bhind .. व्यापारी बोले- 2005 में नजूल ने 80 फीट की मानी थी सदर बाजार की सड़क, अब 90 फीट कहां से हो गई

नगरपालिका के नोटिस का दिया जवाब ….

शुक्रवार की शाम सदर बाजार के व्यापारी नगरपालिका के नोटिस का जवाब देने पहुंचे। व्यापारियों ने नगरपालिका अधिकारियों से कहा कि वर्ष 2005 में हम भूमिस्वामियों से एक ने पुनः निर्माण के लिए नजूल से अनापत्ति मांगी थी। तब नजूल ने सड़क के मध्य से 40 फीट छोड़कर निर्माण करने के निर्देश दिए थे। यानि उस समय सड़क की चौड़ाई 80 फीट मानी थी। उन्होंने इस संबंध में नगरपालिका सीएमओ सुरेंद्र शर्मा को दस्तावेज भी दिए हैं।

बता दें कि सदर बाजार में फुटपाथ खाली कराने के लिए नगरपालिका ने 136 लोगों के मकान पर लाल निशान लगाकर उन्हें नोटिस दिए थे। नोटिस में कहा गया था कि एक अप्रैल तक या तो वे स्वयं अतिक्रमण हटा लें। अथवा स्वयं या अपने अभिभाषक के माध्यम से दस्तावेज प्रस्तुत करें। इसके तहत शुक्रवार की शाम 67 व्यापारी दस्तावेज लेकर नगरपालिका पहुंचे और अपना पक्ष रखा।

नगरपालिका सीएमओ शर्मा और बाबू राजेंद्र चौहान ने व्यापारियों के दस्तावेज की प्रतियां ले ली है। अब उनका विधि विशेषज्ञों से परीक्षण कराया जाएगा। इसके बाद नगरपालिका की अगली कार्रवाई तय होगी।

व्यापारियों ने दिए तर्क – नपा ने पूर्व में ही कर दिया था सुल्तानी बयनामा

  • नजूल विभाग के द्वारा 26 जुलाई 1971 को डिप्टी कलेक्टर ने अपनी रिपोर्ट में मध्य से 36 फीट सड़क एवं दोनों ओर 10 फीट का फुटपाथ, 8 फीट का फड़ नंबर एक और 5 फीट का फड़ नंबर दो दोनों ओर बताया गया है, जिसमें नजूल विभाग ने दो नंबर फड़ पांच फीट छोड़कर निर्माण की अनुमति दी है।
  • नगरपालिका ने पूर्व में ही सुल्तानी बयनामा कर फड़ क्रमांक (5 फीट) और फड़ क्रमांक दो (8 फीट) कुल 13 को भूमि स्वामियों को विक्रय कर दिया है।
  • जगमोहन श्रीवास्तव समिति के निर्णय अनुसार नगरपालिका द्वारा सदर बाजार बेचे गए फड़ क्रमांक एक जिसकी चौड़ाई आठ फीट है, उसे सौंदर्यीकरण के तहत एक समान फर्श एवं छत कॉलम अनुसार बनाए जाने निर्देश दिए गए थे। साथ ही समिति के निर्णय के पालन में वर्ष 1976 में नगरपालिका ने नोटिस भी भूमिस्वामियों को दिए थे।
  • नजूल विभाग द्वारा अपने पत्र क्रमांक क्यू/ नजूल/ 76/ 359 दिनांक 3 सितंबर 1976 के अनुसार मुख्य नगरपालिका अधिकारी को पत्र जारी कर विक्रीत फुटपाथ के बारे में अवगत भी कराया गया है।
  • नगरपालिका की ओर से 1982 में सदर बाजार की नजूल अनापत्ति को वैद्य मानते हुए विक्रीत फड़ के भाग को छोड़कर रोड के दोनों ओर फुटपाथ मिलाकर मय डिवाइर, नाली के रोड निर्माण कराया गया।
  • वर्ष 2009 में नगरपालिका भिंड ने विक्रीत फुटपाथ को नवीन निर्माण हेतु जबरन तोड़ने का प्रयास किया था, जिसके विरुद्ध हम भूमिस्वामियों के प्रतिनिधि विक्रय पत्र लेकर जिला न्यायालय गए थे। जहां उसे वैद्य माना गया था। साथ ही परिषद के द्वारा सुल्तानी बयनामा, नजूल अनापत्ति को ध्यान में रखकर तोड़फोड़ न करने का प्रस्ताव पास किया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *