योगीराज 2.0 … कानपुर और बुंदेलखंड क्षेत्रों से घटी महिला मंत्रियों की संख्या, जीत के बावजूद नहीं मिला मौका

योगी आदित्यनाथ के नए कैबिनेट में कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र से इस बार मात्र एक महिला विधायक को शामिल किया गया है। जबकि इससे पहले 2017 में इन क्षेत्रों से 3 महिला मंत्रियों को पद दिए गए थे।
प्रतिभा शुक्ला, नीलिमा कटियार, अर्चना पांडेय, कमलरानी वरुण 
प्रतिभा शुक्ला, नीलिमा कटियार, अर्चना पांडेय, कमलरानी वरुण

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में शानदार जीत के बाद योगीराज 2.0 की शुरूआत हो गई है। मुख्यंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ 52 कैबिनेट मंत्रियों ने शपथ ली है। इस बार मंत्रीमंडल में पांच महिलाओं को स्थान दिया गया है, जिनमें एक कैबिनेट मंत्री, एक राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और तीन को राज्य मंत्री बनाया गया है। वहीं वर्ष 2017 में महिला मंत्रियों की संख्या में कानपुर और बुंदेलखंड की भागीदारी अधिक थी। पिछली बार इन क्षेत्रों से अर्चना पांड़ेय, कमलरानी वरुण और निलिमा कटियार को मंत्री बनाया गया था।

योगीराज 2.0 में केवल विधायक प्रतिभा शुक्ला को अकबरपुर-रनियां सीट से ब्राह्मण बिरादरी में पकड़ मजबूत करने के लिए मंत्री पद दिया गया है। वहीं वर्ष 2017 के कैबिनेट में नीलिमा कटियार कानपुर नगर (राज्यमंत्री) और अर्चना पांडेय कन्नौज (राज्यमंत्री) (दो साल बाद हटा दी गईं) शामिल थीं। इसके अलावा कमलरानी वरुण कानपुर नगर कैबिनेट मंत्री का बीच में ही निधन हो गया था।

प्रतिभा शुक्ला
प्रतिभा शुक्ला अकबरपुर रानिया विधानसभा से लगातार दूसरी बार जीतकर उत्तर प्रदेश विधानसभा में पहुंची हैं। यह सीट कानपुर देहात जिले का हिस्सा है। इस क्षेत्र के ब्राह्मण समुदाय में पैठ रखने वाली प्रतिभा शुक्ला भारतीय जनता पार्टी से पहले भी राजनीति में कामयाब रही थीं।नीलिमा कटियार
कल्याणपुर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी नीलिमा कटियार ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की है। इससे पहल वो 2017 में जीतीं थी और उन्हें मंत्रीमंडल में शामिल किया गया था।

अर्चना पांडेय
भाजपा प्रत्याशी और पूर्व राज्य मंत्री अर्चना पांडेय ने कन्नौज जिले की छिबरामऊ विधानसभा क्षेत्र से लगातार दूसरी बार जीत हासिल कर एक नया इतिहास रचा। छिबरामऊ विधानसभा से अर्चना पांडेय एकमात्र महिला प्रत्याशी हैं, जिन्होंने यहां से लगातार दूसरी बार चुनाव जीता है। वर्ष 2017 में इन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया था, लेकिन इस बार मौका नहीं मिला है।कमलरानी वरुण 
वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव में घाटमपुर सीट से जीत हासिल करने के बाद कमलरानी वरुण को प्रावधिक शिक्षा मंत्री बनाया गया था। लेकिन अपने कार्यकाल के दौरान ही कोरोना से उनका अकास्मिक निधन हो गया था। आपको बता दें कि घाटमपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा बना रहा, इस क्षेत्र में कमलरानी वरुण ने भाजपा की जमीन तैयार की।

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