लखनऊ में बनेगी डिजिटल फॉरेंसिक लैब … साइबर अपराधियों को पकड़ने के लिए तैनात होंगे एक्सपर्ट्स, थानों को आधुनिक संसाधनों से किया जाएगा लैस
यूपी में साइबर ठग फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को अपने चंगुल में फंसा रहे हैं। लोग अपनी जरूरत की चीजों को खोजते हुए इनकी वेबसाइट पर पहुंचते ही इनका शिकार हो रहे हैं। इस साइबर अपराध के नए ट्रेंड से निपटने के लिए गृह विभाग ने एक बड़ी कार्य योजना बनाई है। जिसमें लखनऊ में डिजिटल फॉरेंसिक लैब और जोन स्तर पर साइबर फॉरेंसिक लैब बनाने जा रही है।
साइबर अपराधियों तक पहुंचने के लिए विशेषज्ञों की तैनाती के साथ उनका डाटा बैंक तैयार किया जाएगा। जिससे आने वाले समय में न सिर्फ साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी आसान होगी, बल्कि लंबित विवेचना को तेजी से पूरा कर सजा भी कराई जा सके। वहीं आजकल फर्जी वेबसाइट बनाकर साइबर ठगी के नए ट्रेंड पर नजर रखने के लिए साइबर सेल को अलर्ट किया गया है।
नामी कंपनी की फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को बना रहे शिकार
साइबर सेल मुख्यालय की तरफ से जारी गाइड लाइन के हिसाब से आजकल साइबर ठग फर्जी वेबसाइट और कस्टमर केयर अधिकारी बनकर लोगों को शिकार बना रहे हैं। जिसके चलते लोगों किसी को भी अपने बैंक एकाउंट डिटेल साझा न करने की अपील की गई है।
साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे के मुताबिक साइबर ठग आजकल धार्मिक यात्राओं और ऑन लाइन शॉपिग एप की फर्जी वेबसाइट तैयार कर रहे हैं। जिन पर विजिट करने वाले लोगों को अपनी बातों में फंसाकर लुभावने ऑफर देते हैं। उसके कुछ दिन बाद कस्टमर केयर अधिकारी बनकर बुकिंग व अन्य चेक लिस्ट लगाकर खाते की जानकारी लेकर ठगी कर रहे है।
केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर बुकिंग के नाम पर ठगी की थी
लखनऊ में 16 अप्रैल को केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर का टिकट बुक कराने के नाम पर छोटा भरवारा स्थित दुर्गापुरी कालोनी में ओमप्रकाश मिश्रा से ठगी हुई। उनके मुताबिक गूगल पर सर्च कर हिमालयन हैलीपेड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड का एड देखा। जिसके बाद उन्होंने हेलीकॉप्टर का टिकट पाटा से केदारनाथ के लिए बुक कराया था। इसके एवज में उन्होंने कंपनी को खाते में 9440 रुपये ट्रांसफर किये थे। उसके बाद पता चला कि वह फर्जी था।
इसी तरह महानगर निवासी संगीता विज ने एक कास्मेटिक प्रोडक्ट ऑन लाइन मंगाने के लिए 17 हजार रुपए का भुगतान किया। सामान न आने पर कस्टमर केयर नंबर पर संपर्क किया तो पता चला कि जिस साइट पर सामान बुक किया वह फर्जी थी। इसी तरह पिछले एक महीने में दर्जन भर मामले लखनऊ साइबर सेल में आ चुके हैं।
साइबर ठगों पर नकेल कसने के लिए सेंटर ऑफ एक्सेलेंस की स्थापना होगी
गृह विभाग साइबर क्राइम के समय-समय पर बदलते ट्रेंड को देखते हुए सभी साइबर थानों को आधुनिक संसाधनों से लैस करने जा रहा है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक 18 जोन में बनाए गए साइबर थानों को अपने प्रशासनिक भवनों के साथ अन्य जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
साइबर क्राइम मुख्यालय पर शोध, प्रशिक्षण और विवेचना में तकनीकी सहायता के लिए साइबर विशेषज्ञ की नियुक्ति होगी। साथ ही मुख्यालय पर उच्च कोटि का सेंटर ऑफ एक्सेलेंस विकसित किया जाएगा। इसके अलावा हर जिले में सर्टिफाइड क्राइम प्रिवेंशन स्पेशलिस्ट (सीसीपीएस) की स्थापना की जाएगी।
साइबर ठगी होते ही करें 1930 पर फोन
केंद्र सरकार के सिटीजन फाइनेंशियल फ्राड रिपोर्टिंग सिस्टम के तहत जारी राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 1930 को प्रदेश की यूपी 112 सेवा से जोड़ दिया गया है। साइबर ठगी होते ही कोई भी व्यक्ति 24 घंटे इस नंबर पर काल कर शिकायत दर्ज करा सकता है। इसके साथ ही https://cybercrime.gov.in/ पर जाकर भी शिकायत करें। यहां शिकायत दर्ज कराने के बाद ऑन लाइन फ्राड की ट्रांजेक्शन आईडी के जरिए लेनदेन को रोक दिए जाएगा।
साइबर ठगी से बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान
- बैंक से खाते की केवाईसी अपडेट कराने के लिए कभी भी किसी से व्यक्तिगत जानकारी/ओटीपी/सीवीवी/पिन नम्बर नहीं मांगा जाता।
- किसी के कहने से कोई भी ऐप डाउनलोड न करें।
- किसी भी वेबसाइट पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से पहले अच्छी तरह जांच लें।
- ऑनलाइन सेवाएं देने वाली कम्पनियों व सरकारी विभाग के कस्टमर केयर का नम्बर आधिकारिक वेबसाइट से ही लें।
- अज्ञात व्यक्ति/अज्ञात मोबाइल नम्बर से भेजी गई लिंक को क्लिक न करें।
- सरकारी उपक्रम, वेबसाइट या फण्ड की आधिकारिक वेबसाइट से ही ट्रांजेक्शन करें। वॉलेट और केवाईसी का अपडेट ऑथराइज्ड सेन्टर पर जाकर ही कराएं।
- सोशल एकाउन्ट व बैंक खातों का पासवर्ड स्ट्रांग बनायें, जिसमें नम्बर अक्षर और चिन्ह तीनो हों, साथ ही टू-स्टेप-वेरिफिकेशन लगाये रखे।