ताजमहल में टिकट ब्लैक का खेल:​​​​​​ …. लपके बने फर्जी गाइड, बार कोड स्कैनर के आसपास नहीं चलता इंटरनेट, ऑफलाइन टिकट विंडो है बंद

ताजमहल पर ऑफलाइन टिकट विंडो न खुलने के कारण टिकट ब्लैक किए जा रहे हैं। ताजमहल के पूर्वी और पश्चिमी गेटों पर ब्लैक में टिकट बेचते लपकों की तस्वीरें कैमरे में कैद हैं। मामले में पुरातत्व विभाग अपनी ऑनलाइन टिकट व्यवस्था के सुचारू होने की बात कह रहा है, लेकिन रोजाना तमाम पर्यटकों को टिकट न मिलने के चलते बिना ताजमहल देखे वापस जाना पड़ रहा है। लपकों के लिए डीएम ने अगले महीने से ताजमहल पर एक एसडीएम की ड्यूटी लगाई जाने की बात कही है।

ताजमहल में एंट्री के इंतजार में खड़े पर्यटक।
ताजमहल में एंट्री के इंतजार में खड़े पर्यटक।

बता दें की कोरोनाकाल में ताजमहल बंद रहा और फिर सीमित संख्या में प्रवेश की शर्त पर ताजमहल को आम पर्यटकों के लिए खोला गया। इसके बाद माहौल सही होने पर कुछ दिन ऑफलाइन टिकट विंडो खोली गई और फिर बंद कर दी गई। ऑनलाइन टिकट की शुरुआत से ही ताज देखने आने वालों को शिकायत है कि जहां पर बार कोड की स्टैंडी लगाई जाती है, वहां इंटरनेट काम नहीं करता है। स्टाफ की कमी के चलते पुरातत्व विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। पर्यटक काफी समय से ऑफलाइन टिकट विंडो खुलवाने की मांग कर रहे हैं।

अनदेखी का फायदा उठा रहे लपके

पुरातत्व विभाग अपनी वेबसाइट पर 17 हजार टिकट एक दिन में बुक होने का रिकॉर्ड साझा करके ऑनलाइन टिकट प्रणाली को दुरुस्त ठहरा रहा है और ताजमहल के गेटों पर टिकट ब्लैक को रोकने की जिम्मेदारी ताज सुरक्षा पुलिस की बता रहा है। पुलिस कर्मी भी सुविधा शुल्क के चलते ऑफलाइन टिकट बेचने वाले लपकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।

इन सबके बीच अवैध गाइड टिकट समेत 375 रुपए में ताजमहल दिखाने का ठेका ले रहे हैं। ऐसे में लोग मजबूरन बिना ताजमहल देखे लौट रहे हैं। कानपुर से आए गोलू दीक्षित का कहना है कि हम गाइड के साथ नहीं घूमना चाहते थे और टिकट स्कैन नहीं हो रहा था। इस कारण वापस लौटना पड़ा है। बिहार से आए मुकेश भी इसी दिक्कत के चलते बिना ताजमहल देखे लौट गए।

पूर्वी गेट पर कम तो ताजमहल पश्चिमी गेट पर आते हैं ज्यादा पर्यटक।
पूर्वी गेट पर कम तो ताजमहल पश्चिमी गेट पर आते हैं ज्यादा पर्यटक।

पकड़ने पर मामूली है कार्रवाई

स्मारकों पर लपकों का आतंक खत्म करने के लिए खुद सीएम योगी तक आदेश दे चुके हैं पर मजबूरी यह है कि इसके लिए कोई अलग धारा नहीं है और पुलिस जब भी इन्हें पकड़ती है तो मात्र 151 की धारा में चालान करना पड़ता है और आरोपी को निजी मुचलके पर जमानत मिल जाती है।

क्या कहते हैं अधिकारी

मामले में पुरातत्व अधीक्षक आरके पटेल का कहना है कि हमारी वेबसाइट पर सभी स्मारकों के टिकट ऑनलाइन बुक हो रहे हैं। एक दिन में 17 हजार टिकट वेबसाइट से बुक हुए हैं, इसका मतलब है कि वेबसाइट सुचारू रूप से काम कर रही है। ताजमहल परिसर के बाहर की किसी भी गतिविधि की जिम्मेदारी ताज सुरक्षा और थाना ताजगंज पुलिस की है। एसएसपी सुधीर कुमार ने ताजमहल समेत सभी स्मारकों पर लपकों के खिलाफ अभियान चला कर कार्रवाई की बात कही है।

ताजमहल पर होगी एसडीएम की तैनाती

ताजमहल पर लपकों को रोकने के लिए जिलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह ने एक एसडीएम की तैनाती के निर्देश दिए हैं। अगले महीने से गाइडों को यूनिफार्म और बायोमेट्रिक कार्ड से काम करने व गाइड शुल्क बोर्ड पर लिखवा दिया जाएगा, ताकि पर्यटकों को कोई परेशानी न हो।

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