ऐसे जीतेंगे हम मेडल? स्कूलों में खेल प्रतिभाओं के साथ मजाक; हिंदी, गणित, विज्ञान के शिक्षकों को पांच दिन की ट्रेनिंग देकर स्पोर्ट्स टीचर बनाएंगे

विभाग ने स्पोर्ट्स टीचर की कमी को पूरा करने के लिए अनूठा तरीका निकाला है, जिसके अनुसार सरकारी स्कूल के हिंदी, गणित, विज्ञान के शिक्षक को सिर्फ 5 दिन में खेल प्रशिक्षक बनाया जाएगा …..

खिलाड़ी बनने के लिए सालों की लगन, मेहनत, अनुभव और समर्पण होता है। वहीं खेल प्रशिक्षक बनने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी को भी डिग्री या डिप्लोमा लेना पड़ता है, लेकिन लगता है मध्यप्रदेश के लोक शिक्षक संचालनालय (स्कूल शिक्षा विभाग) ऐसा नहीं समझता।

विभाग ने स्पोर्ट्स टीचर की कमी को पूरा करने के लिए अनूठा तरीका निकाला है, जिसके अनुसार सरकारी स्कूल के हिंदी, गणित, विज्ञान के शिक्षक को सिर्फ 5 दिन में खेल प्रशिक्षक बनाया जाएगा। ये ऐसे शिक्षक होंगे, जिन्होंने कभी हाथ में न गेंद पकड़ी और न ही खेलों से या फिजिकल फिटनेस से कोई वास्ता रहा। ये शिक्षक स्कूल में अपने विषय तो पढ़ाएंगे ही, साथ ही 5 दिनी ट्रेनिंग लेकर खेल प्रतिभा को निखारकर देश-दुनिया के सामने ला सकेंगे।

अजीब तर्क- जैसे लाइब्रेरियन नहीं होने पर दूसरे शिक्षकों को लाइब्रेरी का चार्ज देते हैं, वैसे ही खेल प्रशिक्षक का भी चार्ज देंगेे

5 दिन में चयनित 14 खेलों का प्रशिक्षण देंगे

5 दिन में 14 खेलों का प्रशिक्षण देकर प्रभारी खेल प्रशिक्षक बनाएंगे। हम चाहते हैं कि जैसे लाइब्रेरियन नहीं होने पर लाइब्रेरी का चार्ज देते हैं वैसे ही खेल प्रशिक्षक न होने पर दूसरे विषय के शिक्षकों को खेल इंचार्ज बना सकें।
– धीरेंद्र चतुर्वेदी, ज्वाइंट डायरेक्टर, स्कूल शिक्षा विभाग

हर साल निकलते हैं 3950 स्पोर्ट्स ग्रेजुएट, लेकिन 14 साल से कोई वैकेंसी नहीं निकली

ऐसा नहीं है कि प्रदेश में खेल प्रशिक्षक न हों। हमारे प्रदेश में खेल में ग्रेजुएशन कराने वाले 39 कॉलेज हैं। इनमें से हर साल 3950 खेल प्रशिक्षक निकलते हैं, लेकिन मध्यप्रदेश में इनके लिए 2008 के बाद से वैकेंसी नहीं निकली हैं। हम विभाग में स्वीकृत पद तो हैं, लेकिन रिक्त पड़े हैं।

शिक्षा विभाग में कार्यरत अर्जुन अवाॅर्डी राजेश यादव कहते हैं कि अगर राज्य-राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को अतिथि प्रशिक्षक बनाकर भी अस्थायी अपाइंट किया जाए तो हमारे गांवों से ऐसे खिलाड़ी निकलेंगे जो देश का नाम रोशन करेंगे। ये प्रयास तो खेल का माहौल बनाने के लिए है।​​​​​

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