दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे … 75% तैयार, अक्टूबर तक पूरा बन जाएगा; रतलाम से गुजर रहे 90 किमी एक्सप्रेस-वे, प्रवेश मार्ग पर टोल बूथ बनना हुए शुरू
रतलाम से गुजर रहा देश का सबसे लंबा हाईवे दिल्ली-मुंबई 8 लेन एक्सप्रसे-वे अक्टूबर तक तैयार हो जाएगा। रोड के साथ पुल-पुलिया का काम तेजी से किया जा रहा है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे 1380 किमी लंबा है। इसमें से 90 किलोमीटर हिस्सा रतलाम जिले से गुजर रहा है। निर्माण कंपनी ने इस हिस्से में से 75 किमी रोड का काम पूरा कर लिया है।
रोड बनाने के साथ ही धामनोद और नामली के पास टोल बूथ बनना शुरू हो गए हैं। अगले तीन से चार महीने में इनका काम पूरा कर लिया जाएगा। टोल वसूली के पहले डेढ़ महीने तक ट्रायल किया जाएगा। इसके बाद टोल शुरू कर दिया जाएगा। रोड निर्माण के बाद यह तय किया जाएगा कि वाहनों से टोल कितना लिया जाएगा। जिले में एक्सप्रेसव-वे का काम अलग-अलग स्थानों पर एक साथ किया जा रहा है। इसमें अफसर और लेबर मिलाकर 7 हजार लोग जुटे हैं।
रतलाम जिले से ऐसे गुजर रहा
- एक्सप्रेस-वे जिले के 87 गांवों से होकर गुजर रहा है। इसमें रतलाम ग्रामीण के 19, पिपलौदा के 3, जावरा के 24, रावटी के 16 और सैलाना के 25 गांव शामिल हैं।
- 266 पुल-पुलिया बनना है। इनमें से 240 का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। जो पुलिया बची हैं, उनका काम तेजी से किया जा रहा है। अगले 5 महीने में इनका काम भी पूरा कर लिया जाएगा।
- 8 लेन पर जहां पुलिया तैयार हो गई हैं, वहां धामनोद, ईसरथुनी, पलसोड़ी सहित अन्य गांवों में 90 में से 75 किमी रोड का काम पूरा कर लिया गया है।
- 8 लेन में प्रवेश के पहले लगने वाले टोल के लिए टोल बूथ बन रहे हैं। 50 फीसदी काम इसका भी पूरा कर लिया है। अगले तीन से चार महीने में टोल बूथ बन जाएंगे।
रतलाम में 90 में से 75 किमी एक्सप्रेस-वे बन चुका है। बचे पुल-पुलिया का काम भी तेजी से हो रहा है। धामनोद, नामली में टोल बूथ बनाए जा रहे हैं। उद्घाटन के पहले डेढ़ महीने तक ट्रैफिक चलाकर देखेंगे। इसके बाद टोल वसूली होगी। काम अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाएगा।-रवींद्र गुप्ता, प्रोजेक्ट डायरेक्टर एनएचएआई
12 घंटे में तय होगी दिल्ली से मुंबई तक की दूरी
- 1380 किलोमीटर लंबा है एक्सप्रेस-वे
- 31 मार्च 2023 तक निर्माण पूरा करने की है डेडलाइन
- 1 लाख करोड़ रुपए निर्माण में खर्च होंगे।
- 15 से 16 घंटे अभी लगते हैं। एक्सप्रेस-वे बनने के बाद 12 घंटे में पहुंच जाएंगे।
- 06 राज्यों को जोड़ेगा। दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र राज्य के विकास को गति मिलेगी।