महिलाओं पर किया भरोसा, तो ‘आप’ को मिला ताज … पंजाब में औरतों को टिकट देने में पीछे रहीं पार्टियां, आम आदमी पार्टी की 12 में से 11 को जीत
पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) की जबर्दस्त जीत के साथ ही पार्टी की महिला उम्मीदवार कई दिग्गजों को हराकर धुरंधर बनकर उभरी हैं। पंजाब विधानसभा चुनाव में 93 महिला उम्मीदवारों में से 13 ने जीत का परचम लहराया है, जिनमें से 11 आम आदमी पार्टी से हैं।
राज्य की सबसे हॉट सीट अमृतसर ईस्ट से आप की जीवनजोत कौर ने अपने विरोधी दिग्गज नेता नवजोत सिंह को करारी हार दी। वहीं, नरिंदर कौर भराज ने संगरूर सीट पर पंजाब के मंत्री विजय इंदर सिंगला को हराया। ज्यादातर विजेता उम्मीदवार नौसिखिया होने के बावजूद आप को जीत दिलाने में कामयाब रहीं।
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महिलाओं को टिकट देने में पीछे रहीं पार्टियां
पंजाब में चुनाव से पहले पार्टियों ने भले ही महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए किए बड़े-बड़े दावे किए गए थे, लेकिन राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों की लिस्ट में महिलाएं काफी पीछे रहीं। कांग्रेस हो या शिरोमणि अकाली दल या फिर संयुक्त समाज मोर्चा, किसी भी दल ने महिलाओं को कोई तरजीह नहीं दी।
जहां शिरोमणि अकाली दल-बसपा गठबंधन ने 117 सीटों में से सिर्फ 4% महिला उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा। वहीं, यूपी में महिलाओं को 40% सीटों पर टिकट देने का वादा करने वाली कांग्रेस ने पंजाब में सिर्फ 10% सीटों पर महिलाओं को उतारा। आम आदमी पार्टी ने 117 सीटों में से 12 सीटों पर महिलाओं को चुनावी जंग में लड़ने का मौका दिया।
ये हैं आप की विजेता महिला उम्मीदवार
- अमृतसर पूर्व : आप की जीवनज्योत कौर ने पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू को 6,750 वोटों के अंतर से हराया।
- संगरूर : आप की नरिंदर कौर भराज ने पंजाब मंत्री विजय इंदर सिंगला को 36,430 मतों से हराया।
- बालाचौर : संतोष कुमारी कटारिया ने अकाली दल की सुनिता रानी को 4,541 मतों के अंतर से हराया।
- जरगांव : सरवजीत कौर मानुके ने अकाली दल के एस आर कालेर को 39,656 मतों के अंतर से हराया।
- तलवंडी साबो : प्रो. बलजिंदर कौर ने अकाली दल के जीत मोहिंदर सिंह सिद्धू को 15,252 वोटों के अंतर से हराया।
- खरार : सिंगर अनमोल गगन मान ने अकाली दल के रंजीत सिंह गिल को 37,885 मतों के अंतर से हराया।
- लुधियान दक्षिण : रजिंदर पाल कौर ने भाजपा के सतिंदरपाल सिंह ताजपुरी को 26,138 मतों के अंतर से हराया।
- मोगा : अमनदीप कौर अरोड़ा ने सोनू सूद की बहन मालविका सूद को 20,915 मतों के अंतर से हराया।
- मलोट : बलजीत कौर ने अकाली दल उम्मीदवार हरप्रीत सिंह को 40,261 मतों के अंतर से हराया।
- नकोदर : इंद्रजीत कौर मान ने अकाली दल के जी. प्रताप वडाला को 2,869 मतों के अंतर से हराया।
- राजपुरा : नीना मित्तल ने भाजपा की जगदीश कौर जग्गा को 22,493 मतों के अंतर से हराया।
अकाली दल और SSM महिलाओं की ताकत भूले
अकाली दल इस बार बसपा के साथ गठबंधन कर चुनावी दंगल में उतरा था। आम आदमी पार्टी की तरह अकाली दल ने भी महिलाओं को 2 हजार रुपए प्रति माह और रसोई का राशन मुफ्त देने की घोषणा की थी। ये दल घोषणा पत्र में महिलाओं को सुविधाओं का वास्ता देकर वोट तो हासिल करना चाहते थे, लेकिन टिकट आवंटन में सिर्फ 4 प्रतिशत महिलाओं को ही तरजीह दी।
11 सीटों पर महिलाओं ने किया था बढ़-चढ़कर मतदान
पंजाब में कुल 2,12,75,067 मतदाता हैं। इनमें महिला वोटर्स की संख्या 1,00,86,514 है। इस साल 117 विधानसभा सीटों में से 11 सीटों पर महिलाओं ने बढ़-चढ़कर मतदान में हिस्सा लिया। इन सीटों पर महिलाएं मतदान में पुरुषों से आगे निकलीं। ज्यादातर सीटें दोआबा में थीं। चुनाव में मतदान सिर्फ 73 लाख महिलाओं ने ही किया। यहां महिलाओं का मतदान प्रतिशत 71.90% रहा, जबकि पुरुषों का 0.9% ज्यादा यानी 71.99% रहा।
बता दें, पिछले दो विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनावों के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो सरकार बनाने में महिलाओं की भागीदार ज्यादा रही। 2012 विधानसभा चुनाव में 78.90 महिला मतदाताओं ने मतदान किया था, जबकि पुरुष वोटिंग प्रतिशत 77.58 रहा। 2017 के विधानसभा चुनाव में भी 79.2 प्रतिशत महिलाओं ने मताधिकार का प्रयोग किया, जबकि 78.5 प्रतिशत पुरुषों ने वोट डाले। 2019 लोकसभा चुनाव में 79.2 प्रतिशत महिला और 78.5 प्रतिशत पुरुष मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया।
लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरना बड़ी चुनौती
आप की जीत के पीछे महिलाओं और युवाओं का हाथ रहा है। इन्होंने स्थापित पार्टियों को छोड़कर पहली बार सत्ता ऐसे हाथों में सौंपी है जिनके ज्यादातर विधायक पहली बार विधानसभा पहुंचेंगे। ऐसे में जीवन स्तर ऊंचा करने के नाम पर महिलाओं को 1-1 हजार रुपया प्रति महीने की गारंटी देने वाली आम आदमी पार्टी के सामने लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरना बड़ी चुनौती है। खास बात यह है कि जिस तरह उम्मीदवारों ने दिग्गजों को पटखनी दी है उससे साफ है कि लोगों के लिए उम्मीदवार मायने नहीं रखते है, बल्कि उन्हें अव्यवस्थाओं को सुधारने का दावा करने वाले नेता पर भरोसा है। युवाओं को उम्मीद है कि पार्टी शिक्षा और रोजगार के मुद्दे पर काम करेगी।