अधूरी खराब सड़क का टोल, मुफ्त में गुजर रहे नेता-अफसर, आमजन से वसूल रहे 300 रुपए टोल टेक्स
अधूरी और खराब सड़क का भी टोल टेक्स लिया जा रहा
भोपाल/ब्यावरा. मध्यप्रदेश सरकार ने हाल ही में कुछ टोल नाकों पर वाहन चालकों को राहत दी है, लेकिन सिर्फ वे टोल इस दायरे में आ रहे हैं, जो स्टेट हाइवे के हैं अथवा पहले ही बंद हो चुके हैं। बड़े और नेशनल हाइवे के ऐसे टोल नाके, जो रोड की लागत से ज्यादा वसूली कर चुके हैं, वहां कोई राहत नहीं मिल पाई है। स्थिति ये है कि एक मार्ग पर दो—तीन टोल बनाकर 300 रुपए तक लिए जा रहे हैं. इतना ही नहीं अधूरी और खराब सड़क का भी टोल टेक्स लिया जा रहा है।
पास के राजगढ़ जिले को जोडऩे वाले तीन फोरलेन और एक स्टेट हाइवे पर हर जगह वाहन चालकों को टोल चुकाना पड़ता है, जबकि नेता टोल बचा लेते हैं, अफसरों का टोल लगता नहीं है, पुलिस को राहत मिलती है। बस सीधा असर आमजन पर पड़ता है।
भोपाल-देवास फोरलेन पर टोल प्लाजा वाले भरपूर वसूली कर चुके हैं। इतनी राशि आ चुकी है कि फोरलेन दो बार बन जाए। कुल मिलाकर निजी एजेंसियों को टोल वसूली का जिम्मा देकर एनएचएआइ ने उनका कमाई का माध्यम टोल को बना दिया है, जबकि सडक़ पर जरूरी सुविधाएं न के बराबर हैं।
गुना-ब्यावरा फोरलेन: गुना तक दो टोल उक्त फोरलेन पर पड़ते हैं, जिसमें 300 से अधिक का खर्च आने-जाने में होता है। इस प्रोजेक्ट में भी वसूली एजेंसी द्वारा की जा रही है।
भोपाल-ब्यावरा फोरलेन: भोपाल तक दो टोल इस रोड पर पड़ते हैं, जिसमें आने-जाने में 250 रुपए से अधिक वाहन चालक के खर्च होते हैं। करीब दो साल से यह वसूली शुरू हुई है, लेकिन तय समय के बाद रोड हैंड ओवर नहीं हुआ।
देवास-ब्यावरा फोरलेन: करीब तीन साल पहले बने रोड का टोल 80 फीसदी निर्माण होने के दौरान ही वसूला जाने लगा। अब रोड सीसी होने के कारण कई जगह गड्ढे हो गए हैं, रोड की सूरत भी इतने कम समय में बिगडऩे लगी है।