सुविधा शुल्क की हो रही वसूली पर सुविधा के नाम पर शून्य है बस स्टैण्ड
न यात्रियों की बैठने की व्यवस्था न ही तपती गर्मी में शुद्ध पेयजल की सुविधा….
शहडोल. शहर का आइना कहा जाने वाला बस स्टैण्ड बेनूर हो गया है। जहां से नगर पालिका सुविधा शुल्क तो वसूल रही है लेकिन सुविधा के नाम पर यहां परेशानी के सिवा कुछ भी नहीं है। नगर पालिका और यातायात पुलिस की अनदेखी से पूरा बस स्टैण्ड बस संचालकों के लिए मनमानी का अड्डा बन गया है। जिसकी जहां जैसी मर्जी वैसे ही बसें खड़ी कर रही है। बस स्टैण्ड में ही बसों के पहिए बदले जाते हैं और रिपयेरिंग की जाती है। ऐसे में उन बसों को खड़े होने के लिए जगह नहीं मिल पाती है जिन्हे गंतव्य के लिए रवाना होना है। ऐसे में आए दिन जहां विवाद की स्थिति निर्मित होती है वहीं बेतरतीब खड़ी बसों की वजह से जाम लग जाता है। बसों को बस स्टैण्ड से सड़क तक आने में 10 से 15 मिनट का समय लग जाता है। इस बीच विवादास्पद स्थितियां निर्मितत होने लगती हैं।
बसों से प्रतिट्रिप ले रहे 70 रुपए
नगर पालिका द्वारा बस स्टैण्ड से गुजरने वाले प्रत्येक बसों से प्रति ट्रिप 70 रुपए शुलक वसूल किए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार मुख्यालय से लगभग 150 बसों का संचालन हो रहा है। ऐसे में एक ट्रिप का भी आकलन किया जाए तो प्रतिदिन नगर पालिका को बस स्टैण्ड से 10 हजार 500 रुपए शुल्क मिल रहे हैं। इसके अलावा कई बसों दिन में दो से तीन ट्रिप यहां से होकर गुजरती हैं।
बेतरतीब खड़ी हो रही बसें, बना लिया गैरेज
बस संचालकों ने पूरे बस स्टैण्ड में कब्जा जमा रखा है। जहां मर्जी वहीं पर बसें खड़ी कर देते हैं। बस स्टैण्ड में बेतरतीब खड़ी बसों की वजह से आए दिन यात्रियों को परेशानी से दो चार होना पड़ता है। इतना ही नहीं कई बस संचालकों ने बस स्टैण्ड को ही गैरेज बना रखा है। प्रतिदिन बसों के पहिए बदनला, मेंटेंनेंस सहित अन्य कार्य बस स्टैण्ड में ही बसों को खड़ा कर किया जाता है। ऐसे में अन्य बसों के खड़े होने के लिए जगह ही नहीं बचती है। जबकि पूर्व में पुलिस द्वारा कार्रवाई करते हुए ऐसी बसों को हटवाया गया था। जिसके बाद फिर से बस संचालकों ने इसे गैरेज बना दिया है।
प्रतिदिन सफर कर रहे 5 हजार यात्री
उल्लेखनीय है कि उक्त बस स्टैण्ड से प्रतिदिन 4-5 हजार यात्री आवागमन करते हैं। इन यात्रियों को सुविधाओं के नाम पर नगर पालिका कुछ भी मुहैया नहीं करा पा रही है। यहां तक कि पीने के पानी के लिए भी यात्रियों को अपनी जेब का पैसा का खर्च करना पड़ता है। एक वाटर कूलर यहां पर लगाया गया था वह भी बंद पड़ा है। यहां न तो समुचित बैठने के लिए जगह है और न ही समुचित साफ-सफाई। जिसके चलते आम नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
समय से पहले खड़ी कर दे रहे बसें
निर्धारित समय से आधा घंटा पहले बसों को बस स्टैण्ड में खड़ा करने का प्रावधान है। जिसके विपरीत बस संचालक 4-5 घंटे पहले से ही बसों को लाकर खड़ा कर देते हैं। जिनमें सबसे ज्यादा लंबी दूरी की बसें होती है। ऐसे में उन बसों को स्थान नहीं मिल पाता है जिन्हे निर्धारित समय पर निकलना होता है। ऐसे में बस स्टैण्ड पहुंचने वाले यह बसें जहां जगह मिलती है वहीं पर खड़ा कर देते हैं। जिसके चलते जाम की स्थिति निर्मित होती है।
इनका कहना है
बस स्टैण्ड में सुविधाओं का अभाव है। अव्यवस्थाओं के चलते यात्रियों को परेशानी हो रही है। नगर पालिका और यातायात पुलिस इस ओर ध्यान दें तो इसे व्यवस्थित किया जा सकता है। जिससे बसों के संचालन के साथ ही यात्रियों को भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
ओमकार शर्मा
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बस स्टैण्ड में पेयजल के साथ ही यात्रियों के बैठने की समुचित व्यवस्था नहीं है। बसें अव्यवस्थित ढ़ंग से खड़ी होती हैं जिसके चलते यात्रियों को परेशानी होती है। भवन भी जर्जर हो गया है जिसके मरम्मत की आवश्यकता है।
फरीद खान
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बस स्टैण्ड में अव्यवस्था की स्थिति निर्मित है। समय से पहले बसों को खड़ा कर दिया जा रहा है। नगर पालिका प्रति ट्रिप बसों से राशि तो वसूल कर रही है लेकिन सुविधा के नाम पर यहां कुछ भी नहीं है। जिसके चलते यहां यात्री परेशान होते हैं। नगरपालिका को यात्री सुविधाओं में इजाफ करना चाहिए
भागवत प्रसाद गौतम, अध्यक्ष बस ऑनर्स एसोसिएशन शहडोल।