केरल के राज्यपाल आरिफ खान बोले-:भारत को सनातन धर्म के सिद्धांतों को दोबारा जिंदा करना चाहिए, इसके लिए शिक्षा जरूरी

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के कलान कस्बे में एक प्राइवेट स्कूल का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने देश में उचित शिक्षा का प्रसार करके भारत की पुरानी संस्कृति को पुनर्जीवित करने और सनातन धर्म के सिद्धांतों को बहाल करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

खान ने कहा- ‘हमें अपनी पुरानी संस्कृति को फिर से जिंदा करने की दिशा में काम करना है, इसलिए नहीं कि हमें पीछे की तरफ जाना है, बल्कि इसलिए कि सनातन सिद्धांतों को वापस लाना है और यह शिक्षा के बिना संभव नहीं है। स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि मानव जीवन का उद्देश्य ज्ञान की प्राप्ति है और विनम्रता ज्ञान का परिणाम है। जिस किसी व्यक्ति के पास विनम्रता होती है, उसे कोई भी व्यक्ति नीचा नहीं दिखा सकता है।’

स्कूल में बच्चों से मिलते राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान।
स्कूल में बच्चों से मिलते राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान।

राज्यपाल ने कहा कि भारत विभिन्न समुदायों का समूह है। यहां सभी धर्मों का सम्मान और भागीदारी है। हमारा देश सदैव से सत्य और अहिंसा का वाहक रहा है। यह बात सभी को याद रखनी चाहिए। विद्वेष, घृणा और ईर्ष्या से आप जीतकर भी नहीं जीत पाते हैं, जैसे महाभारत में जीत के बाद भी आंसू बहे थे।

उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जहां इस्लाम, यहूदी और क्रिश्चियन के साथ किसी तरह का कोई भेदभाव नहीं होता है। मदीने के बाद भारत ही ऐसा देश है, जहां पहली मस्जिद बनी और वह भी हिंदू राजा ने बनवाई।

शाह बानो प्रकरण में राजीव गांधी से टकराव पर आए थे चर्चा में
23 अप्रैल 1985 को सुप्रीम कोर्ट ने शाह बानो केस में ऐतिहासिक फैसला दिया था। इसमें मुस्लिम महिलाओं के लिए तलाक के बाद भरण-पोषण भत्ता देने का प्रावधान किया गया था। इस फैसले का मुस्लिम धर्मगुरुओं ने कड़ा विरोध किया था। इसी दबाव में राजीव तत्कालीन गांधी सरकार ने ‘मुस्लिम महिला अधिनियम, 1986’ पारित करा दिया। राजीव गांधी के इस यू-टर्न से ही नाराज होकर आरिफ मोहम्मद खान ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वह चर्चा में आए थे।

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