MP में शिक्षक भर्ती के नाम पर बीते 4 चुनाव … TET की वैलिडिटी बढ़ाकर सरकार ने लगाए एक तीर से दो निशाने; जानिए, क्या है इसकी असल वजह

मध्यप्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा MP-TET की एक साल वैलिडिटी बढ़ाने का फैसला सरकार ने यूं ही नहीं लिया। इसकी असल वजह राजनीतिक है। सरकार ने इस फैसले से एक तीर से दो निशाने लगाए हैँ। पहला, अगले साल विधानसभा चुनाव हैं। सो, सरकार इसके जरिए राजनीतिक रूप से भुनाने की कोशिश करेगी। दूसरा- पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव भी होने हैं। इसमें भी इसका लाभ मिलेगा। खास है कि इससे पहले भी प्रदेश में शिक्षक भर्ती के नाम पर चार चुनाव निकाल दिए गए, लेकिन, शिक्षक भर्ती अब तक पूरी नहीं हो सकी है। देखा जाए, तो शिक्षक भर्ती के लिए राज्य सरकार अभी जल्दबाजी नहीं दिखाएगी।

शिक्षक पात्रता परीक्षा MP-TET की वैधता (वैलिडिटी) में इजाफा कर दिया गया है। शिक्षक पात्रता की वैधता 2 से बढ़ाकर 3 साल कर दी गई है।

सरकार को मिल गया अवसर

अब पात्रता परीक्षा की वैधता बढ़ाकर राज्य सरकार ने एक ओर वेटिंग में नियुक्ति का इंतजार कर के बेरोजगार उम्मीदवारों के गुस्से को कुछ हद तक शांत किया है। वहीं, इससे सरकार के पास भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाने यानी और लंबा खींचने का अवसर मिल गया है। सरकार चाहे तो इसे आसानी से अगले चुनावी माहौल तक खींच सकती है। उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा-2018 की वैधता 28 अगस्त 2022 तक और माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा की वैधता 26 अक्टूबर 2022 तक रहेगी। यानी अक्टूबर तक माध्यमिक शिक्षकों की भर्ती की जा सकेगी।

2018 के विधानसभा चुनाव से पहले निकली थी भर्ती
विधानसभा चुनाव से पहले सितंबर 2018 में भर्ती निकली थी। फरवरी-मार्च 2019 में परीक्षा हुई। अगस्त-अक्टूबर 2019 में रिजल्ट घोषित किए। जनवरी 2020 में काउंसिलिंग शुरू हो गई थी। नियुक्ति अक्टूबर 2021 में मिली। यानी रिजल्ट आने के दो साल बाद नियुक्ति देना शुरू किया गया। इसमें भी सभी सीटों पर नियुक्ति नहीं हो सकी है।

इस बीच, साल 2018 में विधानसभा चुनाव हुए। अप्रैल-मई 2019 में लोकसभा चुनाव हुए। 28 सीटों पर अक्टूबर 2020 में उपचुनाव हुए। इसके बाद 1 लोकसभा और 3 विधानसभा सीट के लिए चुनाव हुए। बीच में सत्ता परिवर्तन भी हो गया है, लेकिन शिक्षक भर्ती अब तक पूरी नहीं हो सकी है।

वेटिंग क्लियर नहीं होने से दूसरी काउंसिलिंग अटकी
स्कूल शिक्षा के स्कूलों के लिए उच्च माध्यमिक शिक्षक की भर्ती दो चरणों में होनी है। पहले चरण में 15 हजार और दूसरे चरण में 2 हजार शिक्षकों की भर्ती होनी है। लेकिन, अभी पहले चरण की काउंसिलिंग के तहत वेटिंग क्लियर नहीं हो सकी है। इसके कारण दूसरी चरण की काउंसलिंग भी शुरू नहीं हो सकी है।

प्राथमिक शिक्षक के लिए वैकेंसी ही नहीं निकाली
उच्च माध्यमिक और माध्यमिक शिक्षक के लिए भर्ती पूरी नहीं हो सकी। वहीं, प्राथमिक शिक्षक लिए पात्रता परीक्षा चल रही है। इसके लिए राज्य सरकार ने वैकेंसी अभी तक जारी नहीं की है। नए नियमों के अनुसार प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा की वैधता भी तीन साल रहेगी।

जल्द भूख हड़ताल पर बैठेंगे उम्मीदवार
चयनित शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक अमित गौतम का कहना है कि अब सरकार चाहे तो एक सप्ताह में वेटिंग क्लियर कर योग्य उम्मीदवारों को नियुक्ति दे सकती है। अभी तक विभाग वैधता खत्म होने का बहाना बना रहा था। लेकिन, अब उनका बहाना खत्म हो गया है। इसलिए जल्द ही भर्ती प्रक्रिया दोबारा शुरू करनी चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता है, तो 2 अप्रैल से भूख हड़ताल शुरू की जाएगी।

बजट में 13 हजार शिक्षकों की भर्ती का प्रावधान
9 मार्च को विधानसभा में पेश किए गए बजट में राज्य सरकार ने 13 हजार शिक्षकों की भर्ती का प्रावधान किया है। ये वही पद बताए जा रहे हैं, जो वर्ष 2018 में निकाली गई भर्ती के दौरान विज्ञापित किए गए थे, लेकिन अब तक उनमें भर्ती नहीं हो सकी है।

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