्रतिशत में यह काम करेगा, उस एजेंसी को टेंडर के जरिए नियुक्त किया जाएगा। नियमानुसार यह काम हो और दुकानदारों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए एजेंसी के काम पर नजर निगम की ही रहेगी।
विज्ञापन बोर्ड का सर्वे कराने की वजह शहर की दुकानों को चिह्नित कराना है, क्योंकि निगम रिकॉर्ड में ऐसी कई दुकानें छूटी हुईं हैं, जिनके बोर्ड 3 फीट से ऊंचे हैं। साथ ही निगम शुल्क वसूल नहीं कर पा रहा। दुकानों का रिकॉर्ड भी तैयार हो जाएगा। अफसरों के अनुसार यह काम करने वाली ठेकेदार एजेंसी को विज्ञापन बोर्ड शुल्क वसूलने पर प्रतिशत के हिसाब से भुगतान होगा। जो कम प्रतिशत में यह काम करेगा, उस एजेंसी को टेंडर के जरिए नियुक्त किया जाएगा। नियमानुसार यह काम हो और दुकानदारों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए एजेंसी के काम पर नजर निगम की ही रहेगी।
दुकान का नाम लिखा होने पर नहीं लगती अनुमति
नगर निगम मार्केट विभाग के अफसरों का कहना है कि बोर्ड पर सिर्फ दुकान का नाम लिखा होने पर न तो दुकानदार को कोई अनुमति लेना पड़ती और न ही कोई शुल्क व पेनल्टी लगती है। अगर बोर्ड पर दुकान का नाम लिखा होने के साथ अन्य किसी कंपनी के प्रोडक्ट का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, तो फिर विज्ञापन के लिए निगम में रजिस्ट्रेशन कराने के साथ अनुमति लेना जरूरी है। ऐसा न करने वाले दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई कर पेनल्टी लगाकर वसूल की जाती है।
नगर निगम मार्केट विभाग के अफसरों का कहना है कि बोर्ड पर सिर्फ दुकान का नाम लिखा होने पर न तो दुकानदार को कोई अनुमति लेना पड़ती और न ही कोई शुल्क व पेनल्टी लगती है। अगर बोर्ड पर दुकान का नाम लिखा होने के साथ अन्य किसी कंपनी के प्रोडक्ट का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, तो फिर विज्ञापन के लिए निगम में रजिस्ट्रेशन कराने के साथ अनुमति लेना जरूरी है। ऐसा न करने वाले दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई कर पेनल्टी लगाकर वसूल की जाती है।
ऐसे लगता है रजिस्ट्रेशन शुल्क
दुकान पर लगे बोर्ड पर अन्य किसी कंपनी के प्रोडक्ट का प्रचार-प्रसार करने के लिए कलेक्टर गाइड लाइन के हिसाब से पैसा जमा करवाकर दुकानदार निगम से अनुमति ले सकता है। इलेक्ट्रानिक दुकानों के लिए कलेक्टर गाइड लाइन का 6 प्रतिशत और अन्य दुकानों के लिए 4 प्रतिशत तक शुल्क लगता है।
दुकान पर लगे बोर्ड पर अन्य किसी कंपनी के प्रोडक्ट का प्रचार-प्रसार करने के लिए कलेक्टर गाइड लाइन के हिसाब से पैसा जमा करवाकर दुकानदार निगम से अनुमति ले सकता है। इलेक्ट्रानिक दुकानों के लिए कलेक्टर गाइड लाइन का 6 प्रतिशत और अन्य दुकानों के लिए 4 प्रतिशत तक शुल्क लगता है।