हमीरपुर में बेरोजगारों को मिला रोजगार … बेतवा और केन नदियों से ग्रामीण निकला रहे लाल सोना, सत्ताधारियों को मालामाल किया; गरीबों की गरीबी का सहारा बाना

हमीरपुर जिला जो अति पिछड़ा और बदहाली के नाम से भले ही माना जाता तो लेकिन यहां से गुजरने वाली दो नदियां बेतवा और केन सोना उगलती हैं। जिसका दोहन कर के सत्ताधारी हमेशा से ही मालामाल होते चले आये हैं, और अब भी कुछ वैसे ही हाल हैं। इस इलाके के लोग रोजी रोटी की तलाश में बड़ी तादात में पलायन करते चले आये हैं, और अभी भी बहुतायत में लोग बाहर हैं। कुछ बचे हुए लोगों को बेतवा नदी से सहारा मिला है। यहां नदी के किनारे बसे बड़ी तादात में लोग मौरम का व्यवसाय करने में लगे हैं। मेहनत मशक्कत कर के अच्छी खासी आमदनी कमा रहे हैं।

हमीरपुर से होकर गुजरने वाली बेतवा नदी, जिसकी छाती को चीर कर लोगों ने लाल सोना निकला और मालामाल हो गये। अब इसी बेतवा नदी ने सहारा दिया है। उन गरीब किसानों और बेरोजगारों को जो पलायन के हालात से दो-चार हो रहे थे। ऐसे हालात में अब इन लोगों ने बेतवा नदी से लाल सोना निकाल कर अपनी जीविका चलानी शुरू कर दी है। यह गरीब किसान टीम बना कर नदी से लाल सोना निकाल रहे हैं, और रोज़ 5-6 सौ रुपये बचा कर खुशहाली की जिदगी जी रहे हैं।

बेरोजगारों को मिला रोजगार

वैसे तो बिना इजाजत के नदी से बालू निकालना जुर्म है। लेकिन नदी के किनारे बसे गावों के लोगों को कानूनन इजाजत है कि वह अपना घर बनाने के लिये बालू निकाल सकते हैं। बैलगाड़ी या घोड़ागाड़ी से ले जा सकते हैं। बस इसी का फायदा उठा कर इस इलाके के बेरोजगार लोगों ने रोजगार निकाल लिया है। कुछ लोगों ने पैसे खर्च कर के नावें खरीद लीं, तो कुछ किसानों ने पैसे खर्च कर के ई-रिक्शे खरीद लिए, जिसके जरिये इस मोरंग के कारोबार में लगे लोग मुख्यालय के आस-पास के इलाकों में मौरम पहुंचाने में लगे हैं, और मनरेगा मजदूरों से बेहतर कमाई कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *