ग्वालियर … मुर्दा को जिंदा बताकर करते रहे इलाज….डॉक्टर बिल बढ़ाते रहे ?

एक्सीडेंट में घायल युवक की प्राइवेट हॉस्पिटल में मौत, मृतक के पिता बोले- मौत तो दो दिन पहले हो गई, पर डॉक्टर बिल बढ़ाते रहे

ग्वालियर में निजी हॉस्पिटल का एक और कारनामा सामने आया है। हॉस्पिटल के डॉक्टरों पर मृत मरीज को जिंदा बताकर दो दिन तक इलाज कर बिल बढ़ाने का आरोप लगाया गया है। झांसी के मोठ से होली वाले दिन विवेक नाम का घायल को इलाज के लिए जेएएच लाया गया था। जेएएच के गेट से कोई दलाल प्राइवेट हॉस्पिटल में ले गया।

यहां सोमवार दोपहर घायल की मौत की पुष्टि डॉक्टरों ने की है। मृतक विवेक के परिजन के हंगामा और चक्काजाम कर दिया। उनका कहना था कि दो दिन पहले ही विवेक की मौत हो चुकी थी, लेकिन पैसा बनाने के चक्कर में डॉक्टर उसे वेंटीलेटर पर रखे रहे। हंगामा की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। परिजन को समझाकर जाम खुलवाया। पुलिस ने परिजन को कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

मृतक के परिजन को समझाती पुलिस।
मृतक के परिजन को समझाती पुलिस।

यह है पूरा मामला

झांसी के मोठ निवासी 25 वर्षीय विवेक रायकवार ट्रेवल्स एजेंसी का संचालन करते हैं। 18 मार्च की सुबह विवेक एक्टिवा से आ रहा था, तो पीछे से तेज रफ्तार वाहन टक्कर मार गया था। जिसमें वह गंभीर घायल हो गया था। झांसी से उसे ग्वालियर रैफर किया गया था। परिजन उसी शाम को घायल को लेकर जेएएच के ट्रॉमा सेंटर पहुंचे थे। अस्पताल के बाहर ही एक रोहित नाम का एजेंट मिला।

उसका कहना था कि होली के कारण जेएएच में डॉक्टर नहीं हैं। इससे अच्छा तो मरीज को आयुष मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती करा दीजिए। जहां सोमवार दोपहर उसे मृत घोषित कर दिया गया था। मृतक के परिजन का आरोप है कि विवेक की मौत होने के बाद भी उसे वेंटीलेटर पर रखे रहे। जब परिजनों ने विवेक को दूसरे डॉक्टर के यहां ले जाने की बात कही, तो आयुष हॉस्पिटल प्रबंधन ने विवेक को मृत घोषित कर दिया।

मृतक के पिता के मांगे जाने पर मृतक की केस फाइल भी नहीं दिखाई गई है। इस बात से कहीं न कहीं अस्पताल प्रबंधन शक के घेरे में आ रहा है। इसके बाद परिजन ने हंगामा कर जाम लगा दिया।

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